1. व्यक्तिगत या राष्ट्र दोनों ही स्तर पर प्रगति की राह हमारे सहजता के दायरे से परे है।2. प्रगति वह कला है, जो नवाचार और संरक्षण के बीच संतुलन स्थापित करती है।
प्रश्न का उत्तर जल्द ही प्रकाशित होगा।