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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    प्रश्न. "स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण के लिये एक संभावित समाधान के रूप में उभर रहे हैं।" भारत की परमाणु ऊर्जा रणनीति में SMR की संभावनाओं और चुनौतियों का परीक्षण कीजिये। (150 शब्द)

    26 Feb, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 3 विज्ञान-प्रौद्योगिकी

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टरों (SMR) और स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण में उनकी भूमिका का परिचय दीजिये।
    • भारत में SMR की संभावनाओं, चुनौतियों और समाधानों पर चर्चा कीजिये, जिसमें ऊर्जा सुरक्षा, डीकार्बोनाइज़ेशन और ग्रिड लचीलापन शामिल हैं।
    • उचित निष्कर्ष दीजिये। 

    परिचय:

    स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) उन्नत परमाणु रिएक्टर हैं जिनकी क्षमता >30 मेगावाट से लेकर 300 मेगावाट< तक होती है। उनके मॉड्यूलर डिज़ाइन, बेहतर सुरक्षा सुविधाएँ और अनुकूलनशीलता उन्हें भारत के स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण के लिये एक व्यवहार्य समाधान बनाती है। SMR पर भारत का ध्यान इसके शुद्ध-शून्य लक्ष्यों और ऊर्जा सुरक्षा लक्ष्यों के साथ संरेखित है।

    मुख्य भाग:

    भारत की परमाणु ऊर्जा रणनीति में SMR की संभावनाएँ:

    • ऊर्जा सुरक्षा और विश्वसनीयता: SMR जीवाश्म ईंधन के लिये एक स्थायी, निम्न-कार्बन विकल्प प्रदान करते हैं, जिससे भारत की कोयला और तेल आयात पर निर्भरता कम होती है।
    • स्केलेबिलिटी और ग्रिड लचीलापन: उनके छोटे आकार और मॉड्यूलर प्रकृति के कारण, SMR को शीघ्रता से स्थापित किया जा सकता है तथा मौजूदा ग्रिड में एकीकृत किया जा सकता है या ऑफ-ग्रिड स्थानों में उपयोग किया जा सकता है।
    • डीकार्बोनाइज़ेशन और जलवायु प्रतिबद्धताएँ: SMR वर्ष 2030 तक 50% गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित बिजली और वर्ष 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन लक्ष्य प्राप्त करने के लिये भारत की COP26 प्रतिबद्धता के अनुरूप है।
    • कोयला विद्युत संयंत्रों का पुनरुद्देश्यीकरण: BARC, बंद हो रहे कोयला आधारित विद्युत संयंत्रों का पुनरुद्देश्यीकरण करने के लिये स्वदेशी SMR विकसित कर रहा है, जिससे मौजूदा बुनियादी अवसंरचना का उपयोग करते हुए कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी।
    • निजी क्षेत्र की भागीदारी और निवेश: विकसित भारत के लिये परमाणु ऊर्जा मिशन SMR में निजी निवेश को प्रोत्साहित करता है, तकनीकी नवाचार एवं वाणिज्यिक व्यवहार्यता को बढ़ावा देता है।
    • भूमि और जल का कुशल उपयोग: SMR को बड़े रिएक्टरों की तुलना में कम भूमि और शीतलन जल की आवश्यकता होती है, जिससे वे इस्पात और एल्यूमीनियम संयंत्रों जैसे औद्योगिक समूहों के लिये उपयुक्त होते हैं।

    भारत में SMR के लिये चुनौतियाँ

    • विनियामक एवं नीतिगत बाधाएँ: परमाणुवीय नुकसान के लिये सिविल दायित्व अधिनियम, 2010 आपूर्तिकर्त्ताओं पर दायित्व थोपता है, जिससे परमाणु ऊर्जा में निजी निवेश हतोत्साहित होता है।
    • उच्च आरंभिक लागत और वित्तपोषण संबंधी समस्याएँ: स्वदेशी SMR विकसित करने के लिये बहुत बड़े पूंजी निवेश की आवश्यकता होती है।
      • अनुमान है कि इन रिएक्टरों के लिये CAPEX लागत 5,000 डॉलर/किलोवाट तक हो सकती है।
    • तकनीकी चुनौतियाँ: SMR में जटिल डिज़ाइन और नवीन ईंधन चक्र शामिल होते हैं, जिसके लिये उन्नत अनुसंधान एवं विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है।
    • रेडियोधर्मी अपशिष्ट: SMR से व्ययित ईंधन अपशिष्ट उत्पन्न होता है, जिसके भंडारण की आवश्यकता होती है, जबकि कुछ SMR डिज़ाइनों में न्यूट्रॉन परावर्तकों एवं विशेष ईंधनों के कारण अपशिष्ट में वृद्धि होती है। 
    • जनता की धारणा और भागीदारी: परमाणु ऊर्जा को परमाणु आपदाओं के संभावित परिणामों के कारण विरोध का सामना करना पड़ता है। भोपाल गैस त्रासदी के कुप्रभाव आज भी हैं। 

    सरकार द्वारा उठाए गए समाधान एवं कदम:

    • नियामक सुधार: सरकार निजी क्षेत्र की भागीदारी को अनुमति देने के लिये परमाणु ऊर्जा अधिनियम में संशोधन करने की योजना बना रही है।
    • वित्तीय सहायता: SMR अनुसंधान एवं विकास और तैनाती के लिये बजट 2025-26 में ₹20,000 करोड़ आवंटित किये गए हैं।
    • तकनीकी विकास: BARC कोयला विद्युत संयंत्र के पुनरुद्देश्यीकरण में सहायता के लिये स्वदेशी SMR विकसित कर रहा है।
    • जन जागरूकता पहल: NPCIL और DAE परमाणु ऊर्जा में जनता का विश्वास बनाने के लिये जागरूकता अभियान चला रहे हैं।
    • वैश्विक सहयोग: भारत SMR प्रौद्योगिकी अंतरण तथा ईंधन आपूर्ति के लिये रूस, फ्राँस और अमेरिका के साथ साझेदारी की संभावनाएँ तलाश रहा है।

    निष्कर्ष:

    SMR भारत के परमाणु ऊर्जा क्षेत्र के लिये स्केलेबल और स्वच्छ ऊर्जा के साथ एक परिवर्तनकारी अवसर प्रदान करते हैं। नीति समर्थन, निजी निवेश और वैश्विक सहयोग के माध्यम से विनियामक, वित्तीय एवं तकनीकी चुनौतियों पर नियंत्रण पाना सफलता के लिये महत्त्वपूर्ण है।

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