वर्ष 1854 के ‘वुड्स डिस्पैच’ को ‘भारतीय शिक्षा का मैग्नाकार्टा’ क्यों कहा जाता है?
28 Jun, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 1 इतिहाससर चार्ल्स वुड उस समय ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के ‘बोर्ड ऑफ कंट्रोल’ के अध्यक्ष थे। उन्होंने भारत की भावी शिक्षा के लिये एक विस्तृत योजना बनाई और भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लार्ड डलहौजी को 1854 में अपना सुझाव-पत्र भेजा, जिसे ‘वुड का घोषणापत्र’ या ‘वुड्स डिस्पैच’ कहा गया। इसे भारतीय शिक्षा का मैग्नाकार्टा इसलिये कहा जाता है क्योंकि यह पहला इतना व्यवस्थित, संतुलित, विस्तृत व बहुआयामी शिक्षा प्रस्ताव था जिसने ब्रिटिश शासन की शिक्षा नीति को दिशा दी।
इस ‘डिस्पैच’ की प्रमुख सिफारिशें निम्नलिखित थी-
‘वुड्स डिस्पैच’ में दिये गए सुझावों को काफी हद तक लागू किया गया। 1857 में कलकत्ता, बंबई व मद्रास में विश्वविद्यालय खोले गए तथा कुछ समय बाद सभी प्रांतों में शिक्षा विभाग का गठन भी कर दिया गया। स्त्री शिक्षा के क्षेत्र में ‘बेथुन स्कूल’ की स्थापना भी एक सार्थक परिणाम रही। चार्ल्स वुड द्वारा अनुमोदित विधियाँ व आदर्श लगभग 50 वर्षों तक प्रभावी रहे। इस प्रकार ‘वुड्स डिस्पैच’ भारत की भावी शिक्षा के विकास हेतु एक क्रांतिकारी दस्तावेज साबित हुआ।