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प्रश्न :
प्रश्न ‘लोक प्रशासनिक मूल्य’ लोक सेवकों में नैतिक निर्णय लेने की क्षमता को किस प्रकार आकार देते हैं? प्रासंगिक उदाहरणों के साथ चर्चा कीजिये। (150 शब्द)
20 Feb, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- लोक सेवा मूल्यों को परिभाषित करते हुए नैतिक निर्णय लेने में उनकी भूमिका की व्याख्या कीजिये।
- लोक सेवा और निर्णय लेने से संबंधित नैतिक सिद्धांतों पर चर्चा कीजिये।
- इन मूल्यों को कायम रखने वाले लोक सेवकों के वास्तविक जीवन के उदाहरण प्रस्तुत कीजिये।
- शासन में लोक सेवकों की नैतिक जिम्मेदारी पर बल देते हुए उचित निष्कर्ष दीजिये।
परिचय:
नीति और नैतिकता में निहित ईमानदारी, पारदर्शिता एवं निष्पक्षता जैसे लोक सेवा मूल्य लोक सेवकों को न्यायपूर्ण व निष्पक्ष निर्णय लेने में मार्गदर्शन करते हैं। नैतिक निर्णय लेने में कर्त्तव्य, जन हित और ईमानदारी को संतुलित करना शामिल है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि शासन जवाबदेह, पारदर्शी एवं जन-केंद्रित बना रहे।
मुख्य भाग:
- सत्यनिष्ठा ईमानदारी और नैतिक शासन के प्रति प्रतिबद्धता को बढ़ावा देती है, तथा यह सुनिश्चित करती है कि निर्णय व्यक्तिगत पूर्वाग्रहों या भ्रष्टाचार से मुक्त हों।
- उदाहरण: लाल बहादुर शास्त्री ने एक रेल दुर्घटना के बाद रेल मंत्री के पद से इस्तीफा देकर नेतृत्व में नैतिक जवाबदेही का प्रदर्शन किया।
- उपयोगितावादी नैतिकता अधिकतम लोगों के लिये अधिकतम भलाई पर बल देती है, तथा यह सुनिश्चित करती है कि लोक कल्याण को प्राथमिकता दी जाए।
- उदाहरण: तेलंगाना में एक IAS अधिकारी ने भूजल स्तर को 6 मीटर तक बढ़ाने में योगदान दिया, जिससे हज़ारों लोगों को स्थायी जल समाधान का लाभ मिला।
- कर्त्तव्य-संबंधी नैतिकता कर्त्तव्य और नैतिक दायित्वों पर केंद्रित होती है, तथा यह सुनिश्चित करती है कि लोक सेवक परिणामों की परवाह किये बिना नैतिक रूप से कार्य करें।
- उदाहरण: दिल्ली मेट्रो परियोजना के समय पर पूर्ण करने और भ्रष्टाचार मुक्त बनाने में ई. श्रीधरन का नैतिक नेतृत्व कर्त्तव्य-प्रेरित निर्णय लेने को दर्शाता है।
- सहानुभूति सीमांत समुदायों की आवश्यकताओं पर विचार करके और समावेशी शासन सुनिश्चित करके नैतिक निर्णय लेने को बढ़ावा देती है।
- उदाहरण: कर्नाटक में एक IAS अधिकारी ने साक्षरता बढ़ाने के लिये व्यक्तिगत धन का उपयोग करते हुए 17 बस स्टॉप पर निःशुल्क पुस्तकालय स्थापित किये।
- न्याय और निष्पक्षता यह सुनिश्चित करती है कि निर्णय निष्पक्ष, समतामूलक तथा भेदभाव या राजनीतिक प्रभाव से मुक्त हों।
- उदाहरण: पूर्व IPS अधिकारी किरण बेदी ने यातायात उल्लंघन के लिये VIP पर जुर्माना लगाकर तथा शिक्षा एवं पुनर्वास पहल के साथ तिहाड़ जेल में सुधार करके न्याय को कायम रखा।
- नैतिक सद्गुण चरित्र विकास पर बल देती है, जहाँ लोक सेवक विनम्रता, साहस और लोक सेवा प्रतिबद्धता जैसे नैतिक मूल्यों को अपनाते हैं।
- उदाहरण: टी.एन. शेषन के चुनाव सुधारों ने चुनावी नैतिकता और निष्पक्षता का सख्त पालन करके लोकतंत्र को सुदृढ़ किया।
- जवाबदेही यह सुनिश्चित करती है कि लोक सेवक अपने कार्यों की जिम्मेदारी लें, जिससे नैतिक शासन में जनता का विश्वास दृढ़ हो।
- उदाहरण: IAS अधिकारी अशोक खेमका जिन्हें भूमि सौदों में अनियमितताओं को उजागर करने के कारण बार-बार स्थानांतरण और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा, व्यक्तिगत परिणामों का सामना करते हुए भी पारदर्शिता के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता प्रदर्शित हुई।
निष्कर्ष:
लोक सेवा मूल्य नैतिक दिशा-निर्देशक के रूप में कार्य करते हैं, जो लोक सेवकों को न्याय, अखंडता और लोक कल्याण को बनाए रखने वाले निर्णय लेने में मार्गदर्शन करते हैं। नैतिक शासन लोकतंत्र को सुदृढ़ करता है, विश्वास का निर्माण करता है, और एक निष्पक्ष एवं जवाबदेह प्रशासन सुनिश्चित करता है।
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