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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    प्रथम विश्वयुद्ध के लिये क्या सिर्फ जर्मनी और उसके सहयोगी राष्ट्र ही दोषी थे या फिर अन्य राष्ट्रों का भी कुछ दायित्व था?

    06 Jul, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 1 इतिहास

    उत्तर :

    वर्साय संधि की धारा 231 में प्रथम विश्वयुद्ध का सारा दायित्व जर्मनी और उसके सहयोगी राष्ट्रों पर डाला गया। परंतु, यह एक एकपक्षीय निर्णय था। यदि निष्पक्ष नज़रिये से देखा जाए तो जर्मनी और उसके सहयोगी देशों के अतिरिक्त मित्र-राष्ट्रों (Allied Countries) की भूमिका को भी नकारा नहीं जा सकता। यथा-

    • (i) सर्बिया की भूमिकाः राष्ट्रवाद की भावना से प्रेरित होकर सर्बिया लंबे समय से सभी बिखरे सर्ब लोगों को एक राज्य में संगठित करना चाहता है। इसी कारण आस्ट्रिया से उसका टकराव अनिवार्य था। सर्बिया को इस संबंध में रूस का पूरा समर्थन प्राप्त था। सेराजेवो का हत्याकांड भी इसी राष्ट्रवाद का परिणाम था। यदि सर्बिया सरकार ने आस्ट्रिया के युवराज के हत्यारों को पकड़ने या सजा दिलाने में सहयोग किया होता तो संभवतः प्रथम विश्वयुद्ध का यह तात्कालिक कारण उपस्थित नहीं होता और युद्ध टल सकता था।
    • (ii) रूस की भूमिकाः रूस ने आस्ट्रिया के विरूद्ध सर्बिया को सदैव प्रोत्साहित किया। दूसरा, अपनी सेना की लामबंदी कर न केवल रूस ने आस्ट्रिया व जर्मनी को भयभीत किया अपितु समस्या को कूटनीतिक क्षेत्र से सैनिक क्षेत्र में ले गया। यदि रूस यह कार्रवाई नहीं करता तो शायद बिना युद्ध के ही समस्या सुलझ जाती।
    • (iii) फ्राँस की भूमिकाः फ्राँस ने रूस की लामबंदी का पूरा समर्थन किया तथा रूस को किसी समय भी संयम बरतने की सलाह नहीं दी। अपनी रूस यात्रा के दौरान फ्राँस के राष्ट्रपति ने जार को आश्वासन दिया कि आस्ट्रिया को रोकने में एक मित्र-राज्य के रूप में फ्राँस हर हालत में रूस का समर्थन करेगा। 
    • (iv) ब्रिटेन की भूमिकाः यद्यपि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने शांति बनाए रखने के लिये अनेक प्रयत्न किये, जो असफल रहे, किंतु यदि संकट के प्रारम्भिक दिनों में ही ब्रिटेन जर्मनी को स्पष्ट चेतावनी दे देता कि यदि यूरोपीय युद्ध छिड़ा तो ब्रिटेन अपने मित्र राष्ट्रों (फ्राँस और रूस) का साथ देगा। तब संभव था कि जर्मनी आस्ट्रिया पर पूरा दबाव डालता कि उसकी रूस के साथ वार्त्ता सफल हो; दूसरा, ब्रिटेन यदि फ्राँस व रूस को भी स्पष्ट चेतावनी दे देता कि यदि वे युद्ध में उलझते हैं तो ब्रिटेन तटस्थ रहेगा। इस हालात में रूस लामबंदी के निर्णय पर पुनः गंभीर विचार करता। परंतु, ब्रिटिश प्रधानमंत्री सर एडवर्ड ग्रे ने ऐसा कुछ नहीं किया। 

    अतः केवल केंद्रीय शक्तियों (जर्मनी, आस्ट्रिया-हंगरी, ओटोमन साम्राज्य, बुल्गारिया आदि) को ही प्रथम विश्वयुद्ध के लिये पूर्णतया उत्तरायी ठहराना उचित नहीं है। इस युद्ध के लिये लगभग सभी प्रमुख देश जिम्मेदार थे।

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