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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    प्रश्न: "पठारों को अक्सर 'खनिजों का खजाना' कहा जाता है। दुनिया के प्रमुख पठारों के संदर्भ में इस कथन पर चर्चा कीजिये।" (150 शब्द)

    16 Dec, 2024 सामान्य अध्ययन पेपर 1 भूगोल

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण: 

    • पठार को 'खनिजों का खज़ाना' के रूप में परिभाषित करते हुए उत्तर दीजिये।
    • विश्व के प्रमुख पठारों में खनिज संपदा का अन्वेषण कीजिये।
    • खनिज आधारित आर्थिक गतिविधि को दर्शाने में पठारों की भूमिका पर प्रकाश डालिये।
    • उचित निष्कर्ष दीजिये।

    परिचय:

    पठार, विवर्तनिक संचलनों, ज्वालामुखी गतिविधियों या अपरदन प्रक्रियाओं द्वारा निर्मित ऊँचे समतल क्षेत्र, अपनी खनिज समृद्धि के लिये जाने जाते हैं। ‘खनिजों का खज़ाना’ शब्द उपयुक्त है क्योंकि पठारों में धातु और गैर-धातु खनिजों के महत्त्वपूर्ण भंडार हैं, जो वैश्विक स्तर पर औद्योगिक एवं आर्थिक विकास को बढ़ावा देते हैं।

    मुख्य भाग:

    विश्व के प्रमुख पठारों में खनिज संपदा

    • छोटा नागपुर पठार (भारत): ‘भारत के खनिज हृदय’ के रूप में जाना जाने वाला यह पठार निम्नलिखित रूप से समृद्ध है:
      • कोयला: भारत के ऊर्जा क्षेत्र को सहायता प्रदान करता है।
      • लौह अयस्क: इस्पात उद्योग का आधार है।
      • मैंगनीज़ और अभ्रक: इलेक्ट्रॉनिक्स और विनिर्माण में उपयोग किया जाता है।
        • झरिया कोयला क्षेत्र और नोवामुंडी लौह अयस्क खदानें इसमें प्रमुख योगदानकर्त्ता हैं।
    • दक्कन का पठार (भारत): ज्वालामुखी गतिविधि से निर्मित, यह निम्न में समृद्ध है:
      • बॉक्साइट: एल्युमीनियम उद्योग के लिये महत्त्वपूर्ण।
      • सोना: कोलार स्वर्ण क्षेत्र में पाया जाता है।
        • काली कपास मिट्टी (रेगुर) कपास की खेती जैसी कृषि गतिविधियों के लिये सहायक होती है।
    • कोलोराडो पठार (संयुक्त राज्य अमेरिका): निम्नलिखित विशेषताओं के लिये प्रसिद्ध हैं:
      • यूरेनियम भंडार: परमाणु ऊर्जा के लिये आवश्यक।
      • ताँबा और पोटाश: इलेक्ट्रॉनिक्स और उर्वरकों में उपयोग किया जाता है।
        • इसमें ग्रैंड कैन्यन जैसे दर्शनीय स्थल भी हैं, जो इसके महत्त्व को बढ़ाते हैं।
    • तिब्बती पठार (चीन): निम्नलिखित तत्त्वों से समृद्ध भंडार हैं:
      • लिथियम: आधुनिक बैटरी प्रौद्योगिकी के लिये महत्त्वपूर्ण।
      • क्रोमाइट: इस्पात और मिश्र धातु उत्पादन में उपयोग किया जाता है।
        • यांग्त्ज़े और मेकांग जैसी नदियों की उपस्थिति के कारण यह एशिया के ‘वाटर टॉवर’ के रूप में कार्य करता है।
    • अफ्रीकी पठार:
      • सोना: दक्षिण अफ्रीका अपने सोने के भंडार के लिये प्रसिद्ध है। उदाहरण के लिये, विटवाटरसैंड बेसिन विश्व के सबसे बड़े सोना उत्पादक क्षेत्रों में से एक है।
      • ताँबा: कटंगा पठार (कांगो) में तांबे के विशाल भंडार हैं, जो वैश्विक तकनीकी उद्योग को शक्ति प्रदान करते हैं।
    • ब्राज़ील का पठार: इसका एक प्रमुख स्रोत:
      • लौह अयस्क और मैंगनीज़: ब्राज़ील की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना।
      • सोना: वैश्विक व्यापार के लिये ऐतिहासिक रूप से महत्त्वपूर्ण।

    खनिज आधारित आर्थिक गतिविधि को दर्शाने में पठारों की भूमिका

    • औद्योगिक आधार: पठारों से निष्कर्षित खनिज इस्पात, इलेक्ट्रॉनिक्स और ऊर्जा क्षेत्र जैसे उद्योगों को सहायता प्रदान करते हैं। (भारत में BALCO और NALCO)
    • निर्यातोन्मुख अर्थव्यवस्थाएँ: कांगो और ब्राज़ील जैसे देश पठार-आधारित खनिज निर्यात पर बहुत अधिक निर्भर हैं।
    • स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण: तिब्बती पठार से लिथियम और कोलोराडो पठार से यूरेनियम स्वच्छ ऊर्जा की ओर वैश्विक बदलाव को प्रेरित कर रहे हैं।

    निष्कर्ष

    पठारों की खनिज संपदा 'खनिजों का खज़ाना' के रूप में उनकी भूमिका को रेखांकित करती है, जो वैश्विक स्तर पर औद्योगिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देती है। छोटा नागपुर, कोलोराडो और कटंगा जैसे पठार ऐसे क्षेत्रों के प्रमुख उदाहरण हैं जहाँ खनिज संसाधन विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान देते हैं।

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