यद्यपि ‘राजगोपालाचारी फार्मूला’ अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान की अवधारणा का ही प्रस्ताव था, फिर भी, जिन्ना ने उस ‘फार्मूला’ को नकार दिया। क्यों?
01 Jun, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 1 इतिहास1944 में कांग्रेस और मुस्लिम लीग के मध्य सहयोग बढ़ाने हेतु कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. राजगोपालाचारी ने व्यक्तिगत स्तर पर किये गए अपने प्रयास के तहत एक फार्मूला प्रस्तुत किया, जिसे ‘राजगोपालाचारी फार्मूला’ कहा गया। गाँधी जीे ने भी इस फार्मूले का समर्थन किया था। इस फार्मूले के प्रमुख प्रावधान निम्नलिखित थे-
जिन्ना ने इस फार्मूले को एक सिरे से नकार दिया। वह चाहता था कि कांग्रेस स्पष्टतः द्वि-राष्ट्र सिद्धांत को स्वीकार कर ले तथा उत्तर-पूर्वी व उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में केवल मुस्लिम लोगों को ही मत देने का अधिकार मिले न कि पूरी जनसंख्या को। उन्होंने फार्मूले में प्रस्तावित साझा सरकार के गठन का भी विरोध किया। जिन्ना का पूरा ध्यान केवल पृथक पाकिस्तान की मांग पर ही था जबकि कांग्रेस भारतीय संघ की स्वतंत्रता के लिये मुस्लिम लीग को पूर्ण सहयोग प्रदान किये जाने पर सहमत थी।
इन परिस्थितियों में गाँधी जी के समर्थन के बावजूद ‘राजगोपालाचारी फार्मूला’ असफल रहा। विदित रहे कि हिन्दू नेताओं जैसे सावरकर आदि ने इस ‘फार्मूला’ की तीव्र आलोचना भी की थी।