अन्य देशों की तुलना में भारत में श्रम क्षेत्र में लिंग असमानता काफी अधिक है। भारत में रोज़गार के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के भागीदारी स्वरूप का विश्लेषण करते हुए श्रम क्षेत्र में लिंग असमानता को कम करने के लिये सुझाव दें।
19 May, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 2 सामाजिक न्यायभारत में कुल श्रमिकों में महिला श्रमिकों की भागीदारी काफी कम है। वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम (WEF) द्वारा जारी ‘जेंडर गैप रिपोर्ट’ 2016 में भारत को 144 देशों में 87वीं रेंक प्राप्त हुई। विश्व बैंक के आँकड़ों के अनुसार श्रम में महिलाओं की भागीदारी के मामले में दक्षिण एशिया का औसत 31% है वहीं भारत में यह औसत लगभग 20% है तथा शहरी भारत में यह 20% से भी कम है। एक अन्य अध्ययन के अनुसार विश्वस्तर पर वरिष्ठ प्रबंधन में महिलाओं की भूमिका 24% है वहीं भारत में यह हिस्सेदारी केवल 19% है, उस पर भी कार्यकारी स्तर पर यह केवल 14% है। महिला नेतृत्व के मामले में भारत सबसे खराब 48 देशों में से एक है।
विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी का स्वरूप-
श्रम क्षेत्र में लिंग असमानता कैसे कम की जा सकती है?
विश्व में जिन देशों ने तीव्र विकास किया है उनमें श्रम क्षेत्र में महिलाओं की पर्याप्त भागीदारी रही है। अतः भारत के लिये भी यह जरूरी है कि महिलाओं की क्षमताओं का भरपूर प्रयोग कर विकास की गति को बढ़ाया जाए।