लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    आप एक राजनीतिक रूप से संवेदनशील ज़िले में ज़िला निर्वाचन अधिकारी (DEO) हैं, जहाँ निकाय चुनाव आयोजित किये जा रहे हैं। चुनाव से कुछ दिन पूर्व, एक प्रमुख उम्मीदवार का डीपफेक वीडियो सामने आता है, जिसमें उन्हें एक विशेष समुदाय के बारे में विवादास्पद टिप्पणी करते हुए दिखाया गया है। वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर तेज़ी से शेयर किया जाता है, जिससे व्यापक गलत सूचनाएँ फैलती हैं, स्थानीय समुदायों के बीच तनाव बढ़ता है और कई हिंसक विरोध प्रदर्शन होते हैं। पुलिस स्थिति को नियंत्रित करने के लिये संघर्ष कर रही है और चुनाव अधिकारी इस मुद्दे के समाधान हेतु भारी दबाव में हैं।

    डीईओ के रूप में, आपको स्थिति को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने का काम सौंपा गया है। आपको वीडियो के प्रसार को रोकने और ज़िले में शांति स्थापित करने के लिये स्थानीय कानून प्रवर्तन, सोशल मीडिया कंपनियों तथा अन्य हितधारकों के साथ समन्वय करना है। आपको यह भी सुनिश्चित करना होगा कि चुनाव प्रक्रिया की अखंडता की रक्षा करते हुए भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जाए।

    1. इस स्थिति में कौन-कौन से हितधारक शामिल हैं?
    2. डीपफेक पर अंकुश लगाने के लिये क्या कानून हैं?
    3. डीप फेक वीडियो के प्रसार को रोकने और स्थिति को नियंत्रितत करने के लिये आप क्या कदम उठाएंगे?

    22 Nov, 2024 सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़

    उत्तर :

    परिचय:

    राजनीतिक रूप से संवेदनशील ज़िले में ज़िला निर्वाचन अधिकारी (DEO) को उस समय संकट का सामना करना पड़ता है जब एक प्रमुख उम्मीदवार द्वारा विवादित टिप्पणी करने का एक डीप फेक वीडियो वायरल हो जाता है, जिससे हिंसा और अशांति फैल जाती है। DEO को वीडियो के प्रसार को रोकने के लिये कानून प्रवर्तन, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और अन्य हितधारकों के साथ समन्वय करना चाहिये। स्थिति नियंत्रण के साथ शांति बहाल करने, चुनाव प्रक्रिया को बाधित न होने देने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिये तत्काल कार्रवाई की मांग की जाती है। 

    मुख्य भाग:

    शामिल हितधारक

    हितधारक

    स्थिति में भूमिका

    ज़िला प्रशासन

    गलत सूचना से निपटने के लिये सभी हितधारकों के साथ शांति और समन्वय सुनिश्चित करना।

    कानून प्रवर्तन एजेंसी

    कानून और व्यवस्था का प्रबंधन करना, हिंसा के लिये ज़िम्मेदार लोगों की पहचान कर उन्हें पकड़ना एवं कार्रवाई करना।

    निर्वाचन आयोग (ECI)

    चुनाव प्रक्रिया की अखंडता सुनिश्चित करना तथा गहन नियंत्रण के लिये दिशा-निर्देश जारी करना।

    सोशल मीडिया कंपनियाँ

    वीडियो को तुरंत हटाना तथा तथ्य-जाँच तंत्र के माध्यम से इसके प्रसार पर रोक लगाना।

    साइबर अपराध इकाई

    डीपफेक के स्रोत की जाँच करना और इसके प्रसार को रोकना।

    स्थानीय समुदाय के नेता

    तनाव को शांत करने में सहायता करना और जनता के साथ संचार सुनिश्चित करना।

    मीडिया हाउस

    गलत सूचना का मुकाबला करने के लिये तथ्यात्मक का प्रसार करना।

    नागरिक समाज समूह

    प्रौद्योगिकी के दुरुपयोग से निपटने के लिये जागरूकता बढ़ाना और डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देना।

