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प्रश्न :
प्रश्न: "लोक सेवा में योग्यता के बिना करुणा, कल्याण की बजाय अधिक हानि का कारण बनती है।" शासन और नेतृत्व में भावनात्मक बुद्धिमत्ता के संदर्भ में इस कथन की विवेचना कीजिये। (150 शब्द)
02 Jan, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- करुणा, क्षमता और भावनात्मक बुद्धिमत्ता को परिभाषित करके उत्तर दीजिये।
- शासन में करुणा की महत्ता को बताते हुए योग्यता के बिना करुणा के जोखिमों पर प्रकाश डालिये।
- योग्यता की उपेक्षा के परिणामों पर गहन विचार प्रस्तुत कीजिये।
- शासन में भावनात्मक बुद्धिमत्ता की भूमिका बताइये।
- उचित निष्कर्ष दीजिये।
परिचय:
करुणा सामाजिक आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशीलता सुनिश्चित करती है, जबकि योग्यता समाधानों को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने की क्षमता की गारंटी देती है। भावनात्मक बुद्धिमत्ता (EI), सहानुभूति, आत्म-जागरूकता और व्यावहारिक निर्णय लेने की क्षमता शासन में योग्यता के बिना करुणा के नुकसान से बचने के लिये महत्त्वपूर्ण है।
मुख्य भाग:
शासन में करुणा का महत्त्व
- विश्वास का निर्माण: करुणापूर्ण नीतियाँ नागरिकों और प्रशासन के बीच विश्वास का निर्माण करने में मदद करती हैं।
- निःशुल्क कोविड-19 टीकाकरण सार्वजनिक स्वास्थ्य के प्रति चिंता को दर्शाता है।
- सुभेद्यता से निपटना: सहानुभूति के साथ तैयार की गई नीतियाँ सबसे अधिक ज़रूरतमंद लोगों तक पहुँचती हैं।
- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना ने महामारी के दौरान खाद्य सुरक्षा प्रदान की।
- समावेशिता को बढ़ावा देना: दयालु शासन सीमांत समूहों की समावेशिता और प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करता है।
- “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” जैसी पहल लैंगिक समानता को बढ़ावा देती है।
- नागरिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना: लोग करुणापूर्ण शासन के साथ सहयोग करने की अधिक संभावना रखते हैं।
- स्वच्छ भारत अभियान में जन-केंद्रित दृष्टिकोण के कारण नागरिकों की व्यापक भागीदारी देखी गई।
योग्यता के बिना करुणा के जोखिम
- अकुशल कार्यान्वयन: करुणापूर्ण लेकिन अनुचित तरीके से नियोजित पहल वांछित परिणाम प्राप्त करने में विफल रहती हैं।
- अनियमित ऋण संबंधी छूट/अधित्यजन से किसानों की मूल समस्याओं का समाधान किये बिना राज्य की वित्तीय स्थिति पर दबाव पड़ता है।
- अनजाने में नुकसान: दूरदर्शिता या विशेषज्ञता की कमी के कारण भावनात्मक निर्णय नुकसान पहुँचा सकते हैं।
- निशुल्क बिजली योजनाओं के कारण पंजाब में भू-जल स्तर में गिरावट आई।
- संसाधनों का अनुचित आवंटन: संसाधनों को भावनात्मक रूप से प्रेरित लेकिन असंवहनीय नीतियों के साथ आवंटित कर दिया जाता है।
- सुधारों के बिना अत्यधिक सब्सिडी से राजकोषीय स्वास्थ्य कज़ोर होता है।
- उत्तरदायित्व का क्षरण: क्षमता के बिना करुणा पर अत्यधिक ज़ोर निर्भरता को बढ़ावा देता है, तथा व्यक्तिगत एजेंसी को कम करता है।
- विकास योजनाओं के बिना आपदा क्षेत्रों में लगातार सहायता प्रदान करने से स्थानीय आत्मनिर्भरता में बाधा उत्पन्न होती है।
योग्यता की उपेक्षा के परिणाम
- हानिकारक परिणाम: भावनात्मक लेकिन अनुचित तरीके से क्रियान्वित हस्तक्षेप से जनता में अविश्वास बढ़ सकता है।
- उदाहरण: आपदा के बाद राहत पैकेज उपलब्ध कराने में विफलता से विरोध प्रदर्शन हो सकता है जिससे समुदाय की पीड़ा बढ़ सकती है तथा स्थिति और भी बदतर हो सकती है।
- सार्वजनिक विश्वास का क्षरण: यदि क्रियान्वयन के अभाव में करुणामयी वादे विफल हो जाते हैं तो नागरिकों का सरकार पर विश्वास समाप्त हो जाता है।
- उदाहरण: संकट के दौरान बेरोज़गारी लाभ का विलंबित वितरण आर्थिक चुनौतियों को बढ़ा सकता है।
शासन में भावनात्मक बुद्धिमत्ता की भूमिका
- आत्म-जागरूकता: तर्कसंगत निर्णय लेने के लिये अपने पूर्वाग्रहों और भावनात्मक आवेगों को पहचानना।
- उदाहरण: एक लोक सेवक स्थायी कल्याण कार्यक्रमों को लागू करने के लिये लोकलुभावन दबाव का विरोध कर रहा है।
- सहानुभूति के साथ व्यावहारिकता: दीर्घकालिक प्रभावशीलता पर ध्यान केंद्रित करते हुए नागरिकों की देखभाल में संतुलन स्थापित करना।
- उदाहरण: आकांक्षी ज़िला कार्यक्रम में सहानुभूति और प्रदर्शन निगरानी के माध्यम से लक्षित विकास सुनिश्चित किया जाता है।
- संघर्ष समाधान: सद्भाव को बढ़ावा देने के लिये भावनात्मक बुद्धिमत्ता के साथ विवादों का प्रबंधन करना।
- उदाहरण: किसानों के विरोध प्रदर्शन को सहानुभूति और सक्षमता के साथ हल करने में प्रभावी वार्ता।
- पारदर्शी संचार: स्पष्ट और ईमानदार जुड़ाव के माध्यम से विश्वास का निर्माण।
- उदाहरण: बाढ़ के दौरान केरल के पारदर्शी आपदा प्रबंधन ने करुणा और प्रणालीगत प्रतिक्रिया को संतुलित किया।
निष्कर्ष:
योग्यता के बिना करुणा से लोक सेवा में अकुशलता और हानि का जोखिम रहता है। भावनात्मक बुद्धिमत्ता इस अंतर को कम करती है, संतुलित, प्रभावी शासन को सक्षम बनाती है जो नागरिकों की ज़रूरतों को पूरा करते हुए स्थायी परिणाम सुनिश्चित करती है।
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