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प्रश्न :
केंद्रशासित प्रदेशों में गवर्नर अथवा प्रशासकों की भूमिका को स्पष्ट करते हुए बताएँ कि क्या ये केंद्र के एजेंट मात्र हैं या ‘संघवाद’ की मूल भावना के निर्वाहक हैं?
27 Sep, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्थाउत्तर :
भूमिका में :- संघवाद के संक्षिप्त परिचय से उत्तर प्रारंभ करें। इसमें भारतीय संघवाद को स्पष्ट करते हुए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के विषय में संक्षिप्त रूप से चर्चा करें।
विषय-वस्तु में :-
भूमिका से लिंक रखते हुए प्रथम पैराग्राफ में केंद्रशासित प्रदेशों के शासन से संबंधित संवैधानिक प्रावधानों की चर्चा करते हुए केंद्रशासित प्रदेशों के प्रमुखों की भूमिका को लिखें, जैसे :
- प्रशासनिक प्रमुख के रूप में कार्य करना।
- दिल्ली और पुद्दुचेरी में विधानसभा के अवकाश काल में अध्यादेश प्रख्यापित करना।
- विधानमण्डलों द्वारा पारित कानूनों को राज्यपाल के लिये आरक्षित रखना इत्यादि।
चूँकि प्रश्न का मूल आशय केन्द्रशासित प्रदेशों के प्रशासकों की भूमिका का मूल्यांकन करना है अतः समीक्षात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुए इन पर केंद्र के एजेंट के रूप में कार्य करने के आरोप की चर्चा करें। साथ ही आरोप के एक पक्षीय होने के बारे में बताते हुए प्रशासकों की ईमानदार छवि को निम्नलिखित रूप में लिखें :-
- ये प्रशासक सामान्यतः ईमानदार भूतपूर्व नागरिक सेवा के अधिकारी या कद्दावर नेता होते हैं। ये किन्हीं राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिये नहीं बल्कि प्रशासन को सुचारु रूप से चलाने के उद्देश्य से नियुक्त किये जाते हैं।
- प्रशासन चलाने में ये प्रायः स्वायत्तता का उपयोग करते हैं।
- नीति आयोग तथा जीएसटी काउंसिल में इनका प्रतिनिधित्व एवं सुझाव महत्त्वपूर्ण होता है इत्यादि।
अंत में प्रश्नानुसार संक्षिप्त, संतुलित एवं सारगर्भित निष्कर्ष लिखें।
नोट : निर्धारित शब्द-सीमा में विश्लेषित करके लिखें।
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