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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    उन घटनाक्रमों का उल्लेख करें जो दर्शाते हैं कि 20वीं सदी के प्रारंभिक दशकों में ही अमेरिका अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में एक महाशक्ति के रूप में उदित हो चुका था।

    07 Jul, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 1 इतिहास

    उत्तर :

    वर्ष 1776 में अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम के फलस्वरूप एक राष्ट्र के रूप में संयुक्त राष्ट्र अमेरिका का जन्म हुआ। जन्मकालीन अंतर्राष्ट्रीय परिस्थितियों के दृष्टिगत इस नए गणराज्य ने ‘तटस्थता की नीति’ का सहारा लिया क्योंकि उस समय राष्ट्र के समक्ष सबसे महत्त्वपूर्ण प्रश्न देश का पुनर्निर्माण था। लेकिन, 1823 में राष्ट्रपति मुनरो ने ‘मुनरो सिद्धांत’ का प्रतिपादन किया, जिसके द्वारा यूरोपीय राज्यों को यह चेतावनी दी गई थी कि यदि उन्होंने अमेरिका गोलार्द्ध में किसी तरह का राजनीतिक हस्तक्षेप करने का प्रयास किया तो यह प्रयास संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रति शत्रुतापूर्ण कार्यवाही माना जाएगा। इस घोषणा के द्वारा ‘अमेरिका अमेरिकावासियों के लिये’ का सिद्धांत स्थापित हुआ।

    19वीं सदी के अंतिम दशकों और बीसवीं सदी के प्रारंभ में अमेरिका ने ‘पार्थक्यवाद’ का चोंगा धीरे-धीरे हटाना शुरू किया और विश्व राजनीति में हस्तक्षेप प्रारंभ कर दिया। 1905 ई. के रूस-जापान युद्ध का अंत करने के लिये राष्ट्रपति रूजवेल्ट ने सफलतापूर्वक हस्तक्षेप किया और युद्ध को रोका। इस युद्ध में अमेरिका ने इसलिये हस्तक्षेप किया क्योंकि वह पूर्वी एशिया में जापान के प्रसार को रोकना चाहता था। 1906 ई. में मोरक्को को लेकर फ्राँस और जर्मनी में एक भयंकर संकट पैदा हो गया और ऐसा प्रतीत हुआ कि दोनों देशों के मध्य युद्ध छिड़ जाएगा। संयुक्त राज्य अमेरिका ने भी इस मामले में भी मध्यस्थता की और फ्राँस तथा जर्मनी का बीच-बचाव कराकर यूरोपीय शांति की भंग होने से बचाया। 

    फिर, वर्ष 1914 में प्रथम विश्व युद्ध आरंभ हो गया। शुरुआत में अमेरिका इसमें सम्मिलित नहीं हुआ किंतु 1917 ई. आते-आते वह जर्मनी के विरूद्ध इस युद्ध में शामिल हुआ। अमेरिका ने अपने अपार धन, जन, युद्ध सामग्री, आयुधों इत्यादि से मित्र राष्ट्रों की पूरी मदद की। अमेरिकी शक्ति के बूते ही मित्रराष्ट्र जर्मनी को पराजित करने में सफल हुए। प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने युद्धपोरांत स्थायी शांति की स्थापना के लिये अपने प्रसिद्ध ‘चौदह सूत्रों’ का प्रदिपादन किया। जर्मनी ने इन्हीं सूत्रों को आधार मानकर युद्ध में पराजित होने पर आत्म-समर्पण किया था। एक सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह थी कि प्रथम विश्वयुद्ध उपरांत संसार का सबसे लोकप्रिय व्यक्ति भी अमेरिकी राष्ट्रपति ‘विल्सन’ ही था। उसी के विशेष प्रयास से ‘पेरिस-शांति समझौता’ भी हुआ और ‘राष्ट्रसंघ’ की स्थापना भी हुई।

    इस प्रकार, 1920 ई. तक ही  विश्व राजनीति में जोरदार हस्तक्षेप, दमदार मौजूदगी और निर्णायक दिशा-निर्देशक की भूमिका निभाकर अमेरिका ने साबित कर दिया था कि विश्व राजनीति में एक ‘महाशक्ति’ का उदय हो चुका था।

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