ई-कृषि ग्रामीण भारत के रूपांतरण में सहायक है तथा यह ‘डिजिटल डिवाइड’ के अंतराल को डिजिटल तकनीक के माध्यम से पाटने में सक्षम है। उक्त कथन के संदर्भ में सरकार की विभिन्न पहलों की चर्चा कीजिये।
10 Mar, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्थाउत्तर की रूपरेखा :
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ई-कृषि, ज्ञान का एक नूतन क्षेत्र है जो सूचना-प्रौद्योगिकी एवं कृषि तकनीकों के समन्वय से सृजित हुआ है। यह इंटरनेट तथा संबद्ध तकनीकों की मदद से कृषि की मूल्य शृंखला को संवर्द्धित करता है। वस्तुतः सूचना प्रौद्योगिकी किसानों की सूचना तक बेहतर पहुँच बनाने में सहायक है जो कि उत्पादकता को बढ़ावा देती है। यह किसानों को विभिन्न कृषि बाज़ारों में मूल्यों के उतार-चढ़ाव से अवगत कराता है जिससे किसान अपने उत्पादों का बेहतर मूल्य प्राप्त करने में समर्थ हो सकते हैं। इस संदर्भ में सरकार ने तीन प्रमुख कदम उठाए हैं जो कि मेक इन इंडिया कार्यक्रम के भी अंग हैं। ये हैं-
इसमें सेवाओं की इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से आपूर्ति की चर्चा की गई है, जो किसानों हेतु सेवाएँ यथा रियल टाइम पर मूल्यों की जानकारी, आगतों को ऑनलाइन आर्डर करना तथा मोबाइल बैंकिंग से ऑनलाइन ऋण प्राप्ति, नगद अंतरण, राहत राशि का भुगतान आदि में उपयोगी है।
डिजिटल डिवाइड को पाटने हेतु निम्नांकित पहलें की गई हैं:
निष्कर्षतः उक्त पहलों के प्रति जागरूकता पैदा कर देश में कृषि एवं किसानों की स्थिति सुधारी जा सकती है।