प्रश्न :
प्रश्न. नैतिकता उद्देश्य और कार्रवाई के बीच एक निरंतर अंतः क्रिया है।
18 Jan, 2025
निबंध लेखन निबंध
उत्तर :
अपने निबंध को समृद्ध करने के लिये उद्धरण:
- इमैनुअल कांट: "किसी कार्य की नैतिकता उमें निहित उद्देश्य पर निर्भर करती है।"
- विक्टर फ्रैंकल: "उद्देश्य और प्रतिक्रिया के बीच एक अंतर होता है। हमारे पास उस अंतराल में अपनी प्रतिक्रिया चुनने की शक्ति होती है और प्रतिक्रिया में ही हमारा विकास एवं हमारी स्वतंत्रता निहित होते हैं।"
सैद्धांतिक और दार्शनिक आयाम:
- कांट के नीतिशास्त्र: कांत ने उद्देश्य की प्रधानता पर ज़ोर दिया तथा यह तर्क दिया कि किसी कार्य की नैतिकता इस बात में निहित है कि क्या वह व्यक्ति के कर्त्तव्य और सार्वभौमिक नैतिक सिद्धांतों के अनुरूप है।
- हालाँकि, व्यवहारिक रूप से अनपेक्षित परिणाम उद्देश्य के सख्त पालन के लिये चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं।
- उपयोगितावाद: जॉन स्टुअर्ट मिल का उपयोगितावादी दृष्टिकोण उद्देश्य के बजाय किसी कार्य के परिणामों पर केंद्रित है, जिससे यह बात विवादित हो जाती है कि क्या अच्छे उद्देश्य हानिकारक परिणामों को उचित ठहरा सकते हैं या क्या लाभकारी परिणाम संदिग्ध उद्देश्यों को वैध ठहरा सकते हैं।
- नैतिक दुविधाएँ: व्यावहारिक स्थितियाँ प्रायः उद्देश्य और प्रतिक्रिया के बीच असंगतता को उजागर करती हैं– उदाहरण के लिये किसी के जीवन की रक्षा के हेतु झूठ बोलना नैतिक रूप से स्वीकार्य माना जा सकता है, भले ही झूठ बोलना स्वाभाविक रूप से अनैतिक हो।
नीति और ऐतिहासिक उदाहरण:
- महात्मा गांधी का अहिंसा आंदोलन: अहिंसा के माध्यम से स्वतंत्रता प्राप्त करने के गांधी के उद्देश्य को क्रियान्वयन में चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जैसे विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा की घटनाएँ। हालाँकि, नैतिक उद्देश्य के प्रति उनकी प्रतिबद्धता एक वैश्विक प्रेरणा बन गई।
- हिरोशिमा और नागासाकी पर बमबारी: अमेरिका ने द्वितीय विश्व युद्ध को शीघ्रता से समाप्त करने के साधन के रूप में परमाण्विक आयुध को उचित ठहराया, लेकिन इसके उद्देश्य (युद्ध को समाप्त करके जीवन बचाना) और विनाशकारी परिणामों (बड़ी संख्या में नागरिक हताहत) के बीच नैतिक संघर्ष विवादास्पद है।
- शासन में मुखबिर: मुखबिर प्रायः नैतिकता और पारदर्शिता को बनाए रखने के उद्देश्य से कार्य करते हैं।
- हालाँकि, उनके कार्यों के परिणाम जैसे: नौकरी छूटना, सार्वजनिक प्रतिक्रिया, या यहाँ तक कि राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान उनके उद्देश्यों और वास्तविक दुनिया के परिणामों के बीच समझौते को रेखांकित करते हैं।
समकालीन उदाहरण:
- जलवायु परिवर्तन नीतियाँ: विश्व भर की सरकारें कार्बन उत्सर्जन को रोकने की मंशा व्यक्त करती हैं, लेकिन राजनीतिक और आर्थिक बाधाओं के कारण प्रायः कार्रवाई कम हो जाती है, जो नैतिक उद्देश्य और कार्यान्वयन के बीच अंतर को दर्शाती है।
- कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR): कई निगम CSR पहलों के माध्यम से नैतिक उद्देश्यों का दावा करते हैं, लेकिन ग्रीनवाशिंग जैसी कार्रवाइयाँ घोषित मूल्यों और ठोस प्रभाव के बीच जटिल अंतः क्रिया को उजागर करती हैं।
- सोशल मीडिया और सक्रियता: ट्विटर या इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्मों पर कार्यकर्त्ता प्रायः जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से कार्य करते हैं, लेकिन कुछ कार्यों की प्रदर्शनात्मक प्रकृति उनके उद्देश्यों के नैतिक महत्त्व को कम कर देती है।