भारत छोड़ो आंदोलन, भारतीय जनता द्वारा स्वतंत्रता प्राप्ति के लिये ब्रिटिश सत्ता के विरुद्ध किया गया आखिरी बड़ा सामूहिक संघर्ष था। किन कारणों से यह संघर्ष अपरिहार्य हो गया था? चर्चा करें।
30 Aug, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 1 इतिहास
उत्तर की रूपरेखा-
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क्रिप्स प्रस्तावों को भारतीयों द्वारा नकारे जाने और क्रिप्स मिशन के वापस लौटने के बाद कांग्रेस कार्य समिति ने एक प्रस्ताव पारित कर अंग्रेज़ों को भारत छोड़ने के लिये कह दिया। द्वितीय विश्व युद्ध की आड़ लेकर सरकार ने अपने आपको सख्त-से-सख्त कानूनों से सुरक्षित कर लिया था और शांतिपूर्ण गतिविधियों को भी प्रतिबंधित कर दिया था। स्थितियां अत्यंत विकट हो चुकी थीं और भारत के राष्ट्रीय नेतृत्व को भी यह पता था कि उस समय विद्रोह का नतीजा जनता के कठोर दमन के रूप में आएगा। परंतु फिर भी यह संघर्ष छेड़ा गया। इस संघर्ष के अपरिहार्य हो जाने के निम्नलिखित कारण थे-
भारत छोड़ो आंदोलन भारत के लिये एक युगांतरकारी आंदोलन था, क्योंकि इसने भारत की भावी राजनीति की आधारशिला रखी। “करो या मरो” नारे के साथ ग्वालिया टैंक मैदान से गांधी जी ने अपने ऐतिहासिक भाषण में कहा कि- “जब भी सत्ता मिलेगी, भारत के लोगों को मिलेगी और तब जनता ही तय करेगी कि इसे किसके हाथों में सौंपा जाना है।” सही मायनों में भारत छोड़ो आंदोलन में ही आज़ादी की लड़ाई का नेतृत्व “हम भारत के लोगों” को प्राप्त हुआ।