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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    ग्रामीण नगर उपांत क्षेत्र से आप क्या समझते हैं? इसके लक्षणों की स्पष्ट चर्चा कीजिये।

    28 Aug, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 1 भूगोल

    उत्तर :

    उत्तर की रूपरेखा

    • प्रभावी भूमिका में ग्रामीण नगर उपांत क्षेत्र का परिचय दें।
    • तार्किक एवं संतुलित विषय-वस्तु में इसके लक्षणों की स्पष्ट चर्चा करें।

    ग्रामीण नगर उपांत में दो तत्त्वों का संग्रह है, जिसमें से एक ग्रामीण उपांत तथा दूसरा नगरीय उपांत है। अतः ग्रामीण नगर उपांत अतिक्रमण का प्रतीक है, यह नगर के चारों ओर एक ऐसी मेखला का प्रतिनिधित्व करता है जो न तो पूर्णतया ग्रामीण है और न ही पूर्णतया नगरीय। इस मेखला में ग्रामीण एवं नगरीय दोनों प्रकार का वातावरण मिलता है।

    विश्वभर में नगरीकरण की प्रक्रिया में वृद्धि होने से नगरों का आकार तेज़ी से बढ़ रहा है। वे अपने आस-पास की ग्रामीण भूमि पर फैलकर उसका अतिक्रमण कर रहे हैं। इससे नगरीय भूमि के उपयोग के साथ-साथ ग्रामीण भूमि के उपयोग में भी परिवर्तन होता है। नगरीय विस्तार की योजना तथा सामाजिक-आर्थिक ढाँचा ग्राम-नगर उपांत पर काफी हद तक निर्भर करते हैं। यह पेटी जहाँ एक ओर नगर के आकार में वृद्धि को दर्शाती है, वहीं दूसरी ओर, ग्रामीण कृषि भूमि के ह्रास को भी स्पष्ट करती है, इसके निम्नलिखित लक्षण हैं : 

    1. ग्राम-नगर उपांत का विकास कुछ चयनित नगरीय क्रियाओं के नगर के मध्यवर्ती भाग से सीमांत क्षेत्र की ओर स्थानांतरण से होता है, अतः यह पेटी हवाई अड्डों, गोल्फ-मैदानों, घुड़दौड़-मैदानों, मल-जल उपचार प्लांटों, बड़े-बड़े गोदामों तथा फार्म-गृहों के लिये विख्यात होती है।
    2. इस पेटी में गहन कृषि की जाती है और कृषि योग्य भूमि को शीघ्र खराब होने वाली वस्तुओं के उत्पादन के लिये प्रयोग किया जाता है। सब्जियाँ, फल-फूल तथा दूध एवं दूध से निर्मित उत्पाद ऐसे ही पदार्थ हैं। मुख्य नगर में इन वस्तुओं की बड़ी मांग रहती है जिससे उत्पादक को काफी लाभ होता है। अतः इस पेटी में इन वस्तुओं के उत्पादन को विशेष प्रोत्साहन मिलता है।
    3. आवासीय एवं औद्योगिक भू-संपत्ति का अतिक्रमण होता है और भूमि का मूल्य सुदूर ग्रामीण क्षेत्र की अपेक्षा अधिक होता है। इस पट्टी में नगर का भौतिक विस्तार होता है। 
    4. गहन कृषि तथा भूमि का मूल्य अधिक होने से खेत छोटे आकार के होते हैं। 
    5. मुख्य नगर की अपेक्षा यहाँ पर सामाजिक एवं लोक उपयोग की सुविधाएँ कम होती हैं और यहाँ की जनता की आवश्यकता के अनुपात में अपर्याप्त होती हैं।
    6. भूमि उपयोग कृषि जैसी प्राथमिक क्रियाओं से उद्योग, परिवहन तथा व्यापार जैसी द्वितीयक एवं तृतीयक क्रियाओं में परिवर्तित होता है। 
    7. यहाँ पर मुख्यतः मध्यवर्गीय आय के लोग रहते हैं, जिनके लिये आवासीय कालोनियाँ बिल्डरों द्वारा विकसित की जाती हैं। 
    8. ग्राम-नगर उपांत को प्रायः हरित पट्टी अथवा हरित क्षेत्र पट्टी के नाम से जाना जाता है। 
    9. नगर के विस्तार की योजना के अंतर्गत विद्यालयों, महाविद्यालयों, अस्पतालों, श्मशान भूमियों के लिये भूमि का उचित आवंटन किया जाता है। 
    10. सामान्यतः मध्यवर्गीय गतिशील लोग इस पट्टी की ओर अधिक आकर्षित होते हैं। 
    11. इस पट्टी में रहने वाले अधिकांश लोग काम करने के लिये प्रातः नगर की ओर जाते हैं और शाम को अपने घर वापस लौट आते हैं। इस प्रकार मुख्य नगर और ग्राम-नगर उपांत के बीच एक प्रकार का अंतर्संबंध विकसित होता रहता है। 
    12. यह पट्टी प्रशासनिक समस्याओं से ग्रस्त होती है और समस्याओं को हल करने की ओर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया जाता। प्रायः अपराधी नगर के प्रशासनिक क्षेत्र में अपराध करके इस क्षेत्र में आकर छुप जाते हैं।

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