प्रश्न: सतत् विकास लक्ष्यों और सेंडाई फ्रेमवर्क के बीच संबंधों का विश्लेषण कीजिये। आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिये एकीकृत दृष्टिकोण कैसे व्यापक सामाजिक-आर्थिक विकास को प्रोत्साहित कर सकता है? (250 शब्द)
उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिये सतत् विकास लक्ष्यों और सेंदाई फ्रेमवर्क के अंतर्संबंध पर संक्षिप्त जानकारी के साथ उत्तर दीजिये।
- SDG और सेंदाई फ्रेमवर्क के बीच अंतर्संबंधों पर प्रकाश डालिये।
- आपदा जोखिम न्यूनीकरण और सामाजिक-आर्थिक विकास के लिये एकीकृत दृष्टिकोणों पर गहन विचार प्रस्तुत कीजिये।
- सतत् विकास लक्ष्यों और सेंदाई फ्रेमवर्क को और अधिक एकीकृत करने के लिये उपाय सुझाइये।
- उचित निष्कर्ष दीजिये।
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परिचय आपदाएँ विकासात्मक लाभों के लिये एक महत्त्वपूर्ण खतरा हैं, जो कमज़ोर लोगों को असंगत रूप से प्रभावित करती हैं और संधारणीय प्रयासों को कमज़ोर करती हैं। सतत् विकास लक्ष्य (SDG) का उद्देश्य इन कमियों को दूर करना है, जबकि आपदा जोखिम न्यूनीकरण हेतु सेंदाई फ्रेमवर्क (SFDRR) 2015-2030 आपदा जोखिमों को कम करने के लिये एक संरचित रोडमैप प्रदान करता है।
मुख्य भाग:
सतत् विकास लक्ष्य और सेंदाइ फ्रेमवर्क के बीच अंतर्संबंध:
- साझा उद्देश्य:
- दोनों ही फ्रेमवर्क जोखिम में कमी, लचीलापन और समावेशिता को प्राथमिकता देते हैं। उदाहरण के लिये:
- SDG 1 (गरीबी उन्मूलन) आपदा-संबंधी नुकसान को कम करने पर SFDRR के ज़ोर के अनुरूप है।
- SDG 11 (संधारणीय शहर और समुदाय) सीधे तौर पर SFDRR के आपदा-प्रतिरोधी बुनियादी अवसंरचना पर ध्यान केंद्रित करने के अनुरूप है।
- उदाहरण: भारत की प्रधानमंत्री आवास योजना में निम्न आय वाले परिवारों के लिये आपदा-रोधी आवास शामिल किया गया है, जो सतत् विकास लक्ष्य और SFDRR लक्ष्यों को पूरा करता है।
- समन्वित सिद्धांत:
- जोखिम-संवेदनशील योजना, सामुदायिक सशक्तीकरण और पर्यावरणीय संधारणीयता दोनों ही फ्रेमवर्क के मूल सिद्धांत हैं।
- उदाहरण: जापान द्वारा शहरी नियोजन में आपदा आघातसहनीयता को शामिल करने से SDG 11 और SFDRR के शहरी कमज़ोरियों को कम करने के लक्ष्य को प्रोत्साहन मिलता है।
आपदा जोखिम न्यूनीकरण और सामाजिक-आर्थिक विकास के लिये एकीकृत दृष्टिकोण:
- आपदा जोखिम को समझना: जोखिम का व्यवस्थित मूल्यांकन प्रभावी नीति-निर्माण और कुशल संसाधन उपयोग को सक्षम बनाता है।
- चक्रवात के लिये बांग्लादेश के तैयारी कार्यक्रम, जो विस्तृत जोखिम विश्लेषण पर आधारित है, के कारण चक्रवात से संबंधित मौतों में उल्लेखनीय कमी हुई है तथा तटीय क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा दिया है।
- आपदा जोखिम प्रशासन को सुदृढ़ बनाना: सुदृढ़ संस्थाएँ और सहभागी प्रशासन DRR रणनीतियों के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करते हैं।
- उदाहरण: केरल के विकेंद्रीकृत आपदा प्रशासन फ्रेमवर्क ने बाढ़ के दौरान त्वरित प्रतिक्रिया और पुनर्वास को सक्षम किया, अनुकूलन क्षमता को बढ़ावा दिया तथा SDG 16 (शांति, न्याय और सुदृढ़ संस्थान) के साथ संरेखित किया।
