ई-गवर्नेंस से आप क्या समझते हैं? इससे होने वाले लाभ को सोदाहरण प्रस्तुत करें। साथ ही इसके समक्ष विद्यमान प्रमुख चुनौतियों का वर्णन करें।
उत्तर :
उत्तर की रूपरेखा:
- ई-गवर्नेंस का अर्थ
- ई-गवर्नेंस के लाभ
- ई-गवर्नेंस से संबंधित प्रमुख चुनौतियाँ
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ई-गवर्नेंस का अर्थ है, किसी देश के नागरिकों को सरकारी सूचना एवं सेवाएँ देने के लिये संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी का समन्वित प्रयोग करना। वर्तमान समय में सूचना प्रौद्योगिकी आर्थिक विकास की कुंजी है। इसलिये पूरी व्यवस्था में सूचनाएँ चारों तरफ घूम रही हैं।
ई-गवर्नेंस के लाभ
- ई-गवर्नेंस से प्रशासनिक कार्य एवं सेवाओं की दक्षता एवं गुणवत्ता में सुधार होता है। उदाहरण के लिये सब्सिडी का सीधे हितग्राही के बैंक खाते में जाने से यह सुनिश्चित होता है कि उचित व्यक्ति को लाभ मिल रहा है।
- ई-गवर्नेंस के माध्यम से सरकार को सारे आँकड़े आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। अतः सरकारें विभिन्न योजनाएं और नीतियाँ बनाने के दौरान इन आँकड़ों का विश्लेषण कर बेहतर निर्णय कर सकती हैं।
- ई-गवर्नेंस द्वारा एक कॉमन डाटा तैयार हो जाता है जिसका उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिये किया जा सकता है।
- इससे जनता और सरकार के बीच स्वस्थ एवं पारदर्शी संवाद को मजबूत बनाया जा सकता है।
- सुशासन के लिये एक महत्त्वपूर्ण कदम सरकार की प्रक्रियाओं को सरल बनाना है ताकि पूरी प्रणाली को पारदर्शी बनाकर तीव्र किया जा सके और यह ई-गवर्नेंस के माध्यम से ही संभव है।
- ई-गवर्नेंस से व्यवसाय और नए अवसरों का सृजन हुआ है।
यद्यपि ई-गवर्नेंस का सुशासन, भ्रष्टाचार रोकने एवं लोक सेवाओं को आम नागरिकों तक आसानी से पहुँचाने में महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है, किंतु इस क्षेत्र में अभी भी कई प्रमुख चुनौतियाँ हैं:
- सूचना क्रांति का भारत के ग्रामीण निर्धन लोगों पर काफी अल्प प्रभाव पड़ा है।
- सूचना प्रौद्योगिकी के विकास को प्रोत्साहित करने वाले भारतीय समाज में सूचना प्रौद्योगिकी आधारित सुविधा प्राप्त वर्ग एवं इस सुविधा से वंचित वर्ग के मध्य एक नया विभाजन जन्म ले रहा है।
- ई-गवर्नेंस के समक्ष कुछ तकनीक संबंधी चुनौतियाँ भी हैं, जिसमें गोपनीयता, साइबर हमलों से सुरक्षा आदि।
- स्थानीय भाषाओं वेब सर्वर का विकास, ग्रामीण एवं पिछड़े क्षेत्रों के मानव संसाधन को तकनीकी ज्ञान उपलब्ध कराने की आवश्यकता एक प्रमुख चुनौती है।
भारत में सुशासन के प्रयास में ई-गवर्नेंस एक शक्तिशाली उपकरण की भाँति कार्य किया है। भारत सूचना प्रौद्योगिकी क्षमता के महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है। ई-प्रशासन, ई-व्यापार, ई-शिक्षा, ई-मेडिसिन ऐसे कई क्षेत्र हैं जहाँ सूचना प्रौद्योगिकी में महत्त्वपूर्ण प्रगति देखी जा सकती है।