पिछले तीन वर्षों में आरबीआई ने ‘स्ट्रेस्ड असेट’ की समस्या से निपटने के लिये कई योजनाएँ लागू की हैं। इन योजनाओं की संक्षिप्त व्याख्या करें।
उत्तर :
भूमिका में:-
दबावग्रस्त आस्तियों को परिभाषित करते हुए प्रभावों के साथ उत्तर प्रारंभ करें।
विषय-वस्तु में:-
समस्या के समाधान के लिये आरबीआई द्वारा पिछले तीन वर्षों में लागू की गई प्रमुख योजनाओं का संक्षिप्त विवरण लिखें, जैसे :
- दबावग्रस्त आस्तियों की संधारणीय संरचना के अंतर्गत बैंकों द्वारा भाड़े पर ली गई एक स्वतंत्र एजेंसी यह निर्णय करती है कि किसी कंपनी के दबावग्रस्त ऋण का कितना भाग संधारणीय है। शेष (असंधारणीय) को इक्विटी व शेयरों में परिवर्तित किया जाता है।
- परिसंपत्ति गुणवत्ता पुनरीक्षण (एक्यूआर) के द्वारा अशोध्य आस्तियों की समस्या के समाधान के लिये उनकी पहचान की जाती है। इसके द्वारा वार्षिक वित्तीय निरीक्षण (एएफआई) की अपेक्षा बहुत बड़े आकार की आस्तियों का निरीक्षण किया जाता है।
- रणनीतिक ऋण पुनर्संरचना (एसडीआर) योजना के अंतर्गत बैंकों को उन कंपनियों के ऋण को 51% इक्विटी में परिवर्तित करने एवं ऊँची बोली पर बिक्री करने का अवसर मिलता है जिन्होंने पुनर्संरचना की शर्तों को पूरा नहीं किया है।
- निजी आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियों (एआरसी) की शुरुआत इस सोच के साथ की गई थी कि समस्या मूलक ऋणों के समाधान में सहायता मिलेगी लेकिन वे इस कार्य में असफल रही हैं।
- अवसंरचना स्कीम का 5/25 पुनर्वित्तीयन के द्वारा अवसंरचना क्षेत्रकों व आठ मुख्य उद्योग क्षेत्रकों में तंगहाली वाली आस्तियों की बहाली के लिये वृहत् साधन मुहैया कराया गया है।
बेहतर एवं प्रभावी समाधान के लिये सरकार द्वारा इस दिशा में किये गए प्रयासों की भी संक्षिप्त चर्चा करें, जैसे :
- सरकारी क्षेत्र पुनर्स्थापन एजेंसी (पीएआरए) की स्थापना।
- दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी), 2016 का अधिनियमन।
- ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) एवं ऋण वसूली अपीलीय न्यायाधिकरण (डीआरएटी)।
- संशोधित सरफेसी, 1949 के बैंकिंग विनियमन अधिनियम की धारा 35ए के तहत दो नए प्रावधानों यथा- धारा 35ए और 35एबी का समावेश।
अंत में प्रश्नानुसार संक्षिप्त, संतुलित एवं सारगर्भित निष्कर्ष प्रस्तुत करें।
नोट: निर्धारित शब्द-सीमा में विश्लेषित करके लिखें।