- समुत्थानशीलन में निवेश: आपदा-प्रतिरोधी बुनियादी अवसंरचना, कृषि और ऊर्जा में वित्तीय निवेश से कमज़ोरियाँ कम होती हैं तथा आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा मिलता है।
- उदाहरण: वियतनाम की मैंग्रोव पुनर्भरण परियोजना मत्स्य पालन और जैवविविधता को बढ़ाने के साथ-साथ तटीय समुदायों को चक्रवातों से बचाती है (SDG 15)।
- तैयारी बढ़ाना और बेहतर पुनर्निर्माण करना: आपदा के बाद की पुनर्प्राप्ति से न केवल आपदा-पूर्व की स्थिति बहाल होनी चाहिये, बल्कि उसमें सुधार भी होना चाहिये।
- उदाहरण: वर्ष 2004 की सुनामी के बाद, इंडोनेशिया के आचे प्रांत ने अपने पुनर्निर्माण प्रयासों में संधारणीय कृषि और पर्यावरण अनुकूल आवास को एकीकृत किया, जिससे SDG 13 (जलवायु कार्रवाई) के साथ दीर्घकालिक विकास को बढ़ावा मिला।
सतत् विकास लक्ष्यों और सेंदाइ फ्रेमवर्क को और अधिक एकीकृत करने के उपाय:
- विकास नीतियों में आपदा जोखिम न्यूनीकरण (DRR) को मुख्यधारा में लाना: SDG लक्ष्यों के साथ संरेखण सुनिश्चित करने के लिये DRR सिद्धांतों को राष्ट्रीय और क्षेत्रीय विकास योजनाओं में शामिल करना चाहिये।
- क्षमता निर्माण और स्थानीय सशक्तीकरण: स्थानीय सरकारों और समुदायों को जोखिमों का आकलन करने एवं शमन रणनीतियों को लागू करने के लिये प्रशिक्षित किया जाना चाहिये।
- समुदाय-आधारित आपदा प्रबंधन कार्यक्रमों का विस्तार किया जाना चाहिये, विशेष रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में।
- डेटा और प्रौद्योगिकी एकीकरण को सुदृढ़ करना: AI, IoT और GIS मैपिंग जैसी उन्नत प्रौद्योगिकी के माध्यम से सुदृढ़ पूर्व चेतावनी प्रणाली विकसित किया जाना चाहिये।
- नीति-निर्माताओं और समुदायों द्वारा बेहतर निर्णय लेने के लिये जोखिम संबंधी आँकड़ों तक खुली पहुँच सुनिश्चित की जानी चाहिये।
- वैश्विक साझेदारी का लाभ उठाना: सर्वोत्तम प्रथाओं, संसाधनों और प्रौद्योगिकियों को साझा करने के लिये जापान जैसे देशों के साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग किया जाना चाहिये।
- अनुकूलन क्षमताओं को बढ़ाने के लिये आपदा रोधी अवसंरचना गठबंधन (CDRI) जैसी वैश्विक पहलों का लाभ उठाया जाना चाहिये।
- आपदाओं के बाद संधारणीय प्रथाओं को प्रोत्साहित करना: पुनर्निर्माण परियोजनाओं को स्थिरता लक्ष्यों से जोड़ने की आवश्यकता है, जैसे नवीकरणीय ऊर्जा का अंगीकरण या पर्यावरण-अनुकूल शहरी डिज़ाइन।
- आपदा के बाद की पुनर्प्राप्ति के प्रयासों को वित्तपोषित करने के लिये ग्रीन बॉण्ड का उपयोग किया जाना चाहिये जो SDG 7 (सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा) जैसे SDG के अनुरूप हों।
निष्कर्ष:
SDG और सेंदाई फ्रेमवर्क को एकीकृत करने से यह सुनिश्चित होता है कि आपदा जोखिम न्यूनीकरण सतत् विकास की आधारशिला बन जाए। बहु-क्षेत्रीय दृष्टिकोण अपनाकर, सामुदायिक आघातसहनीयता बढ़ाकर और अभिनव समाधानों को बढ़ावा देकर, देश में कमज़ोरियों को कम किया जा सकता है, विकास संबंधी लाभों की रक्षा की जा सकती है तथा समावेशी, आपदा-प्रतिरोधी समाज का निर्माण किया जा सकता है।