भारत जैसे विशाल देश में जहाँ व्यापक स्तर पर असमानताएँ मौजूद है समावेशी विकास को किस प्रकार प्राप्त किया जा सकता है? उपयुक्त रणनीति सुझाइये।
उत्तर :
उत्तर की रूपरेखा :
- भारत में मौजूद असमानता को सोदाहरण प्रस्तुत करें।
- समावेशी विकास प्राप्त करने हेतु कुछ सुझाव।/span>
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भारत वर्तमान समय में विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था है एवं आगामी समय में इसकी संवृद्धि दर विश्व के अन्य विकासशील देशों की अपेक्षा ऊपर रहने का अनुमान अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष एवं विश्व बैंक द्वारा लगाया गया है। लेकिन यहाँ एक महत्त्वपूर्ण बात यह है कि क्या यह विकास सभी लोगों, भौगोलिक क्षेत्रें एवं सभी आर्थिक क्षेत्रें में समान रूप से हो रहा है।
भातर में अभी बड़ी मात्र में असमानता मौजूद है, जिसे निम्न प्रकार से देखा जाता है-
- भारत में प्रादेशिक असंतुलन स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है। इसमें कई राज्य विकास की प्रक्रिया में आगे बढ़ गए हैं और कई काफी नीचे रह गए हैं।
- भारत में ग्रामीण तथा शहरी दोनों स्तरों पर लोगों के जीवन स्तर में व्यापक अंतर देखा जा सकता है।
- भारत में उत्पादन क्षेत्र में सभी लोगों की पर्याप्त भागीदारी नहीं है तथा लोगों की क्षमताओं में भी व्यापक अंतर मौजूद है।
- वास्तव में हमें समावेशी विकास को प्राप्त करना है तो अमीरों एवं गरीबों के मध्य, गाँव एवं शहरों के मध्य तथा अगड़े एवं पिछड़ों के मध्य विभाजन रेखा को न्यूनतम करना होगा।
समावेशी विकास प्राप्त करने के लिये निम्नलिखित रणनीति अपनाई जा सकती है-
- गाँव और शहरों के मध्य सबसे प्रमुख अंतर आधारभूत संचना के निर्माण को लेकर है। हालाँकि भारत निर्माण कार्यक्रम के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचाई, पेयजल, आवास, दूरसंचार, विद्युत, सड़कों आदि के विकास पर ध्यान दिया जा रहा है लेकिन इसे और बढ़ाने की आवश्यकता है।
- देश के प्रत्येक नागरिक की स्वच्छ पेयजल तथा स्वास्थ्य सुविधाओं तक आसानी से पहुँच सुनिश्चित की जाए।
- स्वरोजगार कार्यक्रमों के माध्यम से रोजगार के अधिकाधिक अवसर पैदा किये जाएँ।
- शिक्षा के क्षेत्र का विस्तार किया जाए तथा प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा पर विशेष जोर दिया जाए।
- अधिकतम कौशल विकास संस्थानों का निर्माण किया जाए जिसमें गरीब, अकुशल लोगों को कौशल विकास हेतु प्रेरित किया जाए।
- सरकार द्वारा ऐसी नीतियों एवं कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया जाए जो लैंगिक विषमता को शून्य कर सके।
इस प्रकार की रणनीति को अपनाकर हम समावेशी विकास की ओर अग्रसर हो सकते हैं।