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प्रश्न :
अर्थव्यवस्था के विकास में पर्यटन के महत्त्व को रेखांकित करते हुए इस क्षेत्र के समक्ष उपस्थित प्रमुख चुनौतियों का वर्णन करें।
11 Mar, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्थाउत्तर :
उत्तर की रूपरेखा : - अर्थव्यवस्था में पर्यटन का महत्त्व।
- पर्यटन क्षेत्र के समक्ष उपस्थित प्रमुख चुनौतियाँ।
- निष्कर्ष।
पर्यटन देश के आर्थिक विकास और रोजगार सृजन का एक महत्वपूर्ण कारक है। पर्यटन क्षेत्र के महत्त्व को इसी बात से समझा जा सकता है कि दुनिया के करीब डेढ़ सौ देशों में विदेशी मुद्रा की कमाई करने वाले पाँच प्रमुख क्षेत्रों में पर्यटन भी एक है। पर्यटन को आर्थिक विकास और रोज़गार सृजन का एक सशक्त माध्यम माना जाता है। पर्यटन क्षेत्र देश के शीर्ष सेवा उद्योगों में से एक है। इसका महत्त्व आर्थिक विकास और विशेष तौर पर देश के दूरदराज के क्षेत्रों में रोज़गार सृजन के एक माध्यम के रूप में महत्त्वपूर्ण है।
देश के सकल घरेलू उत्पाद में पर्यटन की हिस्सेदारी लगभग 6 प्रतिशत है और देश में करीब 5 करोड़ लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से पर्यटन क्षेत्र के रोज़गार में लगे हुए हैं। देश में कम दक्षता और अर्द्धदक्षता वाले श्रमिकों को रोज़गार प्रदान करने वाला दूसरा बड़ा क्षेत्र पर्यटन को माना है। इस क्षेत्र में काम करने वालों में लगभग 70 प्रतिशत महिलाएँ हैं। वैश्विक स्तर पर भी अन्य क्षेत्रों के मुकाबले पर्यटन क्षेत्र में लगभग दोगुनी संख्या में महिलाएँ कार्यरत हैं। इस दृष्टि से पर्यटन क्षेत्र समाज में समानता तथा सामाजिक न्याय को समर्थन देने का भी माध्यम है। पर्यटन से होने वाली विदेशी मुद्रा की आय से देश की अर्थव्यवस्था को काफी मदद मिलती है। भारत का पर्यटन उद्योग अपने पारंपरिक दायरों से निकलकर चिकित्सा और योग जैसे क्षेत्रों में भी पसर चुका है। लेकिन पर्यटन के यह नए क्षेत्र भी दूरगामी योजनाओं के अभाव के शिकार हैं।आजादी के बाद से पर्यटन के महत्व को ध्यान में रखते हुए ठोस नीतियों और विस्तृत योजनाओं को अलग-अलग चरणों में लागू किया गया है जिसके परिणामस्वरूप पर्यटन व्यापार में लगातार वृद्धि और विकास हुआ है। इसके वाबजूद पर्यटन क्षेत्र में कुछ चुनौतियाँ विद्यमान हैं-
देश में पर्यटन क्षेत्र के समक्ष उपस्थित प्रमुख चुनौतियाँ:
- देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में फैली गंदगी दुनिया की नज़रों में भारत को एक आकर्षक पर्यटक क्षेत्र के रूप में प्रस्तुत करने में आड़े आती है। बड़ी संख्या में पश्चिमी देशों के पर्यटक सिर्फ इसलिये भारत आना पसंद नहीं करते क्योंकि यहाँ चारों तरफ गंदगी रहती है।
- पर्यटकों की सुरक्षा भी पर्यटन से जुड़ा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। पर्यटक अपने को जिस देश में जितना अधिक सुरक्षित समझेगा वहीं ज्यादा धूमने की योजना बनाएगा।
- भारत ने अपनी छवि गढने में अब तक ज्यादातर नाकामी ही हासिल की है। भारत को अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को उजागर करने में वैसी सफलता नहीं मिली जैसा कि पश्चिम के देशों, विशेषकर युरोपीय देशों ने हासिल की है। किसी भी सरकार ने हमारे पर्यटन उद्योग को लेकर दूरगामी नीतियों का अनुसरण नहीं किया।
- देश में पर्यटन का आधारभूत ढांचा भी कमज़ोर स्थित में है जिसे विकसित करने की आवश्यकता है। हवाई मार्ग, रेल, बस आदि आवागमन के संसाधनों की पर्याप्त सुविधाएं भी उपलब्ध होनी चाहिये। पर्यटकों के विश्रामस्थलों, हैरिटेज होटल आदि की भी पर्याप्त सुविधा होने से पर्यटन विकास को बल मिलेगा।
निष्कर्ष: भारत में विशिष्ट जैवविविधता वन, नदियाँ, पहाड़ों, ऐतिहासिक स्थानों, मंदिरों और तीर्थ स्थलों, गुफा, संग्रहालय, स्मारक और संस्कृति की भरमार होने की वजह से पर्यटन उद्योग में उच्च वृद्धि हासिल करने की अपार क्षमता है। इस क्षेत्र में चुनौतियाँ, इन्हें सफलतापूर्वक उनके मूल रूप में संरक्षण करने में है और उन्हें घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के लिये अभिगमनीय बनाने में हैं। भारत विभिन्न श्रेणी के पर्यटन उत्पाद प्रदान करता है जैसे कि साहसिक पर्यटन, चिकित्सा पर्यटन, परिस्थितिकी पर्यटन, ग्रामीण पर्यटन, क्रूज पर्यटन, बैठकें, सम्मेलन और प्रदर्शनी आदि।
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