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प्रश्न :
सतत् गतिशीलता मानव का स्वभाव है और पर्यटन इसकी अभिव्यक्ति। इस कथन पर चर्चा करते हुए भारत के पर्यटन उद्योग के विकास हेतु बनी नीतियों एवं योजनाओं की समीक्षा कीजिये।
09 Jul, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्थाउत्तर :
उत्तर की रुपरेखा :
- भारत में पर्यटन उद्योग की स्थिति।
- पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु निर्मित नीतियाँ तथा योजनाएँ।
- निर्मित नीतियों तथा योजनाओं में निहित समस्याएँ।
- आगे की राह।
आज मानव अपने पर्यटन के शौक के चलते अंतरिक्ष तक पहुँच गया है। एक व्यवसाय के रूप में यह दुनिया के सबसे बड़े व्यवसायों में शुमार है। आज विश्व में रोज़गार प्राप्त प्रत्येक 11वाँ व्यक्ति पर्यटन के क्षेत्र में कार्यरत है। संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन की दीर्घकालिक भविष्यवाणी टूरिज्म टुवार्डस 2030 के अनुसार 2010 से 2030 के मध्य पूरी दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक आगमन में 3.3 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से वृद्धि होगी और 2030 तक अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या 1.8 बिलियन प्रतिवर्ष पहुँच जाएगी।
भारत में 1982 में पहली बार एक राष्ट्रीय पर्यटन नीति अस्तित्व में आई। इसके बाद 2002 में नई पर्यटन नीति की घोषणा की गई। इस नीति का मुख्य उद्देश्य पर्यटन को अर्थव्यवस्था के विकास के मुख्य कारक के रूप में विकसित करना और पर्यावरणीय धारणीयता को मद्देनज़र रखते हुए देश में रोजगार सृजन व गरीबी उन्मूलन करना था। ‘अतुल्य भारत’ जैसे सफल पर्यटन अभियान की शुरुआत इसी नीति के तहत की गई।राष्ट्रीय पर्यटन नीति, 2015 तैयार की गई। इस नीति के निर्माण में पर्यटन से जुड़े अंतर्राष्ट्रीय संगठनों जिनमें संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन भी शामिल है, से सुझाव लिये गए।
अंतर्राष्ट्रीय जगत में अपनी छवि बनाने के लिये वेलकम टू इंक्रेडिबल इंडिया का न्योता दिया गया। स्वच्छ भारत, स्वच्छ स्मारक और स्वच्छ पर्यटन की मुहिम के तहत देश के 25 मुख्य स्मारकों व पर्यटन स्थलों को स्वच्छ भारत अभियान से जोड़ा गया। आदर्श स्मारक बनाने के लिये यहाँ सैलानियों को विशेष सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं ताकि भारत के पर्यटन स्थलों से सैलानी सुखद अनुभव व अमिट यादें लेकर जाएँ। आदर्श स्मारकों पर वाई-फाई सुविधा, उनकी सुरक्षा, अतिक्रमण मुक्त क्षेत्र आदि सुनिश्चित किये जाने जैसे कदम उठाये जा रहे हैं।
पर्यटन मंत्रालय ने अपनी इस मुहिम में अनेक प्रभावी कदमों को भी समाविष्ट किया है जिसके अंतर्गत वीजा ऑन अराइवल की सुविधा, पर्यटन पुलिस का गठन, इंडिया हेल्पलाइन की व्यवस्था विशेषकर महिला सैलानियों की सुरक्षा का बंदोबस्त, वेब आधारित ई-टिकटिंग, ब्रेल लिपि में पर्यटन पुस्तिकाएँ आदि उपलब्ध कराने के प्रयास शामिल हैं।
उपर्युक्त के बावजूद इस क्षेत्र में तमाम संभावनाओं का उपयोग किया जाना अभी बाकी है। इनमें पर्यटन को प्रोत्साहित करने वाली सरकार की लीव ट्रेवल कन्सेशन पॉलिसी में बदलाव तथा उसके दायरे में वृद्धि करना, भारतीय सूती वस्त्रों तथा खान-पान की ब्रांडिंग आदि कार्य शामिल हैं। इसके अतिरिक्त आतंकवाद, नस्लवाद पर लगाम लगाना, सुरक्षा व्यवस्था व पुलिसिंग को प्रभावी बनाना, खेल, सम्मेलनों आदि की मेज़बानी बढ़ाना भी भारतीय पर्यटन की समृद्धि के प्रभावी उपायों में शामिल है।
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