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प्रश्न :
हाल ही में आप एक ऐसे ज़िले में ज़िलाधिकारी के रूप में नियुक्त हुए हैं जो प्रशासनिक दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। आज भी सामंती व्यवस्था के अवशेष यहाँ देखे जा सकते हैं, जहाँ जाति के आधार पर टकराव होते रहते हैं। कृषि का पिछड़ापन, रोज़गार अवसरों की कमी तथा शिक्षा एवं स्वास्थ्य की आधारभूत व्यवस्था से वंचन ने इस ज़िले के लोगों को आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्था से जुड़ने ही नहीं दिया। लोग अपनी जाति के ही गरीब लोगों की सहायता करके ‘जातीय लगाव’ को सुदृढ़ बनाए हुए हैं। प्रशासनिक एवं राजनीतिक नेतृत्व की स्वार्थता एवं उदासनीता ने न सिर्फ ज़िले के विकास को अवरुद्ध किया है बल्कि जातीय संघर्ष को भी बढ़ाया है। इन्हीं विषम परिस्थितियों में आपको ज़िले में विकास प्रक्रिया को आगे बढ़ाना है तथा औद्योगिक घरानों से इस ज़िले हेतु निवेश भी आकर्षित करना है।
इन्हीं परिस्थितियों में ज़िले का एक जातीय समूह आपसे मिलता है तथा स्वयं को आपकी जाति का बतलाता है तथा आपसे अनुरोध करता है कि अपनी जाति के लिये आप विपक्षी जाति पर कठोर कार्यवाही करें। साथ ही, आपको यह भी बताया जाता है कि इससे पहले के अधिकारी अपनी जाति के लोगों का साथ देते रहे हैं।
उपर्युक्त केस स्टडी में विद्यमान नैतिक समस्याओं की पहचान करें।
01 Dec, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़
उपर्युक्त केस स्टडी में एक ज़िलाधिकारी की भावनात्मक बुद्धिमता, समस्याओं के समाधान में किस प्रकार सहायक हो सकती है?
ज़िलाधिकारी के रूप में इस ज़िले के विकास के लिये अपनी रणनीति को बिंदुवार बताने का प्रयास करें।उत्तर :
- प्रथम प्रश्न में केस स्टडी की परिस्थितियों के अनुसार विद्यमान नैतिक समस्याओं को बताएँ जैसे:
♦ सामाजिक-आर्थिक न्याय का अभाव।
♦ अहिंसा के मानवीय मूल्य की कमी।
♦ प्रशासनिक एवं राजनीतिक उत्तरदायित्व से विचलन।
♦ जाति का प्रभाव समानता के मूल्य की कमी को बताता है।
♦ अन्य लोकतांत्रिक मूल्यों की कमी देख सकते हैं।
- इस केस स्टडी में विद्यमान समस्याओं के समाधान में भावनात्मक बुद्धिमत्ता निम्न प्रकार से सहायक हो सकती है। जैसे-
♦ एक प्रशासनिक अधिकारी को विभिन्न समस्याओं के समाधान हेतु अभिप्रेरित कर सकती है।
♦ भावनात्मक बुद्धिमत्ता से युक्त व्यक्ति अपनी सामाजिक दक्षता एवं समानुभूति से समस्या के समाधान हेतु अन्य लोगों का सहयोग प्राप्त कर सकता है और प्रशासन को लोकोन्मुखी बना सकता है।
♦ स्वयं को जातीय पूर्वाग्रहों से बचा सकता है। इसी तरह भावनात्मक बुद्धिमत्ता के अन्य लाभों की भी पहचान कर सकते हैं।
- ज़िलाधिकारी के रूप में सामंती मूल्यों से प्रभावित पिछड़े ज़िले के विकास हेतु निम्न रणनीति अपनाई जा सकती है-
♦ जातीय संघर्ष के स्थायी समाधान हेतु अंतर्जातीय संवाद, सहयोग को बढ़ाना।
♦ जातीय संघर्ष को प्रोत्साहित करने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही।
♦ स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसी सुविधाओं को लोगों तक सहज रूप में उपलब्ध कराना।
♦ कृषि के पिछड़ेपन को दूर करने हेतु संरचनात्मक उपाय।
♦ कानून-व्यवस्था तथा आधारभूत संरचना को बेहतर बनाकर ज़िले में निवेश आकर्षित करना।
♦ लोगों के कौशल विकास तथा रोज़गार वृद्धि का प्रयास।
निष्कर्ष:
अंत में संक्षिप्त निष्कर्ष के साथ उत्तर समाप्त करें।
नोट: निर्धारित शब्द सीमा में इस केस स्टडी का उत्तर लिखें।To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.
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