भारत के दक्षिणी तथा पश्चिमी राज्यों की तुलना में उत्तर तथा पूर्व के राज्य निर्धन हैं। इस आर्थिक असमानता के क्या कारण हैं ? इस आर्थिक असमानता के प्रभावों का भी उल्लेख करें ?
उत्तर :
उत्तर की रूपरेखा-
- भारत के विभिन्न राज्यों के बीच आर्थिक असमानता के कारण लिखें।
- राज्यों के बीच आर्थिक असमानता के प्रभावों का उल्लेख करें।
- निष्कर्ष
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सभी राज्यों के विकास से ही भारत का विकास का संभव है। किंतु वास्तविकता यह है कि देश के सभी राज्यों को विकास का समान अवसर प्राप्त नहीं हो पाया है। यही कारण है कि भारत के दक्षिणी और पश्चिमी राज्य धनी एवं संपन्न हैं तथा उत्तर और पूर्वी क्षेत्र में स्थित राज्य काफी गरीबी की स्थिति में हैं। इस आर्थिक असमानता के पीछे कई कारण उत्तरदायी हैं-
- भारत के दक्षिणी तथा पश्चिमी राज्यों के पास एक विशाल तटरेखा है। कई महत्त्वपूर्ण बंदरगाहों की उपस्थिति ने इन क्षेत्रों के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- उत्तर तथा पूर्वी राज्यों के अधिकांश क्षेत्र पहाड़ी हैं, जिसके कारण इन इलाकों में आधारभूत संरचना का निर्माण करना कठिन है। जबकि दक्षिणी और पश्चिमी राज्यों का बड़ा क्षेत्र मैदानी है।
- उत्तरी तथा पूर्वी राज्यों में नक्सलवाद, खनन व भू-माफिया तथा नृजातीय संघर्ष के कारण अशांति बनी रहती है। यह अशांति विकास में बाधक है।
- दक्षिणी तथा पश्चिमी राज्यों की साक्षरता दर भी काफी उच्च है । इन क्षेत्रों की आर्थिक उन्नति में इनकी शिक्षा तथा तकनीक की स्वीकार्यता ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश(FDI) भी गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों को उत्तर व पूर्व के राज्यों की तुलना में अधिक प्राप्त होता है।
राज्यों के बीच इस आर्थिक असमानता के प्रभाव-
- राज्यों के बीच आर्थिक असमानता के कारण देश में मौजूद जनसांख्यिकीय लाभांश का समुचित उपयोग नहीं हो पाता है।
- आर्थिक असमानता के कारण प्रवसन की प्रवृत्ति बढ़ जाती है।
- प्रवसन, शहरी क्षेत्रों में दबाव को बढ़ा देता है। मलिन बस्तियाँ, रोगजनक परिस्थितियाँ, यातायात पर दबाव प्रवसन के कारण उपजने वाली स्थितियाँ हैं।
- आर्थिक अवसरों की कमी के कारण इन क्षेत्रों में हिंसा और विरोध का माहौल उत्पन्न हो जाता है।
- आजीविका के अवसरों पर अधिकार को लेकर क्षेत्रवाद जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है, जो संघर्ष को जन्म देती है । उदाहरण- मुंबई में उत्तर भारतीयों से किया जाने वाला दुर्व्यवहार।
अतः कहा जा सकता है कि भारत के उत्तरी तथा पूर्वी राज्यों एवं दक्षिणी तथा पश्चिमी राज्यों के बीच भारी आर्थिक असमानता विद्यमान है और यह कई नकारात्मक परिणामों को जन्म देती है।