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प्रश्न :
जनांकिकी विकास, आर्थिक क्षमता और उच्च विकास दर ब्रिक्स को एक अग्रणी स्थिति प्रदान करते हैं, जो वैश्विक एजेंडा तय करने और वैश्विक शासन में एक प्रमुख आवाज़ के रूप में उभरा है। चर्चा कीजिये।
10 Mar, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्थाउत्तर :
उत्तर की रूपरेखा : - ब्रिक्स का परिचय।
- ब्रिक्स का अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर महत्त्व का कारण।
- ब्रिक्स का वैश्विक पटल पर एक प्रमुख संस्था के रूप में उभरने की आवश्यकता पर चर्चा करें।
ब्रिक्स दुनिया की पाँच प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं का समूह है, जहाँ विश्व भर की 43% आबादी रहती है। ब्रिक्स की विश्व के सकल घरेलू उत्पाद में 30% हिस्सेदारी है और कुल वैश्विक व्यापार में 17% की हिस्सेदारी है। ब्रिक्स अंग्रेज़ी के पाँच अक्षरों बी. आर. आई. सी. और एस. से मिलकर बना है, प्रत्येक अक्षर एक देश के नाम को इंगित करता है; ब्राज़ील, रूस, इंडिया, चीन और साउथ अफ्रीका। वर्ष 2009 में जब इस समूह का पहला सम्मेलन हुआ था, तब इसका नाम ब्रिक था, क्योंकि साउथ अफ्रीका को वर्ष 2010 के बाद इस समूह में जोड़ा गया। ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स) क्षेत्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उभरती हुई प्रमुख अर्थव्यवस्थाएँ और राजनीतिक शक्तियाँ हैं।
ब्रिक्स एक विषम समूह है जो अन्य देशों के साथ गठबंधनों में भी शामिल है। जहाँ चीन आर्थिक सहयोग पहलुओं के संदर्भ में एक असाधारण सदस्य है, वहीं रूस एक पूर्व महाशक्ति के रूप में खड़ा है
सभी ब्रिक्स देश पिछले एक दशक से उच्च विकास दर प्राप्त कर रहे हैं और यह विकास दर इन्हें वैश्विक अर्थव्यवस्था में मजबूत बना रही है। इस तथ्य के बावजूद, प्रत्येक ब्रिक्स देश की एक विशिष्ट आर्थिक विशेषता भी है। इनमें रूस एक वस्तु पर ही आधारित अर्थव्यवस्था है, चीन निर्यात का एक शक्तिशाली केंद्र है, भारत एक घरेलू माँग आधारित अर्थव्यवस्था है, ब्राज़ील ने एक उन्नत आर्थिक संरचना को विकसित किया है तथा दक्षिण अफ्रीका तेजी से बढ़ते क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है।
अपने पहले शिखर सम्मेलन के बाद से ही ब्रिक्स देशों ने सभी देशों के सहयोग हेतु समन्वित कार्रवाई और सामूहिक निर्णय लेने के आधार पर एक बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था की मांग उठाई है। इसलिये इन्होंने 21वीं सदी के लिये दुनिया की वैश्विक शासन की संस्थाओं में सुधार करने के लिये एक रणनीतिक गठबंधन बनाने की शुरुआत कर दी है, क्योंकि 1945 में गठित विश्व बैंक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में समय के साथ कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।
एक समूह के रूप में ब्रिक्स से उम्मीद की जा रही है कि वे अपनी भूमिका का विस्तार करते हुए शांति और सुरक्षा की चुनौतियों, आतंकवाद, समुद्री डकैती और परमाणु अप्रसार से लेकर उत्तरी अफ्रीका तथा मध्य-पूर्व में क्षेत्रीय सुरक्षा के लिये कदम उठाए। आने वाले वर्षों में वैश्विक एजेंडा तय करने में ब्रिक्स देशों के बीच समन्वय के स्तर की माप करना अभी भी बाकी है।
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