भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में एनपीए की समस्या बढ़ती जा रही है। इसके कारणों को स्पष्ट करते हुए समाधान के उपायों पर चर्चा करें।
उत्तर :
भूमिका में :-
भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में एनपीए की समस्या पर चर्चा के साथ उत्तर की शुरुआत करें।
विषय-वस्तु में :-
बैंकों के एनपीए बढ़ने के कारणों पर चर्चा करें,जैसे :
- एनपीए या खराब ऋण (जो बैंकों को कोई आय या लाभ नहीं देते हैं) भारत में लगातार बढ़ रहे हैं। इसके लिये कुछ हद तक आरबीआई की आय-मान्यता और परिसंपत्ति वर्गीकरण मानदंडों के आधार पर कठोर संपत्ति गुणवत्ता समीक्षा ज़िम्मेदार है।
- राजनीतिक आदेश पर कर्ज़ देना, बैंक प्रबंधकों का भ्रष्ट व्यवहार, जोखिम मूल्यांकन क्षमता की कमी और परिश्रमशीलता की कमी लगातार बढ़ रहे एनपीए के कुछ कारण हैं।
- इस एनपीए का बहुत बड़ा प्रतिशत कॉर्पोरेट क्षेत्र (जबकि खुदरा या छोटे उधारकर्त्ताओं द्वारा भुगतान नहीं किया गया ऋण बहुत कम हैं) को दिया गया ऋण है। बैंकिंग प्रणाली का डिफॉल्टर्स द्वारा जान-बूझकर दुरुपयोग किया जा रहा है - मुख्य रूप से बड़े उधारकर्त्ताओं द्वारा, जिनके हाथों में व्यवस्था की डोर है।
समाधान के अंतर्गत भारत में एक नए राष्ट्रीय विकास बैंक (एनडीबी) की आवश्यकता का उल्लेख करते हुए अन्य उपायों की चर्चा करें, जैसे :
- शीर्ष बैंक अधिकारियों के चयन और उनकी नियुक्ति में सुधार।
- परियोजना के मूल्यांकन के लिये वरिष्ठ कर्मचारियों का कौशल उन्नयन और प्रशिक्षण।
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) में सतर्कता को मज़बूत करना।
- निर्धारित समय-सीमा के अंदर जाँच।
- बैंक बोर्डों में सरकार द्वारा नियुक्त नौकरशाहों की जवाबदेही और आरबीआई द्वारा निगरानी को बढ़ाना आदि।
अंत में प्रश्नानुसार संक्षिप्त, संतुलित एवं सारगर्भित निष्कर्ष प्रस्तुत करें।
नोट : निर्धारित शब्द-सीमा में उत्तर को विश्लेषित करके लिखें।