प्रश्न. जलवायु और वनस्पति एक दूसरे पर निर्भर हैं। प्रमुख जलवायु क्षेत्रों के उदाहरणों के साथ विश्लेषण कीजिये कि कैसे दुनिया के विभिन्न जलवायु क्षेत्र अपने प्राकृतिक वनस्पति प्रतिरूप को प्रभावित करते हैं? (250 शब्द)
उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- जलवायु और वनस्पति के बीच अंतर्संबंध के संदर्भ में संक्षेप में बताते हुए उत्तर प्रस्तुत कीजिये।
- प्रमुख जलवायु क्षेत्रों में प्राकृतिक वनस्पति पर जलवायु के प्रभाव को बताइये।
- जलवायु और वनस्पति के बीच अन्योन्याश्रयता पर प्रकाश डालिये।
- इस संबंध में व्यवधान उत्पन्न करने वाले कारकों पर प्रकाश डालते हुए उचित निष्कर्ष दीजिये।
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परिचय:
विश्व भर में प्राकृतिक वनस्पति के प्रकार, वितरण और विशेषताओं को निर्धारित करने में जलवायु निर्णायक भूमिका निभाती है।
- तापमान, वर्षा, आर्द्रता और मौसमी विविधताएँ पादप प्रजातियों की वृद्धि एवं अस्तित्व को प्रभावित करती हैं जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न जलवायु क्षेत्रों में वनस्पति प्रतिरूप में भिन्नता होती है।
- यह परस्पर निर्भरता पारिस्थितिकी तंत्र, जैवविविधता और यहाँ तक कि मानव आजीविका को भी आयाम देती है।
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मुख्य भाग:
प्रमुख जलवायु क्षेत्रों में प्राकृतिक वनस्पति पर जलवायु का प्रभाव
- उष्णकटिबंधीय जलवायु और वनस्पति
- उष्णकटिबंधीय वर्षावन (भूमध्यरेखीय जलवायु)
- जलवायु: पूरे वर्ष उच्च तापमान (25-30 डिग्री सेल्सियस) और पर्याप्त वर्षा (2000 मिमी. से अधिक)।
- वनस्पति: बहु-स्तरित वृक्ष आवरण वाले घने, सदाबहार वन। प्रमुख प्रजातियों में महोगनी, आबनूस, रबड़ और शीशम शामिल हैं।
- उदाहरण: अमेज़न वर्षावन (दक्षिण अमेरिका), कांगो बेसिन (अफ्रीका)।
- उष्णकटिबंधीय घास के मैदान (सवाना जलवायु)
- जलवायु: विशिष्ट आर्द्र और शुष्क ऋतुओं के साथ गर्म तापमान; मध्यम वर्षा।
- वनस्पति: हाथी घास जैसी ऊँची घासें, बाओबाब और बबूल जैसे विरल वृक्षों की प्रजाति।
- उदाहरण: अफ्रीकी सवाना (सेरेन्गेटी) और ब्राज़ीलियाई कैम्पोस।
- शुष्क जलवायु और वनस्पति
- मरुस्थल (शुष्क जलवायु)
- जलवायु: उच्च तापमान, कम वर्षा और वृहत दैनिक तापमान परिवर्तन।
- वनस्पति: विरल वनस्पति जिसमें सूखा सहिष्णु पौधे जैसे कैक्टस, बबूल और खजूर शामिल हैं।
- उदाहरण: सहारा (अफ्रीका), थार (भारत) और अटाकामा (दक्षिण अमेरिका)।
- स्टेपी (अर्द्ध शुष्क जलवायु)
- जलवायु: कम-से-मध्यम वर्षा, चरम शीत और उष्ण ग्रीष्मकाल।
- वनस्पति: फेदर ग्रास और बफैलो ग्रास जैसी छोटी घासें एवं वृक्ष।
- उदाहरण: यूरेशियन स्टेप्स, उत्तरी अमेरिकी प्रेयरीज़ और पैटागोनियन स्टेप्स।
- समशीतोष्ण जलवायु और वनस्पति
- शीतोष्ण पर्णपाती वन
- जलवायु: मध्यम वर्षा (750-1500 मिमी), ग्रीष्मकाल गर्म और शीतकाल ठंडा।
