‘उत्पीड़न के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन’ (UN Convention Against Torture) का अनुमोदन करना भारत के लिये क्यों आवश्यक है? विवेचना कीजिये।
15 May, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 2 अंतर्राष्ट्रीय संबंध‘उत्पीड़न और अन्य क्रूर, अमानवीय या अपमानजनक उपचार अथवा सज़ा के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन’ (UN Convention Against Torture and Other Cruel, Inhuman or Degrading Treatment or Punishment) पर हस्ताक्षर करने के दो दशकों बाद भी भारत ने अभी तक इसका अनुमोदन नहीं किया है। सर्वोच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए हाल ही में टिप्पणी की है कि इस कन्वेंशन का अनुमोदन करना भारत के लिये हितकारी साबित होगा। याचिका में इस कन्वेंशन को भारत के लिये अत्यंत महत्त्वपूर्ण बताते हुए कहा गया है कि 1997 के इस कन्वेंशन पर हस्ताक्षर करने वाले 161 देशों में से केवल 9 देशों ने इसका अनुमोदन नहीं किया है जिनमें से भारत भी एक है।
भारत के लिये इस कन्वेंशन को अनुमोदित करने की क्या आवश्यकता है?
समाज के सभी वर्गों के अधिकारों को संरक्षित करने के लिये उत्पीड़न एवं अमानवीय व्यवहार के खिलाफ मज़बूत कानून का निर्माण करना वर्तमान युग की महत्त्वपूर्ण आवश्यकता है। भारत स्वयं चरम हिंसा एवं अत्याचार के खिलाफ अपनी बुलंद आवाज़ रखता है। अतः इस प्रकार के वैश्विक कानून के अनुमोदन से भारत की वैश्विक स्वीकार्यता में मज़बूत वृद्धि होगी।