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प्रश्न :
आप एम.बी.ए. (अंतिम वर्ष) के छात्र अमन के साथ एक निजी छात्रावास में रहते हैं, जो कई व्यक्तिगत और शैक्षणिक चुनौतियों से जूझ रहा है। लंबी बीमारी के कारण, पिछले दो सेमेस्टर में अमन के ग्रेड में काफी गिरावट आई है, जिससे कैंपस प्लेसमेंट के लिये उसकी पात्रता खतरे में पड़ गई है। उसकी वित्तीय स्थिति भी अनिश्चित है, कमज़ोर आर्थिक पृष्ठभूमि के कारण उस पर भारी भरकम शैक्षिक ऋण का बोझ है।
जैसे-जैसे अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएँ निकट आ रही हैं, अमन की चिंता बढ़ती जा रही है और वह आपको परीक्षा के पेपर खरीदने की अपनी योजना के बारे में बताता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वह प्लेसमेंट के मानदंडों को पूरा करता है। वह अपने खराब स्वास्थ्य, आर्थिक कठिनाइयों और पारिवारिक ज़िम्मेदारियों का हवाला देकर अपने निर्णय को सही ठहराता है और इसे अपना एकमात्र व्यवहार्य विकल्प बताता है। निराश होकर अमन आपको दोस्ती और ज़िम्मेदारी की भावना का हवाला देते हुए आपसे अपनी योजना को अंजाम देने के लिये वित्तीय सहायता मांगता है।
(क) इस स्थिति में कौन-कौन से हितधारक शामिल हैं?
(ख) इस स्थिति में नैतिक मुद्दे क्या हैं?
(ग) इस स्थिति में आपकी भूमिकाएँ और ज़िम्मेदारियाँ क्या हैं तथा आप क्या कार्रवाई करेंगे?
10 Jan, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़उत्तर :
परिचय:
यह मामला एक नैतिक दुविधा पर आधारित है, जहाँ आपको आर्थिक और शैक्षणिक रूप से संघर्षरत छात्र अमन का समर्थन करने तथा सत्यनिष्ठा एवं शैक्षणिक ईमानदारी के सिद्धांतों को बनाए रखने के बीच चुनाव करना पड़ता है। प्लेसमेंट सुरक्षित करने के लिये परीक्षा प्रश्न-पत्र खरीदने की अमन की योजना वित्तीय कठिनाई, एक शैक्षिक ऋण और विफलता के डर के दबाव को दर्शाती है जो आपको नैतिक ज़िम्मेदारी के साथ सहानुभूति को संतुलित करने के लिये बाध्य करती है।
मुख्य भाग:
(क) इस स्थिति में कौन-कौन से हितधारक शामिल हैं?
हितधारक
भूमिका/रुचि
प्रिय मित्र)
नैतिक मूल्यों और सत्यनिष्ठा को बनाए रखते हुए अमन को भावनात्मक एवं नैतिक समर्थन प्रदान करना।
अमन (रूममेट)
एक छात्र भारी वित्तीय और शैक्षणिक दबाव में है तथा वह ऐसा समाधान चाहता है जिससे नैतिक मानकों से समझौता हो सकता है।
शैक्षिक संस्था
शैक्षिक सत्यनिष्ठा की शुचिता सुनिश्चित करना, निष्पक्ष प्रणाली बनाए रखते हुए वास्तविक चुनौतियों का सामना कर रहे छात्रों को सहायता प्रदान करना।
नियोक्ता
वास्तविक योग्यता के आधार पर अभ्यर्थियों की भर्ती करना तथा नियुक्ति प्रक्रिया में निष्पक्षता सुनिश्चित करना।
समाज
शिक्षा और व्यावसायिक जीवन में ईमानदारी, योग्यता तथा नैतिक व्यवहार के सिद्धांतों को बढ़ावा देना तथा बनाए रखना।
(ख) इस स्थिति में नैतिक मुद्दे क्या हैं?
