अक्सर यह देखने में आता है कि डिज़िटल तंत्र की इकाइयाँ उपयोगकर्त्ताओं का व्यक्तिगत डाटा संगृहीत कर उसका दुरुपयोग कर रही हैं। इस संबंध में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण द्वारा किये गए उपायों की चर्चा करें।
21 Jul, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था
उत्तर की रूपरेखा
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अक्सर यह देखने में आता है कि डिजिटल तंत्र की इकाइयाँ उपयोगकर्त्ताओं का व्यक्तिगत डेटा ऐसे मामले में भी संग्रह करती हैं जब उन्हें डिवाइस या एप्लीकेशन चलाने की लिये उसकी ज़रूरत नहीं होती है। एक उदाहरण देते हुए नियामक प्राधिकरण ने कहा कि मोबाइल पर फ्लैशलाइट को टॉर्च की तरह सक्रिय करने वाले एप्लीकेशन में कैमरा, माइक्रोफोन और कॉन्टैक्ट सूची आदि की अनुमति मांगी जाती है, जबकि इसकी कोई ज़रूरत नहीं होती है। ऐसे एप्लीकेशन के लिये सहमति लेने के बाद इकाइयाँ उपयोगकर्त्ताओं की जानकारी को उनकी बिना अनुमति लिये अन्य इकाइयों के साथ भी साझा कर देती हैं जो कि उपयोगकर्त्ताओं की व्यक्तिगत जानकारी, उनकी पसंद और सहमति का गंभीर उल्लंघन है।
यूरोप के जनरल डेटा प्रोटेक्शन रेगुलेशन (GDPR) का अनुकरण करते हुए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने मज़बूत डेटा संरक्षण कानूनों को लागू करने का प्रस्ताव दिया ताकि डिजिटल डेटा पर उपयोगकर्त्ताओं के अधिकार को सुनिश्चित किया जा सके। डेटा संरक्षण कानून लागू होने के निम्नलिखित लाभ होंगे-
इस संबंध में निम्नलिखित नीति प्रारूप को अधिसूचित करने की आवश्यकता है-
अमेरिका और यूरोप ने मज़बूत डेटा संरक्षण कानून बनाए हैं, जबकि भारतीय नीति निर्माताओं ने अब तक इस पहलू पर धीमी गति से कदम बढ़ाया है। न्यायमूर्ति बीएन श्रीकृष्ण की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय सरकारी समिति द्वारा सभी क्षेत्रों में डेटा संरक्षण पर एक श्वेत-पत्र नवंबर 2017 में जारी किया गया था, लेकिन इस संबंध में व्यापक नीति लाने की दिशा में कोई महत्त्वपूर्ण गतिविधि नहीं देखी गई है। इस संदर्भ में ट्राई द्वारा प्रस्तावित नियम केवल दूरसंचार से संबंधित सेवाओं तक ही सीमित होने के बावजूद भी महत्त्वपूर्ण हैं।