प्रश्न: भारत ने अपने बहुपक्षीय हितों को आगे बढ़ाने और वैश्विक आर्थिक व्यवस्था को नया आकार देने में जी-20 मंच का किस प्रकार प्रभावी उपयोग किया है? विश्लेषण कीजिये। (150 शब्द)
उत्तर :
दृष्टिकोण:
- G20 और भारत की G20 अध्यक्षता के बारे में संक्षिप्त जानकारी देकर उत्तर प्रस्तुत कीजिये।
- बहुपक्षीय हितों को आगे बढ़ाने के लिये भारत द्वारा G20 मंच के उपयोग के पक्ष में तर्क दीजिये।
- वैश्विक आर्थिक ढाँचे को नया आयाम देने में भारत की भूमिका पर गहन विचार प्रस्तुत कीजिये।
- उचित निष्कर्ष दीजिये।
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परिचय:
वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 85% और विश्व की दो-तिहाई जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करने वाला G20 आर्थिक सहयोग तथा वैश्विक शासन के लिये एक प्रमुख मंच है।
- भारत ने वर्ष 2023 में G20 के अध्यक्ष के रूप में, समावेशी विकास, जलवायु कार्रवाई और ग्लोबल साउथ एकजुटता पर ध्यान केंद्रित करते हुए, अपने बहुपक्षीय हितों को बढ़ावा देने के लिये रणनीतिक रूप से इस मंच का लाभ उठाया।
- भू-राजनीतिक तनावों के बावजूद, भारत ने बहुपक्षवाद पर ज़ोर देते हुए नई दिल्ली घोषणा पर आम सहमति हासिल की।
मुख्य भाग:
बहुपक्षीय हितों को आगे बढ़ाने के लिये भारत द्वारा G20 मंच का उपयोग:
- ग्लोबल साउथ का समर्थन
- ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन की आवाज़: विकासशील देशों के लिये 1.8 ट्रिलियन डॉलर के जलवायु वित्त अंतर पर प्रकाश डालते हुए, भारत ने ऋण पुनर्गठन, जलवायु वित्त और प्रौद्योगिकी अंतरण में विकासशील देशों के हितों का समर्थन किया।
- अफ्रीकी संघ में समावेश: भारत ने G20 में अफ्रीकी संघ की स्थायी सदस्यता के लिये ज़ोर दिया, जिससे ग्लोबल साउथ का प्रतिनिधित्व बढ़ गया।
- प्रौद्योगिकी-संचालित विकास को आगे बढ़ाना
- डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (DPI): भारत ने व्यापक, समावेशी डिजिटल समाधानों को बढ़ावा देने के लिये UPI, आधार और कोविन के साथ अपनी सफलता का प्रदर्शन किया।
- ज्ञान साझा करने के लिये वैश्विक डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना भंडार की शुरुआत की गई।
- सतत् विकास और हरित वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करना
- जलवायु कार्रवाई: भारत ने संधारणीय उपभोग को बढ़ावा देने के लिये पर्यावरण के लिये जीवनशैली (LiFE) सिद्धांतों पर बल दिया।
- नवीकरणीय ऊर्जा संक्रमण: One Sun, One World, One Grid vision (एक सूर्य, एक विश्व, एक ग्रिड दृष्टिकोण) और वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन के माध्यम से सौर ऊर्जा के विस्तार के लिये प्रस्तावित पहल।
- क्षेत्रीय संपर्क: भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (IMEC), जिसका अनावरण भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान किया गया, चीन की बेल्ट एंड रोड पहल (BRI) के लिये एक रणनीतिक विकल्प के रूप में कार्य करता है, जो व्यापार मार्ग पारगमन समय में संभावित 40% की कमी में योगदान देता है।
वैश्विक आर्थिक ढाँचे को नया आकार देने में भारत की भूमिका
- बहुपक्षीय संस्थाओं में सुधार: भारत ने निर्णय लेने वाले निकायों में विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के अधिक न्यायसंगत प्रतिनिधित्व की आवश्यकता पर बल दिया।
- कमज़ोर अर्थव्यवस्थाओं के लिये ऋण राहत: श्रीलंका जैसी संकटग्रस्त अर्थव्यवस्थाओं में ऋण पुनर्गठन के लिये ढाँचे का समर्थन किया।
- आपदा आघातसहनीयता और जलवायु वित्तपोषण में नेतृत्व: भारत ने द्वीपीय देशों जैसे संवेदनशील क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए आर्थिक नीतियों में आपदा जोखिम न्यूनीकरण को एकीकृत करने की पहल का आह्वान किया।
- G20 में आपदा रोधी अवसंरचना गठबंधन (CDRI) पर प्रकाश डाला गया।
- डिजिटल फाइनेंशियल आर्किटेक्चर: भारत के UPI ने भूटान, संयुक्त अरब अमीरात, मलेशिया, सिंगापुर और अन्य देशों में पहल के साथ वैश्विक गति प्राप्त की है और यह डिजिटल फाइनेंशियल आर्किटेक्चर के लिये एक मॉडल के रूप में कार्य करता है।
निष्कर्ष:
G20 की अध्यक्षता में भारत ने वैश्विक चर्चाओं को समानता, समावेशिता और स्थिरता की ओर ले जाने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। ग्लोबल साउथ का समर्थन करके और वैश्विक वित्तीय संरचनाओं में सुधारों का समर्थन करके, भारत ने बहुपक्षीय सहयोग के भविष्य को आयाम देने में स्वयं को एक नेतृत्वकार के रूप में स्थापित किया है।