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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    प्रश्न: ई-कॉमर्स के विकास और लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर तथा अंतिम-मील डिलीवरी क्षमताओं में आवश्यक निवेश के बीच क्या संबंध है? चर्चा कीजिये। (250 शब्द)

    18 Dec, 2024 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • ई-कॉमर्स के विकास और लॉजिस्टिक बुनियादी अवसंरचना की आवश्यकता के संदर्भ में जानकारी देकर उत्तर दीजिये। 
    • ई-कॉमर्स विकास और लॉजिस्टिक्स निवेश के बीच संबंधों पर गहन अध्ययन प्रस्तुत कीजिये। 
    • संवहनीय रसद विकास के लिये आवश्यक हस्तक्षेप का सुझाव दीजिये। 
    • उचित निष्कर्ष दीजिये। 

    परिचय:

    डिजिटल प्रगति और उपभोक्ता प्राथमिकताओं में बदलाव के कारण भारत के ई-कॉमर्स क्षेत्र के वर्ष 2030 तक 350 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है। यह वृद्धि निर्बाध संचालन और समान सुलभता सुनिश्चित करने के लिये लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर और लास्ट-माइल डिलीवरी सिस्टम में बहुत बड़े निवेश की महत्त्वपूर्ण आवश्यकता को रेखांकित करती है।

    मुख्य भाग: 

    ई-कॉमर्स विकास और लॉजिस्टिक्स निवेश के बीच संबंध: 

    • ई-कॉमर्स की बढ़ती मांग:
      • मात्रा में वृद्धि: बढ़ते ऑनलाइन लेन-देन और  प्लेटफॉर्मों पर उपभोक्ता निर्भरता में वृद्धि के लिये कुशल लॉजिस्टिक्स नेटवर्क की आवश्यकता है (उदाहरण के लिये, भारत डिजिटल भुगतान रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2023 में 65.7 बिलियन UPI लेनदेन)।
      • भौगोलिक विविधता: टियर 2, टियर 3 शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रवेश के लिये बुनियादी अवसंरचना के उन्नयन की आवश्यकता होती है (उदाहरण के लिये, सोशल कॉमर्स के माध्यम से छोटे शहरों में मीशो का विकास)।
      • त्वरित वाणिज्य प्रवृत्ति: तीव्र वितरण सेवाओं, जैसे कि उसी दिन या कुछ घंटों के भीतर डिलीवरी (उदाहरण के लिये, ज़ेप्टो और ब्लिंकिट) हेतु उपभोक्ता की प्राथमिकता, के लिये नवीन लास्ट माइल सॉल्यूशन की आवश्यकता होती है।
    • रसद अवसंरचना:
      • वेयरहाउसिंग की आवश्यकताएँ: इन्वेंट्री प्रबंधन के लिये स्वचालन के साथ रणनीतिक वेयरहाउस विकास, बढ़ती मांग को पूरा करने के लिये आवश्यक है (उदाहरण के लिये, कई राज्यों में अमेज़न के आपूर्ति केंद्र)।
      • मल्टीमॉडल हब: सड़क, रेल, वायु और जलमार्गों के एकीकरण से पारगमन समय एवं लागत कम हो जाती है (उदाहरण के लिये, सरकार की राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति- 2022 मल्टीमॉडल हब को लक्षित करती है)।
    • अंतिम मील डिलीवरी:
      • लागत निहितार्थ: लास्ट माइल डिलीवरी लागत कुल शिपिंग व्यय का 53% तक होती है, विशेष रूप से ग्रामीण और भीड़भाड़ वाले शहरी क्षेत्रों में।
      • प्रौद्योगिकी एकीकरण: AI-संचालित मार्ग अनुकूलन और रियल टाइम ट्रैकिंग दक्षता के लिये महत्त्वपूर्ण हैं (उदाहरण के लिये, फ्लिपकार्ट डिलीवरी पूर्वानुमान के लिये AI टूल का प्रयोग कर रहा है)।
      • पर्यावरणीय चुनौतियाँ: ई-कॉमर्स की बढ़ती मात्रा कार्बन उत्सर्जन और पैकेजिंग अपशिष्ट में योगदान देती है (उदाहरण के लिये, 100% ग्रीन डिलीवरी को बढ़ावा देने के बावजूद डिलीवरी के लिये पेट्रोल बाइक का प्रयोग करने वाली ज़ोमैटो जैसी सेवाओं से त्वरित-वाणिज्य पैकेजिंग अपशिष्ट)

    संवहनीय रसद विकास के लिये आवश्यक हस्तक्षेप

    • बुनियादी अवसंरचना विकास:
      • वेयरहाउस और लॉजिस्टिक्स पार्क: मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स हब की स्थापना से लागत कम होती है और कुशल संचालन सुनिश्चित होता है (उदाहरण के लिये, राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति का ध्यान ऐसे हब विकसित करने पर है)।
      • ग्रामीण लॉजिस्टिक्स स्टार्टअप: ग्रामीण लास्ट माइल डिलीवरी पर केंद्रित स्टार्टअप को समर्थन देने से अंतराल कम होता है और स्थानीय उद्यमशीलता को बढ़ावा मिलता है (उदाहरण के लिये, डेल्हीवरी का ग्रामीण विस्तार मॉडल)।
    • तकनीकी एकीकरण:
      • AI और ब्लॉकचेन: मार्ग प्रबंधन के लिये पूर्वानुमानात्मक विश्लेषण और जालसाZI की रोकथाम के लिये ब्लॉकचेन रसद दक्षता में सुधार करते हैं (उदाहरण के लिये, 
      • ट्रैकिंग पारदर्शिता बढ़ाने के लिये RFID टैग)।
      • स्थिरता प्रौद्योगिकियाँ: डिलीवरी और पुनर्चक्रण योग्य पैकेजिंग सामग्री के लिये इलेक्ट्रिक वाहन पर्यावरणीय प्रभाव को कम करते हैं (उदाहरण के लिये, अमेज़ॅन के लॉजिस्टिक्स बेड़े में EV एकीकरण)।
    • सरकारी सहायता:
      • डिजिटल कॉमर्स के लिये खुला नेटवर्क (ONDC): यह छोटे खुदरा विक्रेताओं और MSME को ई-कॉमर्स क्षेत्र में प्रतिस्पर्द्धा करने में सक्षम बनाता है, विशेष रूप से वंचित क्षेत्रों में।
      • लॉजिस्टिक्स में FDI: परिवहन और भंडारण बुनियादी अवसंरचना में निजी निवेश को प्रोत्साहित करता है।
    • सामाजिक एवं पर्यावरणीय उत्तरदायित्व:
      • श्रमिक कल्याण: स्वास्थ्य बीमा और न्यूनतम वेतन सहित गिग श्रमिकों के लिये व्यापक सामाजिक सुरक्षा उपाय, श्रमिक चिंताओं को दूर कर सकते हैं। 
      • सतत् अभ्यास: पर्यावरण अनुकूल संचालन और कार्बन-शून्य वितरण पहल के लिये ग्रीन प्रमाणन पर्यावरणीय ज़िम्मेदारी को बढ़ावा देते हैं (उदाहरण के लिये, प्लास्टिक मुक्त पैकेजिंग के लिये फ्लिपकार्ट की पहल)।

    निष्कर्ष

    भारत में ई-कॉमर्स की तीव्रता से हो रही वृद्धि लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर और लास्ट माइल डिलीवरी क्षमताओं में निवेश से जुड़ी हुई है। प्रौद्योगिकी द्वारा सरकारी हस्तक्षेप और संवहनीय प्रथाओं के माध्यम से इन चुनौतियों का समाधान करना सुनिश्चित होगा कि ई-कॉमर्स समावेशी, कुशल तथा पर्यावरण के प्रति ज़िम्मेदार बने रहते हुए विकसित हो।

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