इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    इल्बर्ट बिल विवाद क्या था? इसके प्रति भारतीयों की क्या प्रतिक्रिया थी? आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिये।

    31 Mar, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 1 इतिहास

    उत्तर :

    वायसराय लॉर्ड रिपन के कार्यकाल के दौरान इल्बर्ट बिल लाया गया था। इस बिल के द्वारा भारतीय न्यायाधीशों को उन मामलों की सुनवाई करने का भी अधिकार प्रदान कर दिया गया जिनमें यूरोपीय नागरिक भी शामिल होते थे।   गौरतलब है कि इससे पहले यूरोपीय व्यक्तियों से संबंधित मामलों की सुनवाई केवल यूरोपीय न्यायाधीश ही करते थे। यही कारण था कि सम्पूर्ण यूरोपीय समुदाय ने इस बिल के विरोध में आन्दोलन शुरू कर दिया। वस्तुतः यूरोपीय लोगों ने इस आधार पर बिल का विरोध किया कि न्यायालय का कोई भी भारतीय सदस्य यूरोपीय अपराधियों के मामलों की सुनवाई करने के लिये उपयुक्त नहीं है। इसे ही इल्बर्ट बिल विवाद कहा जाता है। इस बिल के अत्यधिक विरोध के चलते वायसराय ने इसे वापस ले लिया था।

    यद्यपि इस बिल का उद्देश्य न्यायपालिका में भारतीय और यूरोपीय सदस्यों के मध्य के अंतर को समाप्त करना था, परन्तु बिल के सन्दर्भ में उपजे विवाद ने भारतीयों को यह विश्वास दिला दिया कि वे ब्रिटिश सरकार से समानता की अपेक्षा नहीं कर सकते हैं। राष्ट्रवादियों के भी समक्ष यह स्पष्ट हो चुका था कि जब यूरोपीयों के हित दाँव पर लगे हों तो सरकार से निष्पक्ष आचरण की अपेक्षा नहीं की जा सकती है। हालाँकि, यह उन भारतीयों के लिये भी एक महत्त्वपूर्ण सबक था जो ब्रिटिश विरोधी सिद्धांतों को दूर करने के साधन तथा मार्ग तलाश रहे थे।  शिक्षित भारतीय मध्य वर्ग ने संगठित बैठकों, प्राधिकारियों को ज्ञापन भेजकर और समाचार पत्रों के कॉलम और लेखों के माध्यम से अपने पक्ष को रखने का प्रयास किया। इल्बर्ट बिल विवाद के पश्चात दिसंबर 1883 में प्रथम भारतीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया था, जिसमें सम्पूर्ण भारत के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इन प्रतिनिधियों ने ब्रिटिश सरकार द्वारा किये जाने वाले नस्लीय भेदभाव की भी निंदा की थी।

    निश्चित तौर पर इल्बर्ट विवाद ने भारत के शिक्षित मध्यम वर्ग पर गहरा प्रभाव डाला, और पहली बार मध्यम वर्ग को अपने अधिकारों की रक्षा करने और उन्हें बढ़ावा देने के लिये एक मज़बूत एवं व्यापक प्रभाव वाले राजनीतिक संगठन की आवश्यकता महसूस हुई।

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2