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प्रश्न :
ऐसा देखा जाता है कि वलित पर्वत प्रायः महाद्वीपों के किनारे पर अवस्थित हैं । विश्व में वलित पर्वतों एवं भूकंप तथा ज्वालामुखी के वितरण के अंतर्संबंध को स्पष्ट कीजिये ।
21 Jul, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 1 भूगोलउत्तर :
वलित पर्वतों का निर्माण दो महाद्वीपीय प्लेटों या एक महाद्वीपीय प्लेट और एक महासागरीय प्लेट के अभिसरण या आपस में टकराने के परिणामस्वरूप होता है। जब दो महाद्वीपीय प्लेटें अभिसरित होती हैं तो महासागरीय अवसादों पर दबाव पड़ता है जो प्लेटों पर ज़ोर डालता है। अंततः यही दबे हुए अवसाद प्लेटों के किनारे वलित पर्वत के रूप में दिखाई देते हैं।
इसके अतिरिक्त, जब अभिसरण एक महाद्वीपीय प्लेट और एक महासागरीय प्लेट के बीच होता है तो प्लेट के किनारों पर बने महाद्वीपीय ज्वालामुखीय चाप (Continental volcanic arc) संपीडित होते हैं और महासागरीय प्लेट की टक्कर से ऊपर उठते हैं। इस तरह महाद्वीपों के किनारों पर वलित पर्वत का निर्माण होता है।
दोनों ही प्रकार के अभिसरण द्वारा निर्मित वलित पर्वतों के साथ अक्सर ही भूकंपीय घटना देखने को मिलती है। दो महाद्वीपीय प्लेटों की अभिसरण की स्थिति में अधिक घनत्व वाली प्लेट कम घनत्व वाली प्लेट को धकेलती है जिससे प्लेट के किनारों पर भ्रंश का निर्माण होता है। इसके बाद होने वाली टक्कर अचानक ही बड़ी मात्रा में ऊर्जा मुक्त करती है जिससे इन भ्रंशों के क्षेत्र में खतरनाक भूकंप आता है। हिमालयी क्षेत्र में आने वाले भूकंप ऐसे भूकम्पों के उदाहरण हैं।
ज्वालामुखीय घटना प्रायः एक महाद्वीपीय प्लेट और एक महासागरीय प्लेट के अभिसरण की स्थिति में दिखाई देती है। इस स्थिति में रूपांतरित अवसादों और अवक्षेपित प्लेट के पिघलने से मैग्मा बनता है जो पतली भूपर्पटी के सहारे सतह पर आ जाता है।
अतः वलित पर्वतों और ज्वालामुखी व भूकंप के वितरण के बीच एक अंतर्संबंध देखा जाता है जो प्रायः महाद्वीपों के किनारों पर दृष्टिगोचर होता है।To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.
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