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प्रश्न :
भ्रष्टाचार को नगण्य करने, अपव्यय को समाप्त करने और सुधारों को सुगम बनाने हेतु कल्याणकारी योजनाओं में इलेक्ट्रॉनिक नकद हस्तांतरण प्रणाली एक महत्त्वाकांक्षी परियोजना है। टिप्पणी कीजिये।
16 Apr, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्थाउत्तर :
उत्तर की रूपरेखा:
- इलेक्ट्रॉनिक नकद हस्तांतरण प्रणाली क्या है?
- किस प्रकार यह प्रणाली भ्रष्टाचार को नगण्य करने, अपव्यय को समाप्त करने और सुधारों को सुगम बनाने में सहायक सिद्ध होगी?
सरकार द्वारा शुरू की गई इलेक्ट्रॉनिक नकद हस्तांतरण प्रणाली एक ऐसी प्रणाली है, जिसमें लाभार्थियों को धन का स्थानांतरण सीधे उनके बैंक खाते में किया जाता है। जनवरी 2013 में शुरू की गई प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना (DBT) इलेक्ट्रॉनिक नकद हस्तांतरण प्रणाली का ही हिस्सा है।
अभी तक सरकार द्वारा चलाई जा रही लगभग सभी कल्याणकारी योजनाओं में लाभार्थियों के चयन में सरकारी मानदंड का पालन न करना, अवैध लाभार्थी, योजना में धन का दुरुपयोग तथा रिसाव आदि से संबंधित काफी समस्याएँ मौजूद थीं। अतः लाभार्थियों के खाते में सीधे धन के स्थानांतरण से इस तरह की तमाम समस्याओं को दूर किया जा सकेगा।
धन के खाते में हस्तांतरण से लाभार्थी देश के किसी भी हिस्से में उसका लाभ प्राप्त कर सकेगा, जो कि पुरानी व्यवस्था में नहीं मिलता था। सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) जैसी योजनाओं में वस्तुएँ बाज़ार मूल्य से कम पर मिलती थीं, जिसके कारण ये कालाबाज़ारी का कारण बन गई थीं। इलेक्ट्रॉनिक नकद हस्तांतरण के अंतर्गत अब लाभार्थी के खाते में सब्सिडी की राशि का नगद हस्तांतरण कर दिया जाएगा, जिससे कालाबाजारी और रिसाव की समस्या से निजात मिलेगी। इसके साथ ही अवैध राशन कार्डों की समस्या से भी मुक्ति मिल जाएगी। इसी प्रकार मनरेगा जैसी योजनाओं में मजदूरी को सीधे बैंक खातों में भेजे जाने से बिचौलियों तथा फर्जी जॉब कार्ड की समस्या का भी समाधान हो जाएगा। लाभार्थियों के बैंक खातों को आधार से जोड़ देने पर फर्जी लाभार्थियों की समस्या से और भी प्रभावी ढंग से निपटा जा सकेगा। इससे विश्व व्यापार संगठन (WTO) के ‘पीस क्लाज़’ के अंतर्गत ही भारत की वचनबद्धता पूर्ण करने में भी सहायता मिलेगी।
इलेक्ट्रॉनिक नकद हस्तांतरण प्रणाली के मार्ग में अनेक बाधाएँ भी हैं। सब्सिडी की रकम को सीधे खाते में नकद स्थानांतरित कर देने से लोगों द्वारा इस धन का उपयोग किसी अन्य मद में खर्च कर देने का खतरा है। जैसे कुछ मामलों में देखा गया है कि पुरुष मुखिया के खाते में धन हस्तांतरण से धन का दुरुपयोग (शराब, सट्टेबाजी इत्यादि) होने की संभावना है, इसीलिये कुछ योजनाओं में जहाँ तक संभव हो धन का हस्तांतरण महिला प्रमुख के खाते में किया जाएगा। इसके अतिरिक्त भारत में बैंक खाता धारकों की संख्या अत्यधिक कम है, जो नकद हस्तांतरण प्रणाली के मार्ग में सबसे बड़ी बाधा है। इसके लिये बड़ी संख्या में बैंक में खाता खोलने तथा लोगों को वित्तीय रूप से जागरूक करने की आवश्यकता है।
हालाँकि सरकार द्वारा जन धन योजना के माध्यम से 20 करोड़ से भी अधिक नए बैंक खातों को खोला जा चुका है, जिसमें 55 प्रतिशत से भी अधिक ग्रामीण क्षेत्रों में है। अतः निश्चित रूप से यह सरकार की इलेक्ट्रॉनिक नकद स्थानांतरण प्रणाली जैसी महत्त्वाकांक्षी परियोजना को लागू करने में गति प्रदान करेगी, जिसके फलस्वरूप सरकारी योजनाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार का उन्मूलन करने में मदद मिलेगी।
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