भारत चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा दूरसंचार उपभोक्ता बाजार है और इसमें दुनिया का सफलतम दूरसंचार बाजार बनने की क्षमता है। इस कथन के संदर्भ में राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति, 2018 की उपयोगिता तथा महत्त्व पर चर्चा करें।
23 May, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था
उत्तर की रूपरेखा :
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दूरसंचार आज विभिन्न सेवाओं की आपूर्ति का महत्त्वपूर्ण घटक है। संचार की ज़रूरतों के मद्देनजर राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति का महत्त्वाकांक्षी मसौदा तैयार किया गया। इसके घोषित लक्ष्यों के माध्यम से इस नीति की उपयोगिता तथा महत्त्व को समझा जा सकता है।
इस मसौदे के अनुसार 2022 के लिये निम्नलिखित लक्ष्य तय किये गए हैं-
उपर्युक्त के अतिरिक्त इसमें नेट निरपेक्षता पर ज़ोर देने के साथ ही डिजिटल विषय वस्तु के साथ कोई भेदभाव न करते हुए पारदर्शिता को बढ़ावा देने की बात कही गई है। वैश्विक मानकों के अनुरूप डेटा सुरक्षा के मानक विकसित करने पर भी ज़ोर दिया गया है। यह सुझाव भी दिया गया है कि उपभोक्ता को सुरक्षा के मसले पर जागरूक किया जाए। इसमें अवरोधक व विश्लेषक व्यवस्था के साथ नई अवरोधक एजेंसी विकसित किये जाने का भी लक्ष्य है।
उल्लेखनीय है कि दूरसंचार क्षेत्र बुनियादी क्षेत्र का अहम हिस्सा है अगर यहाँ सकारात्मकता आती है तो इसका असर आर्थिक क्षेत्र पर भी अवश्य पड़ेगा। जैसा कि हर नीति में भी स्पष्ट किया गया है कि ब्रॉडबैंड की पहुँच में 10 प्रतिशत का इज़ाफा जीडीपी में 1 प्रतिशत बढ़ोतरी कर सकता है। ऐसे में एक व्यवस्थित बाज़ार तथा स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धात्मक माहौल से भारत विश्व का सबसे बड़ा दूरसंचार उपभोक्ता बन सकता है।