    2. डीपफेक पर अंकुश लगाने के लिये कानून और विधिक संरचना 

    • IT अधिनियम, 2000:
      • धारा 66E: यह डीपफेक अपराधों पर भी लागू होती है जिसमें किसी व्यक्ति की छवियों को अनधिकृत रूप से कैप्चर करना, प्रकाशित करना या प्रसारित करना शामिल होता है, जिससे उनकी गोपनीयता का उल्लंघन होता है।
      • धारा 69A: सार्वजनिक व्यवस्था को खतरा पहुँचाने वाले कंटेंट तक सार्वजनिक पहुँच को अवरुद्ध करने का प्रावधान करती है।
    • जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951:
      • धारा 125: चुनाव के संबंध में वर्गों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने वाले कार्यों पर रोक लगाती है।
    • डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023: 
      • डिजिटल व्यक्तिगत डेटा के प्रसंस्करण को विनियमित करना, विशिष्ट उद्देश्यों और संबंधित मामलों के लिये वैध प्रसंस्करण की आवश्यकता के साथ अपने डेटा की सुरक्षा हेतु व्यक्तियों के अधिकारों को संतुलित करना।
    • अन्य:
      • डिजिटल इंडिया अधिनियम (ड्राफ्ट) जैसी आगामी पहल, AI-जनरेटेड कंटेंट के लिये सख्त नियमों का प्रस्ताव करती है।

    3. स्थिति को प्रबंधित करने के लिये उठाए जाने वाले कदम

    • तत्काल उपाय:
      • सोशल मीडिया कंपनियों के साथ समन्वय: IT अधिनियम के तहत प्लेटफॉर्मों को वीडियो को तुरंत हटाने के लिये सूचित किया जाना चाहिये।
        • वीडियो को गलत साबित करने के लिये तथ्य-जाँच तंत्र का उपयोग किया जाना चाहिये और प्रति-कथन को बढ़ावा दिया जाना चाहिये।
      • कानून प्रवर्तन कार्रवाई: आगे की हिंसा को रोकने के लिये प्रभावित क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू की जानी चाहिये।
        • डीपफेक के निर्माता/वितरक की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने के लिये साइबर अपराध इकाई को सक्रिय किया जाना चाहिये।
      • सामुदायिक पहुँच: तनाव को शांत करने और प्रभावित समूहों की चिंताओं को दूर करने के लिये सामुदायिक नेताओं के साथ संपर्क स्थापित किया जाना चाहिये।
        • नागरिकों को निष्पक्ष और सुरक्षित चुनाव प्रक्रिया का आश्वासन देने के लिये सार्वजनिक ब्रीफिंग आयोजित किया जाना चाहिये।
    • मध्यम अवधि के उपाय:
      • चुनाव की अखंडता को मज़बूत करना: ECI की मीडिया प्रमाणन और निगरानी समिति के माध्यम से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों की निगरानी बढ़ाई जानी चाहिये। 
        • गलत सूचनाओं का मुकाबला करने और सूचित निर्णय लेने को बढ़ावा देने के लिये मतदाता जागरूकता अभियान का प्रसार किया जाना चाहिये।
      • कानून प्रवर्तन के लिये क्षमता निर्माण: डीपफेक से संबंधित मुद्दों को प्रभावी ढंग से निपटने के लिये पुलिस और साइबर अपराध इकाइयों के लिये प्रशिक्षण आयोजित किये जाने चाहिये।
      • मीडिया के साथ सहयोग: मीडिया हाउस को सत्यापित समाचार प्रकाशित करने और गलत सूचनाओं का मुकाबला करने के लिये प्रोत्साहित करें।
    • दीर्घकालिक उपाय:
      • निवारक प्रौद्योगिकी का उपयोग: तकनीकी फर्मों के सहयोग से डीपफेक पहचान उपकरणों, जैसे कि AI-संचालित तथ्य-जाँच एल्गोरिदम, में निवेश किया जाना चाहिये।
      • जन-जागरूकता और डिजिटल साक्षरता: नागरिकों को डीपफेक कंटेंट की पहचान करने और उसकी रिपोर्ट करने के बारे में शिक्षित करने के लिये कार्यक्रम चलाए जाने चाहिये।
      • नीति सुदृढ़ीकरण: सख्त विषय-वस्तु विनियमन के लिये डिजिटल इंडिया अधिनियम के शीघ्र पारित होने और कार्यान्वयन का समर्थन किया जाना चाहिये।
      • सहयोगात्मक रूपरेखा: गलत सूचनाओं से सक्रिय रूप से निपटने के लिये सरकार, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों और नागरिक समाज के बीच साझेदारी को बढ़ावा दिया जाना चाहिये।

    निष्कर्ष: 

    डीपफेक संकट से निपटने के लिये बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जिसमें वीडियो को तत्काल हटाना, कानून और व्यवस्था को बहाल करना तथा चुनाव की निष्पक्षता सुनिश्चित करना शामिल है। प्रौद्योगिकी में निवेश, विधिक संरचना को सुदृढ़ करने और सार्वजनिक जागरूकता का निर्माण जैसे दीर्घकालिक उपाय यह सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में इसी तरह की घटनाओं को कम किया जाए तथा लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की सुरक्षा की जाए।

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2