भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद के प्रमुख मुद्दों का समालोचनात्मक परीक्षण करें।
28 Mar, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 2 अंतर्राष्ट्रीय संबंधभारतीय उपमहाद्वीप में विभाजन के साथ कट्टर प्रतिद्वंद्विता के कारण पाकिस्तान का निर्माण हुआ और यह ऐतिहासिक आधार भारत-पाकिस्तान के संबंधों को आज भी प्रभावित कर रहा है। जहाँ भारत का निर्माण लोकतांत्रिक पंथनिरपेक्ष एवं बहुलवादी राज्य के रूप में हुआ, वहीं पाकिस्तान का निर्माण धार्मिक आधार पर हुआ तथा इसने भारत विरोधी नीति को मूल आधार बनाया। दोनों देशों के बीच विवाद के प्रमुख मुद्दे निम्नलिखित हैं-
कश्मीर मुद्दाः भारत के विभाजन के बाद कश्मीर देशी रियासत का भारत में विलय हो गया, परंतु पाकिस्तान के द्वारा इसे स्वीकार नहीं किया गया तथा सामरिक और सैन्य दृष्टिकोण से कश्मीर के महत्त्व को देखते हुए पाकिस्तान इसे अपना भाग बनाने का प्रयास करता रहा, जबकि भारत शुरू से ही कश्मीर को अपना अभिन्न अंग मानता आया है। इस संदर्भ में 1994 में भारतीय संसद के द्वारा प्रस्ताव भी लाया गया जिसमें स्पष्ट उल्लिखित है कि पाक अधिकृत कश्मीर भारतीय कश्मीर का भाग है।
सिंधु नदी जल विवाद मुद्दाः 1960 में सिंधु नदी समझौते के अंतर्गत सिंधु, झेलम और चिनाब को पाकिस्तान की नदियों के रूप में जबकि सतलुज, रावी एवं व्यास पर भारत के नियंत्रण को स्वीकार किया गया। इस समझौते के द्वारा भारत को पाकिस्तान की नदियों पर जल के सीमित प्रयोग का अधिकार दिया गया।
पाकिस्तान की आपत्तिः पाकिस्तान के द्वारा यह आरोप लगाया जाता है कि भारत, पाकिस्तान के हिस्से के पानी का प्रयोग कर रहा है।
भारत का तर्कः भारत के अनुसार ग्लेशियर कम होने से और बरसात कम होने के कारण सिंधु नदी में पानी का प्रवाह कम हो रहा है तथा सिंधु नदी के पानी का मुद्दा उठाकर पाकिस्तान सीमापार आतंकवाद से ध्यान भटकाना चाहता है।
सियाचिन विवादः सियाचिन, पाकिस्तान नियंत्रित गिलगित और बालटिस्तान के समान अत्यधिक ऊँचाई पर होने के साथ ही काराकोरम दर्रे के निकट है जो भारत के जम्मू व कश्मीर राज्य को तिब्बत या चीन से जोड़ता है, इसलिये यह भारत और पाकिस्तान दोनों के लिये सामरिक महत्त्व रखता है। पाकिस्तान द्वारा 1984 में इस पर नियंत्रण करने का प्रयत्न किया गया, जिसके जवाब में भारत के द्वारा ऑपरेशन मेघदूत प्रारंभ किया गया और उसके बाद से यह क्षेत्र भारत के कब्जे में है।
आतंकवाद का मुद्दाः पाकिस्तान द्वारा कश्मीर में आतंकवाद, अलगाववादी व उग्रवादी संगठनों को बढ़ावा देने के साथ-साथ भारत के विरुद्ध छद्म युद्ध भी चलाया जा रहा है, जिसमें 2001 में भारतीय संसद पर हमला, 2008 में मुंबई हमला तथा हाल ही में पठानकोट आतंकी हमला प्रमुख हैं। पाकिस्तान उन आतंकी संगठनों (जैसे- लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मुहम्मद) को प्रशिक्षण व वित्तीय सहायता उपलब्ध कराता है जो कश्मीर के साथ-साथ भारत के विरुद्ध हिंसात्मक घटनाओं में शामिल होते हैं।
सरक्रीक विवादः सरक्रीक भारत के कच्छ और पाकिस्तान के सिंध प्रांत की विभाजक रेखा है जिसके निकट कराची पत्तन स्थित है। पाकिस्तान का तर्क है कि कच्छ के क्षेत्र में स्थित सरक्रीक का विभाजन 24° समानांतर होना चाहिये, जबकि भारत इस तर्क को स्वीकार करने के लिये तैयार नहीं है और भारत के अनुसार मिड चैनल के आधार पर रेखा का विभाजन होना चाहिये।
चीन-पाक आर्थिक गलियाराः यह आर्थिक कॉरिडोर चीन के जिगजियांग क्षेत्र के काश्गर क्षेत्र को पाकिस्तान के बलूचिस्तान राज्य में स्थित ग्वादर पत्तन से जोड़ता है। यह कॉरिडोर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर गुजर रहा है और वैधानिक रूप से भारत का भाग है, जो भारतीय सुरक्षा के लिये एक बड़ी चुनौती है।
उपरोक्त बिंदुओं को देखते हुए हम कह सकते हैं कि भारत-पाक के बीच सहयोग की बजाय विवाद के मुद्दे अधिक हैं जिससे समूचा दक्षिण एशिया प्रभावित है।