आप एक राजनीतिक रूप से संवेदनशील ज़िले में ज़िला निर्वाचन अधिकारी (DEO) हैं, जहाँ निकाय चुनाव आयोजित किये जा रहे हैं। चुनाव से कुछ दिन पूर्व, एक प्रमुख उम्मीदवार का डीपफेक वीडियो सामने आता है, जिसमें उन्हें एक विशेष समुदाय के बारे में विवादास्पद टिप्पणी करते हुए दिखाया गया है। वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर तेज़ी से शेयर किया जाता है, जिससे व्यापक गलत सूचनाएँ फैलती हैं, स्थानीय समुदायों के बीच तनाव बढ़ता है और कई हिंसक विरोध प्रदर्शन होते हैं। पुलिस स्थिति को नियंत्रित करने के लिये संघर्ष कर रही है और चुनाव अधिकारी इस मुद्दे के समाधान हेतु भारी दबाव में हैं।
डीईओ के रूप में, आपको स्थिति को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने का काम सौंपा गया है। आपको वीडियो के प्रसार को रोकने और ज़िले में शांति स्थापित करने के लिये स्थानीय कानून प्रवर्तन, सोशल मीडिया कंपनियों तथा अन्य हितधारकों के साथ समन्वय करना है। आपको यह भी सुनिश्चित करना होगा कि चुनाव प्रक्रिया की अखंडता की रक्षा करते हुए भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जाए।
1. इस स्थिति में कौन-कौन से हितधारक शामिल हैं?
2. डीपफेक पर अंकुश लगाने के लिये क्या कानून हैं?
3. डीप फेक वीडियो के प्रसार को रोकने और स्थिति को नियंत्रितत करने के लिये आप क्या कदम उठाएंगे?
परिचय:
राजनीतिक रूप से संवेदनशील ज़िले में ज़िला निर्वाचन अधिकारी (DEO) को उस समय संकट का सामना करना पड़ता है जब एक प्रमुख उम्मीदवार द्वारा विवादित टिप्पणी करने का एक डीप फेक वीडियो वायरल हो जाता है, जिससे हिंसा और अशांति फैल जाती है। DEO को वीडियो के प्रसार को रोकने के लिये कानून प्रवर्तन, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और अन्य हितधारकों के साथ समन्वय करना चाहिये। स्थिति नियंत्रण के साथ शांति बहाल करने, चुनाव प्रक्रिया को बाधित न होने देने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिये तत्काल कार्रवाई की मांग की जाती है।
मुख्य भाग:
शामिल हितधारक
हितधारक |
स्थिति में भूमिका |
ज़िला प्रशासन |
गलत सूचना से निपटने के लिये सभी हितधारकों के साथ शांति और समन्वय सुनिश्चित करना। |
कानून प्रवर्तन एजेंसी |
कानून और व्यवस्था का प्रबंधन करना, हिंसा के लिये ज़िम्मेदार लोगों की पहचान कर उन्हें पकड़ना एवं कार्रवाई करना। |
निर्वाचन आयोग (ECI) |
चुनाव प्रक्रिया की अखंडता सुनिश्चित करना तथा गहन नियंत्रण के लिये दिशा-निर्देश जारी करना। |
सोशल मीडिया कंपनियाँ |
वीडियो को तुरंत हटाना तथा तथ्य-जाँच तंत्र के माध्यम से इसके प्रसार पर रोक लगाना। |
साइबर अपराध इकाई |
डीपफेक के स्रोत की जाँच करना और इसके प्रसार को रोकना। |
स्थानीय समुदाय के नेता |
तनाव को शांत करने में सहायता करना और जनता के साथ संचार सुनिश्चित करना। |
मीडिया हाउस |
गलत सूचना का मुकाबला करने के लिये तथ्यात्मक का प्रसार करना। |
नागरिक समाज समूह |
प्रौद्योगिकी के दुरुपयोग से निपटने के लिये जागरूकता बढ़ाना और डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देना। |
2. डीपफेक पर अंकुश लगाने के लिये कानून और विधिक संरचना
3. स्थिति को प्रबंधित करने के लिये उठाए जाने वाले कदम
निष्कर्ष:
डीपफेक संकट से निपटने के लिये बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जिसमें वीडियो को तत्काल हटाना, कानून और व्यवस्था को बहाल करना तथा चुनाव की निष्पक्षता सुनिश्चित करना शामिल है। प्रौद्योगिकी में निवेश, विधिक संरचना को सुदृढ़ करने और सार्वजनिक जागरूकता का निर्माण जैसे दीर्घकालिक उपाय यह सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में इसी तरह की घटनाओं को कम किया जाए तथा लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की सुरक्षा की जाए।