भारत में पर्यटन क्षेत्र के विकास हेतु चलाई गई सरकारी योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए बताएँ कि ये योजनाएँ अपने उद्देश्यों में कितनी सफल हो पाई हैं?
03 Feb, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था
उत्तर की रूपरेखा:
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विशाल भौगोलिक संरचना तथा समृद्ध ऐतिहासिक विरासत के कारण भारत में पर्यटन क्षेत्र के विकास की पर्याप्त संभावनाएँ हैं। इन्हीं कारणों से भारत सरकार द्वारा इस क्षेत्र में सुधार हेतु कई योजनाओं को लागू किया गया है। इन योजनाओं को तीन भागों में बांट कर देखा जा सकता है।
प्रथम भाग में उन योजनाओं को रखा जा सकता है जिनका उद्देश्य भारत में पर्यटन संबंधी अवसंरचना का विकास करना है। देश में पर्यटन सर्किट के विकास हेतु ‘स्वदेश दर्शन योजना’, विरासत स्थलों के विकास हेतु ‘ह्रदय’ योजना तथा धार्मिक पर्यटन स्थलों के विकास हेतु ‘प्रसाद’ योजना लाई गई है। इसके अलावा पर्यटन स्थलों पर रोप-वे के निर्माण तथा रेलवे स्टेशनों और लॉजिस्टिक पार्कों के आसपास की वाणिज्यिक भूमि के विकास पर बल दिया गया है।
दूसरे भाग में पर्यटन से संबंधित जागरूकता तथा भारतीय पर्यटन क्षेत्रों के प्रचार से संबंधित योजनाओं को रखा जा सकता है। विदेशों में भारतीय धरोहरों को लोकप्रिय बनाने के लिये ‘द हेरिटेज़ ट्रेल’, भारतियों को अपने देश के प्रति जागरूक करने के लिये ‘देखो अपना देश’ नाम से पर्यटन पर्व का अनुष्ठान तथा राज्यों के विशेष स्थलों में पर्यटन समारोह ‘पर्यटन सभी के लिये’ का आयोजन किया गया है। इसके अलावा पर्यटन एवं शासन पर कार्यशाला का आयोजन भी किया जा रहा है।
तीसरे भाग में उन उपायों को रखा जा सकता है जिसके तहत विदेशी पर्यटकों के आगमन को सरल बनाने पर बल दिया गया है। इसके तहत 163 देशों के नागरिकों के लिये पर्यटक, मेडिकल एवं बिज़नेस की तीन श्रेणियों के तहत ई-वीजा की सुविधा प्रदान की गई है।
इन उपायों की सार्थकता को भारत में पर्यटन क्षेत्र के विकास से जोड़कर देखा जा सकता है। पर्यटन मंत्रालय के अनंतिम आंकड़ों के अनुसार 2017 में 15.6% की वृद्धि के साथ 10.2 मिलियन विदेशी पर्यटकों का आगमन हुआ। वहीं ई- वीजा़ के जरिये आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या में 143% की वृद्धि हुई है।
स्पष्ट है कि सरकार द्वारा पर्यटन के विकास हेतु चलाई गई योजनाएँ अत्यंत सफल रही हैं।