यह देखा गया है कि काला धन खपाने के लिये अचल संपत्ति मुख्य क्षेत्रों में से एक है। आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिये कि कैसे हाल ही में लागू किये गए अचल संपत्ति विनियमन विकास अधिनियम से भ्रष्टाचार को रोकने और उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा में मदद मिलेगी?
23 Apr, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्था
उत्तर की रूपरेखा:
|
वर्तमान समय में काला धन भारत के ज्वलंत मुद्दों में से एक है, जिससे धन की काफी क्षति होती है तथा यह सरकार द्वारा प्रदत्त सामाजिक सुविधाओं में बाधा उत्पन्न करता है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अनुसार, रियल एस्टेट काले धन को छुपाने एवं सफेद करने का मुख्य क्षेत्र है। आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन की रिपोर्ट ने भी इसका समर्थन किया है।
नौ वर्षों की प्रतीक्षा के बाद अंततः रियल एस्टेट (विनियमन एवं विकास अधिनियम), 2016 पारित हुआ।
मुख्य बिदुः
यह अधिनियम रियल एस्टेट परियोजनाओं के खरीदारों तथा प्रमोटरों के मध्य लेन-देन को विनियमित करता है। यह राज्य स्तर पर रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण की स्थापना करता है।
यह अधिनियम रियल एस्टेट परियोजनाओं तथा रियल एस्टेट एजेंटों को प्राधिकरण के साथ पंजीकृत होना अनिवार्य बनाता है। यह निर्माणकर्त्ताओं को अनिवार्य रूप से पंजीकृत परियोजनाओं का विवरण प्रदान करने को कहता है, जिसमें प्रमोटर, परियोजना, अभिन्यास योजना, भूमि स्थिति, ठेकेदार, वास्तुकार, सरंचना अभियंता, रियल एस्टेट एजेंट्स के साथ अनुबंध इत्यादि शामिल है। अधिनियम इन सूचनाओं को RERA की वेबसाइट पर अद्यतन करने को भी बाध्यकारी बनाता है।
रियल एस्टेट बिल यह सुनिश्चित करता है यदि प्रमोटर अपनी संपत्ति का पंजीकरण नहीं करवाते हैं तो उन्हें अपनी कुल परियोजना लागत का 10% तक दंड के रूप में देना होगा। यदि RERA द्वारा जारी आदेशों का उल्लंघन किया गया तो प्रमोटर को तीन वर्ष तक की सजा भुगतनी होगी और/या परियोजना की कुल लागत का 10% अतिरिक्त दंड के रूप में देना होगा। यदि निर्माणकर्त्ता अधिनियम के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन करता है तो उसे परियोजना की अनुमानित लागत का 5% देना होगा।
यह अधिनियम निर्माता द्वारा किसी परियोजना के लिये खरीदारों से संगृहीत 70% राशि को अलग बैंक खाते में रखने का आदेश देता है। इस राशि का उपयोग केवल उस परियोजना के निर्माण में ही किया जाना चाहिये। हालाँकि राज्य सरकार इस राशि को 70% से कम भी कर सकती है।
मुद्देः
यह एक मॉडल कानून है, इसका मतलब यह है कि राज्यों को दिशा-निर्देश के अनुसार अपने कानून का प्रारूप तैयार करना होगा तथा उसे पारित करना होगा, क्योंकि भूमि राज्य सूची के अंतर्गत आती है। अब तक 13 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने इन नियमों को अधिसूचित किया है, हरियाणा पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसने मॉडल कानून के प्रावधानों को हल्का किया है।
पंजीकरण के बावजूद RERA दलाली में गबन करने वालों पर मौन है।
रियल एस्टेट निवेश न्यास का अब तक आना तथा स्टॉक एक्सचेंज पर अधिसूचित किया जाना अभी तक बाकी है।
यह अधिनियम आवासीय रियल एस्टेट परियोजनाओं के प्रमोटरों तथा खरीदारों के मध्य लेन-देन को विनियमित करने को लेकर है ताकि उपभोक्ता के अधिकारों के संरक्षण को सुनिश्चित किया जा सके तथा क्षेत्र में व्यापारिक गतिविधियों का मानकीकरण किया जा सके।
यह रियल एस्टेट क्षेत्र में जवाबदेही तथा पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा जो कि उपभोक्ता के भरोसे में वृद्धि करेगा और कुछ हद तक काले धन के ऊपर लगाम लगाएगा।
यह उपभोक्ताओं के मध्य जागरूकता में वृद्धि करेगा। RERA स्पष्टता तथा स्वच्छ प्रक्रियाओं को लाने के लिये कटिबद्ध है, जो कि खरीदरों के हितों की रक्षा करेगा तथा दोषी बिल्डरों को दंडित करेगा।