आपदा से निपटने में समुदाय की भूमिका पर प्रकाश डालें।
14 Feb, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 3 आपदा प्रबंधनसमुदाय के सदस्य किसी भी आपदा के प्रभाव को कम करने में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। किसी भी आपदा से प्रायः समुदाय के आम लोग ही ज्यादा प्रभावित होते हैं। अभी तक वे निष्क्रिय शिकार नहीं रहे हैं बल्कि किसी भी आपदा का उन्होंने बहुत तत्परता से सामना किया है। किसी भी समुदाय के लोग स्थानीय भूविज्ञान से परिचित रहते हैं और खतरे के संदर्भ को जानते हैं। अतः शुरू से ही आपदा प्रबंधन कार्यक्रम में स्थानीय समुदायों के लोगों को शामिल किया जाना चाहिये क्योंकि यह आपदा प्रबंधन की क्षमता को विकसित करता है।
वर्तमान समय में गैर-सरकारी संगठन की सहभागिता आपदा प्रबंधन कार्यनीति को दुरुस्त बनाने तथा इसके न्यूनीकरण हेतु प्रभावी ढंग से संचालित करने की आवश्यकता है। इसके माध्यम से समुदाय में अनुकूलन क्षमता का विकास एवं विषम परिस्थितियों के प्रभाव से निपटने हेतु क्षमता विकसित की जा सकती है। गैर-सरकारी संगठन विज्ञान व पारंपरिक ज्ञान का सामंजस्य कर प्रतिकूल परिस्थितियों से निपटने में प्रभावी ढंग से कार्य रूप में परिणत हो रहे हैं। ये सरकार के साथ मिलकर आपदा न्यूनीकरण में महत्त्वपूर्व योगदान दे रहे हैं। जहाँ जनसमुदाय द्वारा इनकी स्वीकार्यता बढ़ी है वहीं सरकार द्वारा इन्हें अधिक से अधिक भूमिका निभाने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है। गुजरात, ओडिशा, असम, उत्तराखण्ड एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश में गैर-सरकारी संगठनों द्वारा किये गए कार्य उदाहरणीय हैं। गैर-सरकारी संगठन की भूमिका का यह विस्तार निश्चय ही भारत में आपदा न्यूनीकरण में अपनी भूमिका को और सार्थक बनाएगा।
प्राकृतिक आपदाओं को रोकना कठिन है, पर आपदा प्रबंधन के विभिन्न उपाय कर इनसे होने वाले नुकसानों को कम ज़रूर किया जा सकता है। कुछ कानूनी, रचनागत और गैर-रचनागत उपायों, आधारभूत नीतियों में परिवर्तन तथा आपदा प्रबंधन गतिविधियों को विकास योजनाओं की गतिविधियों से जोड़कर आपदाओं के प्रभाव को पूरी तरह तो नहीं लेकिन काफी हद तक कम किया जा सकता है। आपदा को कम करने में समुदाय की विशेष भूमिका होती है। हम सब समुदाय के अंग हैं, अतः आपदारहित जीवन जीने के लिये हम सबको मिलकर, जागरूक रहकर आपदा प्रबंधन की गतिविधियों में ज़ोर-शोर से भाग लेकर अपना महत्त्वपूर्ण योगदान देना चाहिये।