इस स्थिति में कई नैतिक मुद्दे शामिल हैं जिन पर सावधानीपूर्वक विचार-विमर्श की आवश्यकता है:- मित्रता और ईमानदारी के बीच संघर्ष:
- मित्रता: निष्ठा और सहानुभूति की स्वाभाविक भावना किसी को संकट के समय अमन का साथ देने के लिये बाध्य कर सकती है।
- सत्यनिष्ठा: परीक्षा प्रश्न-पत्र खरीदने जैसे अनैतिक कार्य में सहायता करना नैतिक सिद्धांतों और शैक्षणिक मूल्यों के विपरीत है जिससे भावनात्मक संबंधों एवं नैतिक कर्त्तव्यों के बीच टकराव उत्पन्न करता है।
- अल्पकालिक राहत बनाम दीर्घकालिक नुकसान:
- यद्यपि अमन की सहायता करने से उसे तत्काल राहत मिल सकती है, लेकिन इससे संभावित निष्कासन, प्रतिष्ठा को नुकसान तथा विश्वास की हानि जैसे गंभीर परिणाम होने का खतरा है, जिससे उसके भविष्य की संभावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
- गलत काम में मिलीभगत:
- किसी अनैतिक कार्य के लिये वित्तीय सहायता प्रदान करना आपको अनैतिक कार्य में शामिल करता है, आपकी नैतिक स्थिति से समझौता करता है तथा कदाचार को तर्कसंगत बनाने वाला एक हानिकारक उदाहरण तैयार करता है।
- शैक्षणिक अखंडता को कमज़ोर करना:
- अमन के कार्यों का समर्थन करना शैक्षणिक संस्थानों की विश्वसनीयता को कम करता है, दूसरों की कड़ी मेहनत का अवमूल्यन करता है तथा बेईमानी की संस्कृति को बढ़ावा देता है, जिससे समग्र शैक्षणिक वातावरण को नुकसान पहुँचता है।
- न्याय का नैतिक सिद्धांत:
- अमन को वैध प्रक्रियाओं को दरकिनार करने में मदद करना उन अन्य छात्रों के प्रति अन्याय है जो नैतिक मानकों का पालन करते हैं, जिससे निष्पक्षता और समानता के सिद्धांत का उल्लंघन होता है।
(ग) आप क्या कार्रवाई करेंगे?
सुझाई गई कार्यवाही:
- सहानुभूति रखें और विश्वास बनाना: अमन की चिंताओं को बिना किसी निर्णय के सुनते हुए उसके संघर्ष की गहराई को स्वीकार करना चाहिये।
- इससे विश्वास बढ़ाने में मदद मिलती है और उसे पता चलता है कि आप वास्तव में उसकी भलाई के बारे में परवाह करते हैं।
- अनैतिक प्रथाओं को हतोत्साहित करना: उसे नरमी से समझाना चाहिये कि परीक्षा प्रश्न-पत्र खरीदना अनैतिक और हानिकारक क्यों है।
- संभावित जोखिमों, जैसे: अनुशासनात्मक कार्रवाई, विश्वसनीयता की हानि तथा उसके कॅरियर की संभावनाओं को नुकसान, पर प्रकाश डालना चाहिये।
- इस बात पर बल दिया जाना चाहिये कि ईमानदारी एक आधारभूत मूल्य है, जिससे किसी भी परिस्थिति में समझौता नहीं किया जा सकता।
- नैतिक विकल्प सुझाना: मदद के लिये कॉलेज प्रशासन या संकाय से संपर्क करने का सुझाव दिया जाना चाहिये।
- कई संस्थानों में असाधारण चुनौतियों का सामना कर रहे छात्रों के लिये प्रावधान हैं, जैसे शैक्षणिक रियायत, अतिरिक्त समय या वित्तीय सहायता प्रदान करना।
- अध्ययन संसाधन साझा करके, अध्ययन समूह बनाकर या प्रभावी अध्ययन तकनीकों पर मार्गदर्शन प्रदान करके अमन को अपनी परीक्षाओं के लिये रणनीतिक तैयारी पर ध्यान केंद्रित करने में सहायता किया जाना चाहिये।
- व्यावहारिक सहायता प्रदान करना: यदि संभव हो तो, वैध उद्देश्यों के लिये वित्तीय सहायता प्रदान की जानी चाहिये, जैसे: ट्यूशन, अध्ययन सामग्री, या ट्यूटर को नियुक्त करना।
- यह नैतिक सीमाओं के भीतर उसकी मदद करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
- अमन को उसके वित्तीय बोझ को कम करने के लिये अंशकालिक कार्य के अवसर या छात्रवृत्ति तलाशने में सहायता की जानी चाहिये।
- निगरानी और समर्थन: यह सुनिश्चित करने के लिये सक्रियता बरतनी चाहिये कि अमन तनाव के दौरान अनैतिक कार्यों का सहारा न ले।
- उसे प्रोत्साहन और आश्वासन देने के लिये नियमित रूप से उससे संपर्क बनाए रखना चाहिये।
निष्कर्ष:
नैतिक दुविधाओं से निपटने के लिये करुणा और ईमानदारी के बीच संतुलन बनाना आवश्यक है। यद्यपि अमन के संघर्षों के साथ सहानुभूति रखना आवश्यक है, फिर भी अनैतिक व्यवहार में उसका समर्थन करने से उसके भविष्य तथा निष्पक्षता और ईमानदारी के मूल्यों दोनों से समझौता हो सकता है। उसे नैतिक विकल्पों की ओर निर्देशित करके और वास्तविक समर्थन प्रदान करके, आप नैतिक सिद्धांतों को बनाए रखते हुए उसकी चुनौतियों को दूर करने में उसकी मदद कर सकते हैं। यह दृष्टिकोण न केवल उसकी सत्यनिष्ठा की रक्षा करता है बल्कि शैक्षणिक प्रणाली के भीतर ईमानदारी के महत्त्व को भी सुदृढ़ करता है।
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