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प्रश्न :
भारतीय शिक्षा प्रणाली में शिक्षकों से संबंधित विषय पर वर्मा कमीशन की प्रमुख अनुशंसाओं पर प्रकाश डालें?
16 Feb, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्थाउत्तर :
उत्तर की रूपरेखा: - शिक्षकों से संबंधित विषय पर वर्मा कमीशन की प्रमुख अनुशंसाओं को स्पष्ट करें।
- इसके महत्त्व पर प्रकाश डालें।
शिक्षक अथवा गुरु किसी भी समाज में शिक्षा व्यवस्था की सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ होते हैं एक अच्छा शिक्षक ना केवल छात्रों में शिक्षा के प्रति रुचि जगाता है बल्कि उन में नैतिकता तथा रचनात्मकता का विकास भी करता है। शिक्षा क्षेत्र में शिक्षक के महत्व को देखते हुए वर्मा समिति द्वारा शिक्षण को बढ़ावा देने के लिये कई महत्वपूर्ण अनुसंशाए किये गए थे। इसे निम्नलिखित रूपों में देखा जा सकता है-
शिक्षकों की शिक्षा तथा योग्यता से संबंधित मुद्दों को पुनः निर्धारित किये जाने की आवश्यकता है।
- शिक्षण के लिये स्थानीय छात्रों की भाषा तथा रुचि को महत्त्व दिया जाना आवश्यक है। ऐसे में कमीशन द्वारा अच्छे शिक्षक के लिये स्थानीय स्थिति की भिन्नता को ध्यान में रखते हुए प्री सर्विस कार्यक्रम बनाए जाने पर बल दिया जाए।
- शिक्षकों के शिक्षा-कार्यक्रम की गुणवत्ता बढ़ाने के लिये इसकी अवधि को बढ़ाए जाने की आवश्यकता है।
- प्रथम पेशेवर डिग्री फेस-टू-फेस मोड में ही दी जानी चाहिये।
- शिक्षकों योग्यता हेतु व्यापक मानक बनाए जाने की आवश्यकता है।
- इसके अलावा, शिक्षकों के लिये शिक्षा संस्थानों में अवसर को बढ़ाया जाना चाहिये।
- कार्यरत शिक्षकों में गुणवत्ता बढ़ाए जाने के लिये निरंतर प्रशिक्षण की आवश्यकता पर बल दिया जाए।
- इसके अलावा शिक्षकों तथा शिक्षण प्रणाली के विकास हेतु निरंतर शोध किया जाना चाहिये।
भारत में शिक्षकों की गुणवत्ता से संबंधित वर्मा कमीशन की अनुशंसाएं अत्यंत महत्वपूर्ण शिक्षकों की गुणवत्ता तथा योग्यता संबंधी मामला को पुनः निर्धारित किये जाने से अपेक्षाकृत योग्य शिक्षकों का चयन हो पाएगा। इसके अलावाट स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार शिक्षकों के चयन से छात्रों में शिक्षा के प्रति रुचि बढ़ेगी। वहीं, शिक्षकों के लिये शिक्षा कार्यक्रम की अवधि बढ़ाए जाने से न केवल शिक्षकों की गुणवत्ता में वृद्धि होगी बल्कि उनका शिक्षण से संबंधित विश्वास तथा अनुभव भी बढ़ेगा। शिक्षा संस्थानों में शिक्षकों के लिये अवसर को बढ़ाए जाने से लोग इस क्षेत्र से जुड़ने के लिये प्रेरित होंगे जिससे प्रतिस्पर्द्धा बढ़ने के कारण शिक्षण की गुणवत्ता बढ़ेगी। वहीं कार्यरत शिक्षकों को निरंतर प्रशिक्षण दिए जाने से वह समय के अनुरूप अपने आप को ढाल पाएंगे जिससे शिक्षण पद्धति अपेक्षाकृत अधिक प्रासंगिक हो पाएगी।
एक शिक्षक हर विद्यार्थी के लिये एक मार्गदर्शक, एक दिशानिर्देशक का काम करता है जिससे कि वो अपने सच को ढूंढ सकें। वर्मा समिति कि ये सिफरिशें शिक्षकों की गुणवता को बढ़ा कर उन्हें एक अच्छा दिशा-निर्देशक बनाएगी जिससे सम्पूर्ण शिक्षा प्रणाली का विकास हो पाएगा।
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