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प्रश्न :
लैंगिक स्कोरकार्ड क्या है? कैसे यह भारत की आधी आबादी के कल्याण हेतु एक लाभकारी उपकरण बन सकता है? उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिये।
30 Apr, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्थाउत्तर :
उत्तर की रूपरेखा:
- इसकी पृष्ठभूमि लिखें तथा लैंगिक स्कोरकार्ड को परिभाषित करें।
- भारत की स्थिति के बारे में लिखें।
- बताएँ कि यह दृष्टिकोण किस प्रकार से महिला सशक्तीकरण में सहायता प्रदान करेगा।
लैंगिक स्कोरकार्ड संयुक्त राष्ट्र द्वारा तैयार किया गया है जिसमें महिलाओं से संबंधित विभिन्न मुद्दे शामिल किये जाते हैं। लैंगिक स्कारेकार्ड का मूल्यांकन यू.एन. द्वारा लैंगिक मुख्यधारा के निम्नलिखित आयामों पर किया जाता हैः
- योजना
- कार्यक्रम निर्माण
- भागीदारी
- निर्णयन
- बजट
- निगरानी एवं मूल्यांकन
- गुणवत्ता नियंत्रण एवं जवाबदेही।
वैसे क्षेत्र जहाँ लैंगिक समानता के ये आयाम लागू होते हैं, वे हैं- स्वास्थ्य, शिक्षा तथा भूमि, व्यापार क्षेत्र, रोज़गार, संसद तथा निर्णयन में अभिगम इत्यादि।
लैंगिक स्कोरकार्ड महिलाओं एवं उनके अधिकारों का लगभग हर पहलू शामिल करता है तथा लैंगिक स्कोरकार्ड मूल्यांकन भारत में 2012 में शुरू हुआ।
लैंगिक स्कोरकार्ड एक लाभदायक साधन है, क्योंकिः
- यह आँकड़ों को तालिका, चार्ट तथा फ्लो-डायग्राम के रूप में सरलीकृत करता है।
- यह संबद्ध मुद्दों की श्रेणियों को शामिल करता है।
- यह लैंगिक समानता को सभी राज्य अभिकर्त्ताओं के लिये समक्रमिक बना देता है।
- यह महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति सशक्त बनाता है।
- यह क्षेत्रों के मूल्यांकन को रेटिंग प्रदान करता है तथा उनके खराब या उत्कृष्ट प्रदर्शन को चिह्नित करता है।
- प्रत्येक देश आवश्यकतानुसार अपना जेंडर स्कोरकार्ड बनाने के लिये स्वतंत्र है।
अतः लैंगिक स्कोरकार्ड महिलाओं के मुद्दों को उठाने के लिये एक आधुनिक तकनीक है तथा यह सिविल सोसाइटी एन.जी.ओ. को भी मुद्दे उठाने का मौका देती है। चूँकि यह स्कोरकार्ड अंतर्राष्ट्रीय रूप से जुड़ा है, अतः इसका प्रभाव अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं पर पड़ता है तथा यह भी अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं से प्रभावित होता है। अंततः लैंगिक स्कोरकार्ड एक चक्र का निर्माण करता है जिसमें महिलाएँ, विभिन्न राष्ट्रीय संस्थान जुड़े हैं।
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