‘आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन अधिगम कौशल के साथ प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भावी चुनौतियों से निपटने की तैयारी की जा रही है।’ इस कथन को स्पष्ट करते हुए भारत में आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस की संभावनाओं पर चर्चा कीजिये।
11 Jul, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 3 विज्ञान-प्रौद्योगिकी
उत्तर की रूपरेखा
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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और अमेज़ॉन इंटरनेट सर्विसेज़ प्राइवेट लिमिटेड ने एक सहमति-पत्र पर हस्ताक्षर किये हैं जिसका उद्देश्य अमेज़ॉन वेब सर्विसेज़ की शिक्षा तक पहुँच सुनिश्चित करके क्लाउड-रेडी रोजगार विकसित करना और आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस तथा मशीन अधिगम पर एक क्लाउड रिसर्च लैब की स्थापना में आवश्यक मदद करना है।
आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर द्वारा नियंत्रित रोबोट या फिर मनुष्य की तरह बौद्धिक ढंग से सोचने वाला सॉफ्टवेयर बनाने का एक तरीका है, जबकि मशीन अधिगम कौशल मशीनों को तेजी से सिखाने एवं उन्हें मानवीय भावों से युक्त करने की प्रक्रिया है। इसके लिये पहले बहुत सारे अल्गोरिद्म जुटाने पड़ते थे, ताकि कंप्यूटर बेहतर अनुमान लगाना सीख सके, लेकिन अब कम अल्गोरिद्म से भी मशीनों को तेजी से सिखाने के लिये उन्हें ज्यादा कॉमन सेंस देने का प्रयास किया जा रहा है, जिसे तकनीकी भाषा में रेग्यूलराइजेशन कहा जाता है।
क्लाउड रिसर्च लैब विद्यार्थियों को भारत के लिये ऐसी अनुसंधान पहल के लिये अमेज़ॉन वेब सर्विस क्लाउड प्रौद्योगिकी का उपयोग करने का अवसर प्रदान करेगी जिसके तहत एआई तथा एमएल पर फोकस किया जाता है। यह अत्यंत महत्त्वपूर्ण है क्योंकि अमेज़ॉन क्लाउड कंप्यूटिंग, डेटा-सेट और कई अन्य ऐसी नई प्रौद्योगिकियों में आवश्यक मुफ्त सेवाएँ मुहैया कराने के लिये आईआईटी-बीएचयू से हाथ मिला रही है जो विद्यार्थियों और शिक्षकों को बेहतर तथा ध्यान केंद्रित अनुसंधान के लिये सशक्त बनाएगी। क्योंकि जब तक अभिनव उत्पाद नहीं बनाए जाएंगे तब तक निरंतर समृद्धि हासिल नहीं की जा सकती है। अतः इसके लिये देश में हो रहे अनुसंधान एवं नवाचारों को अगले स्तर पर ले जाने की आवश्यकता है। इस दिशा में भारतीय विज्ञान संस्थान स्थित नैनो टेक्नोलॉजी लैब एक और सराहनीय पहल है। इससे लागत में कमी आएगी और समय भी बचेगा क्योंकि विद्यार्थियों द्वारा किये जाने वाले बेहतरीन अनुसंधान से किसान एवं अन्य पक्षों के साथ-साथ समाज के सभी तबक़े भी लाभान्वित होंगे।
भारत में आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस की संभावनाएँ
♦ आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस के लिये देश में एक अथॉरिटी बने जो इसके विनियम-मानक तय करे और पूरे क्षेत्र की निगरानी करे।
♦ सरकार उन क्षेत्रों की पहचान करे जहाँ प्राथमिकता के आधार पर इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
♦ ऊर्जा, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, कृषि आदि इसके लिये उपयुक्त क्षेत्र हो सकते हैं।
भारत एक तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्था एवं दुनिया का दूसरा सबसे बड़ी आबादी वाला राष्ट्र होने के साथ ही इस क्षेत्र में एक महत्त्वपूर्ण हिस्सेदारी रखता है। स्पष्ट रूप से एआई क्रांति को स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण, आधारभूत अवसंरचना, साइबर सुरक्षा और दूसरे अन्य क्षेत्रों में लागू कर प्रोत्साहित किये जाने की आवश्यकता है।