- वनस्पति: चौड़ी पत्ती वाले पर्णपाती वृक्ष जैसे ओक, मेपल, बीच और बर्च।
- उदाहरण: पूर्वी अमेरिका, पश्चिमी यूरोप और पूर्वी एशिया (चीन, जापान)।
- शीतोष्ण घास के मैदान
- जलवायु: मध्यम वर्षा, उष्ण ग्रीष्मकाल और ठंडी सर्दियाँ।
- वनस्पति: यहाँ वीट ग्रास और राईग्रास जैसी बारहमासी घासें पाई जाती हैं, तथा पेड़ बहुत कम हैं।
- उदाहरण: प्रेयरीज़ (अमेरिका), पम्पास (अर्जेंटीना), वेल्ड्स (दक्षिण अफ्रीका), और स्टेप्स (यूरेशिया)।
- शीत जलवायु और वनस्पति
- टैगा (बोरियल वन: उप-आर्कटिक जलवायु)
- जलवायु: लंबी, चरम शीतकाल और छोटी, शीत ग्रीष्म ऋतु; मध्यम वर्षा
- वनस्पति: पाइन, स्प्रूस, देवदार और लार्च वाले शंकुधारी वन।
- उदाहरण: कनाडा, स्कैंडिनेविया और साइबेरिया।
- टुंड्रा (ध्रुवीय जलवायु)
- जलवायु: अत्यधिक शीत तापमान (सालों भर हिमांक से नीचे का तापमान), कम वर्षा (300 मिमी. से कम)।
- वनस्पति: काई, लाइकेन और छोटी झाड़ियों के साथ वृक्षविहीन परिदृश्य।
- उदाहरण: ग्रीनलैंड, आर्कटिक कनाडा और उत्तरी रूस।
- पर्वतीय जलवायु और वनस्पति (अल्पाइन क्षेत्र)
- जलवायु: तुंगता के साथ बदलती रहती है; कम तुंगता वाले क्षेत्रों में शीतोष्ण जलवायु होती है, जबकि उच्च तुंगता वाले क्षेत्रों में टुंड्रा जलवायु होती है।
- वनस्पति:
- निचली ढलानें: पर्णपाती वन (ओक, चेस्टनट)।
- मध्य तुंगता: शंकुधारी वन (चीड़, देवदार)।
- उच्च तुंगता वाले क्षेत्र: छोटी घासों और झाड़ियों वाले अल्पाइन घास के मैदान।
- उदाहरण: हिमालय, रॉकीज़, एंडीज़, आल्प्स।
जलवायु और वनस्पति के बीच अन्योन्याश्रय संबंध
- वृद्धि पर तापमान नियंत्रण: गर्म क्षेत्रों में घने वन होते हैं, जबकि शीत क्षेत्रों में विरल, सहिष्णु वनस्पति होती है।
- इसके अलावा, वनस्पति जलवायु संतुलन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है, उदाहरण के लिये अमेज़न वर्षावन कार्बन सिंक के रूप में कार्य करते हैं।
- वर्षा और पौधों का घनत्व: अधिक वर्षा के कारण वनों की प्रचुरता होती है, जबकि शुष्क क्षेत्रों में शुष्क वनस्पति होती है।
- मौसमी परिवर्तन और पर्णपाती प्रकृति: समशीतोष्ण क्षेत्रों में, वृक्ष जल-संरक्षण और ठंड से बचने के लिये सर्दियों में पत्तियाँ गिरा देते हैं।
- ऊँचाई प्रभाव: पर्वतीय क्षेत्रों में ऊँचाई के साथ वनस्पति में परिवर्तन होता है, जो अक्षांशीय जलवायु परिवर्तनों के अनुरूप होता है।
निष्कर्ष:
विभिन्न जलवायु क्षेत्र अलग-अलग बायोम को जन्म देते हैं, जैवविविधता को आयाम देते हैं और मानव गतिविधि को प्रभावित करते हैं। हालाँकि यह नाज़ुक संतुलन जलवायु परिवर्तन, निर्वनीकरण और मानव अतिक्रमण से लगातार खतरे में है, जिससे आवास का नुकसान एवं पारिस्थितिक असंतुलन हो रहा है। आगे बढ़ते हुए जलवायु और वनस्पति के बीच प्राकृतिक सामंजस्य को बनाए रखने के लिये संधारणीय भूमि-उपयोग प्रथाएँ, वनीकरण और जलवायु-अनुकूल संरक्षण रणनीतियाँ आवश्यक हैं।