क्या आप मानते है कि भारतीय अर्थव्यवस्था विकास के पथ पर अग्रसर है? अपने उत्तर के पक्ष में तर्क सहित विश्लेषण कीजिये।
30 Jun, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था
हल करने का दृष्टिकोण :
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हाल ही में केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही के विकास के आँकड़े जारी किये गए जिसके अनुसार, जनवरी से मार्च के मध्य अर्थव्यवस्था की विकास दर 7.7 प्रतिशत रही। इन आँकड़ों से भविष्य में विकास दर और तेज़ होने का अनुमान लगाया जा सकता है। क्या इन आँकड़ों के आधार पर भारतीय अर्थव्यवस्था को विकास के पथ पर अग्रसर माना जा सकता है? इसे निम्नलिखित बिंदुओं के द्वारा समझा जा सकता हैः
भारतीय अर्थव्यवस्था ने घरेलू विकास में प्रतिलाभ को दर्शाया है।
उपर्युक्त तथ्यों के बावजूद कुछ ऐसे भी आँकड़े देखने को मिलते हैं जो अर्थव्यवस्था में गिरावट को इंगित करते हैं। जैसे- केंद्रीय सांख्यिकीय कार्यालय द्वारा जारी सकल घरेलू उत्पाद विकास के अनुमान से पता चलता है कि 2011-12 की कीमतों के आधार पर 2017-2017 में अर्थव्यवस्था में 6.7 प्रतिशत का विकास हुआ जो सरकार के चार वर्षों के शासन में सबसे कम वृद्धि दर है।
सिक्के का दूसरा पहलू यह है कि अर्थशास्त्री यह भी मानते हैं कि अर्थव्यवस्था केवल उस निम्न स्तर से ऊपर उठी है जिस निम्न स्तर पर पहुँच गई थी। कृषि क्षेत्र में व्यक्तिगत सकल घरेलू उत्पाद में मात्र 4.91 प्रतिशत की वृद्धि 2012-13 के बाद से चौथी तिमाही के दौरान होने वाली सबसे कम वृद्धि है। कई राज्यों में कृषकों द्वारा हड़ताल की जा रही है। इसके अतिरिक्त ग्रामीण मांग में कमी आने के साथ ही निर्यात आधारित जीडीपी अनुपात भी घट गया जो की एक दशक में सबसे कम है।
ऐसे में आर्थिक विकास पुनरुत्थान का जश्न मनाना निश्चित रूप से जल्दबाजी होगी, किंतु औद्योगिक तथा कृषिगत सुधारों के साथ निश्चित तौर पर भारत द्वारा वास्तविक उच्च दर प्राप्त करने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता।