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प्रश्न :
प्रश्न. "नैतिक उपभोक्तावाद सतत् विकास का भविष्य है।" इस विषय पर चर्चा कीजिये कि नैतिक विचार उपभोक्ता विकल्पों और निगमित उत्तरदायित्व को किस प्रकार प्रभावित करते हैं। (150 शब्द)
06 Mar, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- नैतिक उपभोक्तावाद को परिभाषित करते हुए उत्तर प्रस्तुत कीजिये।
- उपभोक्ता विकल्पों और निगमित उत्तरदायित्व को प्रभावित करने वाले नैतिक विचारों के पक्ष में तर्क दीजिये।
- इससे जुड़ी चुनौतियों पर प्रकाश डालिये।
- उचित निष्कर्ष दीजिये।
परिचय:
नैतिक उपभोक्तावाद से तात्पर्य पर्यावरणीय संधारणीयता, श्रम अधिकार और सामाजिक उत्तरदायित्व जैसे नैतिक विचारों के आधार पर क्रय निर्णय लेने की प्रथा से है।
- यह व्यवसायों को जिम्मेदार प्रथाओं को अपनाने के लिये प्रोत्साहित करके सतत् विकास को बढ़ावा देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
मुख्य भाग:
उपभोक्ता की पसंद को प्रभावित करने वाले नैतिक विचार:
- पर्यावरण संबंधी चिंताएँ: उपभोक्ता तीव्रता से पर्यावरण अनुकूल उत्पादों को पसंद कर रहे हैं, जिसके कारण संधारणीय ब्रांडों का उदय हो रहा है।
- उदाहरण: जीवाश्म ईंधन आधारित कारों की तुलना में टाटा नेक्सन EV जैसे इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की मांग।
- निष्पक्ष व्यापार और श्रम अधिकार: नैतिक उपभोक्ता ऐसे ब्रांड चुनते हैं जो श्रमिकों के लिये उचित मज़दूरी और सुरक्षित कार्य स्थितियाँ सुनिश्चित करते हैं।
- उदाहरण: फेयरट्रेड-प्रमाणित कॉफी और कपड़ों के ऐसे ब्रांडों को प्राथमिकता, जो स्वेटशॉप से बचते हैं।
- पशु कल्याण: उपभोक्ताओं का एक विकसित-विस्तृत होता हुआ हुआ वर्ग पशुओं पर परीक्षण किये गए या पशुओं के शोषण से बने उत्पादों से परहेज़ करता है।
- उदाहरण: क्रुएल्टी-फ्री सौंदर्य प्रसाधनों और बियॉन्ड मीट जैसे पादप-आधारित खाद्य विकल्पों का उदय।
- पारदर्शिता और उत्तरदायित्व: संधारणीय और नैतिक विनिर्माण प्रथाओं को प्रदर्शित करने वाले व्यवसायों से उपभोक्ता का विश्वास बढ़ता है।
- उदाहरण: आपूर्ति शृंखलाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिये ब्लॉकचेन का उपयोग करने वाले ब्रांड (उदाहरण के लिये, यूनिलीवर की सस्टेनेबल पाम ऑयल पहल)।
निगमित उत्तरदायित्व को आयाम देने वाले नैतिक उपभोक्तावाद
- संधारणीय उत्पादन पद्धतियाँ: उपभोक्ता अपेक्षाओं को पूरा करने के लिये कंपनियाँ हरित विनिर्माण प्रक्रियाएँ अपना रही हैं।
- उदाहरण : एप्पल ई-अपशिष्ट को कम करने के लिये अपने उपकरणों में पुनर्नवीनीकृत सामग्री का उपयोग कर रहा है।
- निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR): व्यवसाय उपभोक्ता मूल्यों के साथ तालमेल बिठाने के लिये CSR पहलों को एकीकृत कर रहे हैं।
- उदाहरण : टाटा समूह के ग्रामीण विकास कार्यक्रम और सामुदायिक कल्याण पहल।
- विनियामक अनुपालन और ESG (पर्यावरण, सामाजिक और शासन) मानक: ESG मानदंडों का पालन करने वाली कंपनियाँ नैतिक निवेशकों को आकर्षित करती हैं।
- उदाहरण : टेस्ला और इन्फोसिस जैसी वैश्विक कंपनियाँ शून्य-कार्बन लक्ष्यों को प्राथमिकता दे रही हैं।
- चक्रीय अर्थव्यवस्था और अपशिष्ट न्यूनीकरण: नैतिक उपभोक्तावाद रैखिक अर्थव्यवस्था (उत्पादन-उपयोग-निपटान) से चक्रीय अर्थव्यवस्था (पुनः उपयोग-पुनर्चक्रण-न्यूनीकरण) की ओर बदलाव को बढ़ावा देता है।
- उदाहरण: H&M की परिधान रीसाइक्लिंग पहल और IKEA का संधारणीय फर्नीचर उत्पादन।
नैतिक उपभोक्तावाद के लिये चुनौतियाँ:
- नैतिक उत्पादों की उच्च लागत: कई संधारणीय और निष्पक्ष व्यापार उत्पाद महंगे हैं, जिससे उनकी उपलब्धता सीमित हो जाती है।
- ग्रीनवाशिंग: कुछ कंपनियाँ वास्तविक प्रतिबद्धता के बिना अपने उत्पादों को नैतिक बताकर गलत तरीके से विपणन करती हैं।
- सीमित जागरूकता: विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में जानकारी और क्रय शक्ति की कमी के कारण नैतिक उपभोक्तावाद अभी भी विकसित हो रहा है।
निष्कर्ष
नैतिक उपभोक्तावाद सतत् विकास का एक प्रमुख चालक है क्योंकि यह जिम्मेदार निगमित व्यवहार और पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं को प्रोत्साहित करता है। यद्यपि चुनौतियाँ मौजूद हैं, बढ़ती जागरूकता, नीतिगत हस्तक्षेप और जिम्मेदार व्यावसायिक प्रथाएँ नैतिक उपभोक्तावाद को दृढ़ कर सकती हैं, जिससे यह वैश्विक संवहनीयता के भविष्य में एक निर्णायक कारक बन सकता है।
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