ब्लॉकचेन तकनीक को भविष्य की अर्थव्यवस्था के लिये एक क्रांतिकारी तकनीक माना जा रहा है। स्पष्ट करें।
14 Mar, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्थाउत्तर की रूपरेखा :
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ब्लॉकचेन तकनीक डेटा ब्लॉकों की एक श्रृंखला है। ब्लॉकचेन एक ऐसी प्रौद्योगिकी है जो एक सुरक्षित एवं आसानी से सुलभ नेटवर्क पर लेन-देनों का एक विकेंद्रीकृत डाटाबेस तैयार करती है। लेन-देन के इस साझा रिकॉर्ड को नेटवर्क पर स्थित कोई भी व्यक्ति देख सकता है। जिस प्रकार हज़ारों-लाखों कंप्यूटरों को आपस में जोड़कर इंटरनेट का अविष्कार हुआ, ठीक उसी प्रकार डाटा ब्लॉकों (आँकड़ों) की लंबी श्रृंखला को जोड़कर उसे ब्लॉकचेन का नाम दिया गया है। ब्लॉकचेन तकनीक तीन अलग-अलग तकनीकों का समायोजन है, जिसमें इंटरनेट, पर्सनल 'की' (निजी कुंजी) की क्रिप्टोग्राफी अर्थात् जानकारी को गुप्त रखना और प्रोटोकॉल पर नियंत्रण रखना शामिल है। यदि सरल शब्दों में कहा जाए तो यह एक डिजिटल ‘सार्वजनिक बही-खाता’ (Public Ledger) है, जिसमें प्रत्येक लेन-देन का रिकॉर्ड दर्ज़ किया जाता है। ब्लॉकचेन एक ऐसी तकनीक है जिससे बिटकॉइन तथा अन्य क्रिप्टो-करेंसियों का संचालन होता है।
उद्योग संगठन एसोचैम की हाल में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार ब्लॉकचेन में तमाम उद्योगों की कार्यप्रणाली में भारी बदलाव लाने की क्षमता है। इससे प्रक्रिया को ज्यादा लोकतांत्रिक, सुरक्षित, पारदर्शी और सक्षम बनाया जा सकता है। ब्लॉकचेन एक ऐसी तकनीक है, जिसमें किसी मध्यस्थ के बिना ही इंटरनेट पर वित्तीय लेन-देन किया जा सकता है। यह तकनीक बहुत पारदर्शी, सुरक्षित एवं सक्षम है। इस तकनीक के इस्तेमाल से अनेक उद्योगों में लेन-देन के संबंध में कायापलट हो जाएगी। आर्थिक क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियां ही सबसे पहले इस तकनीक का आश्रय ले रही हैं।
भारत में बढ़ते डिजिटल उपयोग को देखते हुए सरकार ने ब्लॉकचेन की महत्ता को समझ लिया है। इसी संदर्भ में आंध्र प्रदेश सरकार ने पहला ब्लॉकचेन सेंटर बनाने की पहल की है। इसके लिये स्टार्टअप्स और विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया है। महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक और राजस्थान भी इस दिशा में कदम उठा रहे हैं।
ब्लॉकचेन तकनीक के लाभ: