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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    वैश्वीकरण से आप क्या समझते हैं? इसकी प्रक्रिया को समझाएँ तथा यह बताएँ कि क्या वैश्वीकरण पश्चिमीकरण का पर्याय है?

    05 Dec, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 1 भारतीय समाज

    उत्तर :

    उत्तर की रूपरेखा- 

    • परिचय में वैश्वीकरण और पश्चिमीकरण को संक्षेप में समझाएँ।
    • विभिन्न कालों में वैश्वीकरण की प्रक्रिया को बताएँ।
    • हाल के संदर्भों में वैश्वीकरण व पश्चिमीकरण की चर्चा करें।

    वैश्वीकरण का तात्पर्य विश्व के विभिन्न समाजों और अर्थव्यस्थाओं के एकीकरण से है। यह उत्पादों, विचारों, दृष्टिकोणों, विभिन्न सांस्कृतिक पहलुओं आदि के आपसी विनिमय के परिणाम से उत्पन्न विचार है। इसके कारण विश्व में विभिन्न लोगों, क्षेत्रों एवं देशों के मध्य अन्तःनिर्भरता में वृद्धि होती है। वहीं पश्चिमीकरण का आशय ऐसी प्रक्रिया से है,  जिसके अंतर्गत समाज के विभिन्न पहलुओं यथा- भाषा, रहन-सहन, उद्योग, प्रौद्योगिकी, आर्थिक गतिविधि, राजनीति आदि में पश्चिमी विशेषताओं का समावेश होने लगता है।

    वैश्वीकरण की प्रक्रिया:   

    • वैश्वीकरण कोई नवीन अवधारणा नहीं है बल्कि यह एक प्राचीन अवधारणा है। इसका बीज पाश्चात्य पूंजीवाद व उपनिवेशवाद में देखा जा सकता है  और जिसने अन्य देशों के संसाधनों पर नियंत्रण के रूप में अपनी प्रक्रिया को आगे बढ़ाया।
    • इससे पूर्व भी प्राचीन काल में प्रसिद्ध रेशम मार्ग द्वारा भी भारतीय उपमहाद्वीप समेत चीन, फारस, यूरोप और अरब देशों के साथ व्यापार-वाणिज्य के माध्यम से सभ्यताओं के बीच अंतर्क्रिया बढ़ी।
    • समय के साथ विभिन्न धर्मों जैसे- इस्लाम, बौद्ध और हिन्दू धर्म का यूरोप व अफ्रीका के देशों में प्रचार-प्रसार भी वैश्वीकरण का उदाहरण है।
    • ब्रिटेन या अन्य यूरोपीय देशों द्वारा उपनिवेशों में प्रचलित संस्कृति, भाषा, दर्शन आदि को अपने देशों में पहुँचाया गया, जिससे वैश्वीकरण को बढ़ावा मिला। इस संदर्भ में औद्योगीकरण के पूर्व पश्चिमी देशों में भारतीय सूती वस्त्रों की व्यापक मांग को देखा जा सकता है।

    वैश्वीकरण और पश्चिमीकरण: 

    हाल ही में वैश्वीकरण को पश्चिमीकरण के पर्याय के रूप में देखा जा रहा है। इस अवधारणा का आधार यह है कि वैश्वीकरण एक आधुनिक परिघटना है। वर्तमान में सूचना क्रांति के प्रसार, विभिन्न देशों में बहुराष्ट्रीय कंपनियों की स्थापना और पश्चिम की प्रभाविता से संचालित अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के माध्यम से वैश्वीकरण की प्रक्रिया पश्चिम से निर्गत हुई प्रतीत होती है। इसके अतिरिक्त गैर-पश्चिमी देशों में भी पश्चिमी संस्कृति व जीवन शैली को लेकर स्वीकार्यता बढ़ी है। किंतु यह भी सत्य है कि पूर्व के देशों की संस्कृतियों का प्रसार पश्चिम सहित दुनिया के अन्य देशों में भी हुआ है। 

    इस तरह यह कहा जा सकता है कि पश्चिमीकरण एक द्विमार्गी प्रक्रिया है और पश्चिमीकरण वैश्वीकरण के कई घटकों में से एक है। उल्लेखनीय है कि वैश्वीकरण पश्चिमीकरण की अपेक्षा एक नई परिघटना है।

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