पिछले कुछ वर्षों में भारत की सीमाओं पर सुरक्षा संबंधी नई चुनौतियाँ उभरकर सामने आई हैं। इनके कारणों एवं इनसे निपटने के उपायों की चर्चा करें।
12 Mar, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 3 आंतरिक सुरक्षाउत्तर की रूपरेखा :
|
भारत दक्षिण एशिया के लगभग सभी देशों के साथ अपनी सीमाएँ साझा करता है। इसके अलावा भारत की हिंद महासागर से लगी एक लंबी समुद्री सीमा भी है। भारत के लिये सुदृढ़ सीमा प्रबंधन राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय सुरक्षा के साथ-साथ आर्थिक विकास के लिये भी आवश्यक है। भारत जब भी अपनी लंबी भू-सीमा और समुद्री सीमा की रक्षा और प्रबंधन बेहतर ढ़ंग से नहीं करता, तब-तब उसे जोखिम का सामना करना पड़ता है। कुछ समय पहले जम्मू-कश्मीर के उड़ी में सैन्य शिविर में आतंकी हमला तथा पठानकोट वायुसेना केंद्र पर हुआ आतंकी हमला बताता है कि कहीं-न-कहीं सीमाओं पर हमारा प्रबंधन कमजोर है।
सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा संबंधी प्रमुख चुनौतियाँ-
भारत को इन चुनौतियों से निपटने के लिये व्यापक रणनीति बनाने की आवश्यकता है। भारत को अभी अपने सीमावर्ती क्षेत्रों में आधारभूत संरचना का निर्माण, जैसे- सड़कों का निर्माण, फ्लड लाइटिंग की व्यवस्था, सीमाओं की हदबंदी करने की आवश्यकता है। वांछित सैन्य आधुनिकीकरण हेतु सरकार को पर्याप्त धन मुहैया कराना चाहिये। सीमा पर उत्पन्न चुनौतियों से निपटने का दायित्व केवल सेना का ही नहीं है, बल्कि पुलिस, केंद्र एवं राज्य के अधिकारियों तथा खुफिया एजेंसियों को भी इसमें सहयोग करना चाहिये। एक नागरिक के रूप में हमारा कर्त्तव्य है कि हम राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों के प्रति सजग रहें और इस दिशा में प्रभावी कदम उठाने के लिये जनप्रतिनिधियों व सामाजिक संगठनों के माध्यम से सरकार पर दबाव बनाएँ।