न्यूनतम समर्थन मूल्य की अवधारणा के पक्ष एवं विपक्ष में तर्कों को प्रस्तुत करें तथा यह बताइये कि यह कहाँ तक यह किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में सफल रही है। किसानों की आर्थिक स्थिति को मज़बूत बनाने के लिये कौन-से कदम उठाने की आवश्यकता है?
उत्तर :
उत्तर की रूपरेखा :
- न्यूनतम समर्थन मूल्य का अर्थ।
- न्यूनतम समर्थन मूल्य के पक्ष में तर्क।
- न्यूनतम समर्थन मूल्य के विपक्ष में तर्क।
- किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिये उठाए जाने वाले आवश्यक कदम।
- निष्कर्ष।
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न्यूनतम समर्थन मूल्य फसलों की बुवाई से पूर्व घोषित मूल्य है। इसका उद्देश्य किसानों को अनिश्चितता से बचाना है और विश्वास दिलाना है कि उन्हें उनकी उपज का निर्धारित मूल्य प्राप्त होगा। ज्ञातव्य है कि अधिक उत्पादन के दौरान कृषि उपजों का मूल्य काफी घट जाता है।
न्यूनतम समर्थन मूल्य के पक्ष में तर्क:
- न्यूनतम समर्थन मूल्य किसानों को उपज के मूल्य में आने वाले उतार-चढ़ाव से सुरक्षित बनाता है, क्योंकि किसान पूर्व घोषित मूल्य पर सरकार को अपनी उपज बेच सकते हैं।
- किसानों को अपनी उपज का निश्चित मूल्य प्राप्त होता है, जिससे वे गरीबी के दुश्चक्र से काफी हद तक बाहर आने में सफल होते हैं।
- न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा से किसानों को दलालों के शोषण से मुक्ति मिलती है, क्योंकि अब किसान सीधे अपनी उपज को सरकार को बेच सकते हैं।
न्यूनतम समर्थन मूल्य के विपक्ष में तर्क:
- न्यूनतम समर्थन मूल्य की अवधारणा मुक्त बाजार के सिद्धांत के विरुद्ध है, क्योंकि इसके माध्यम से सरकार सीधे बाज़ार में हस्तक्षेप करती है।
- देश के तकरीबन 40 प्रतिशत किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य की अवधारणा से परिचित नहीं हैं, जिससे वे इसका लाभ नहीं उठा पाते हैं।
- सरकार के द्वारा कुछ विशेष राज्यों मसलन पंजाब, हरियाणा एवं आंध्र प्रदेश आदि में समुचित रूप से न्यूनतम समर्थन मूल्य के अंतर्गत खरीद की जाती है, किंतु अन्य राज्यों में किसानों को ऐसी सुविधा बहुत कम ही मिल पाती है।
- न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा तकरीबन 23 फसलों के लिये की जाती है, किंतु मुख्यतः गेहूँ एवं चावल की खरीद को ही प्राथमिकता प्रदान की जाती है।
किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिये उठाए जाने वाले आवश्यक कदम:
- सिंचाई की सुविधाओं में वृद्धि की जानी चाहिये तथा किसानों को मृदा की उत्पादकता बढ़ाने के लिये प्रोत्साहित किया जाना चाहिये।
- फसलों के भण्डारण के लिये समुचित व्यवस्था स्थापित की जानी चाहिये ताकि किसान अपनी उपज को सही समय पर बेचकर उचित मूल्य प्राप्त कर सकें।
- ग्रामीण क्षेत्रों में कोल्ड स्टोरेज एवं खाद्य प्रसंस्करण की सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिये, ताकि किसान अपने उत्पादों को प्रसंस्कृत कर उचित मूल्य प्राप्त कर सकें।
- राज्य एपीएमसी कानून (Agricultural Produce Market Committee Act) में जल्द-से-जल्द सुधार लाकर एकीकृत राष्ट्रीय कृषि बाजार की स्थापना की जानी चाहिये।
- किसानों को जैविक कृषि के साथ-साथ बागवानी एवं पशुपालन के लिये भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिये।
निष्कर्ष:
निष्कर्षतः कहा जा सकता है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य से देश के कुछ विशेष क्षेत्रों के धनी किसान ही लाभान्वित हो सके हैं। अधिकांश किसान इसके लाभ से वंचित ही रहे हैं। उपर्युक्त उल्लिखित उपायों को अपनाकर किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा सकता है।